डॉ. पुनीत धवन एक बेहद योग्य आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने पूरी तरह से प्राकृतिक और उत्कृष्ट उपचार तकनीकों के साथ गुर्दे की परेशानी से जूझ रहे लाखों मरीजों को ठीक किया हैं। डायलिसिस मुक्त समाज बनाने के लिए उन्होंने दुनिया के हर हिस्से को पार कर लिया है। सुरक्षित प्रक्रियाओं और सही आहार के साथ उन्होंने डायलिसिस / किडनी को किसी भी साइड इफेक्ट्स के बिना लाखों लोगों को ठीक किया है। साथ ही उनके गंभीर गुर्दे की बीमारियों से जूझ रहे कई मरीजों के लिए एक आशीर्वाद के रूप में साबित हुए हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको किडनी सिकुड़ने के घरेलू उपाय के बारे में बताएँगे जो बहुत आसान भी होंगे पर इसे पहले हम इनके लक्षणों और कारणों पर ध्यान देंगे।
शराब पीना (अल्कोहोल) सेहत के लिए हानिकारक होता है। यह तो हम हमेशा ही पढ़ते व सुनते है, लेकिन शरीर के किस भाग पर इसका सबसे जयादा प्रभाव पड़ता है इस बात की भी आपको जानकारी होनी चाहिए।
किडनी का इन्फेक्शन एक विशिष्ट प्रकार का मूत्र पथ इन्फेक्शन हैं जो आमतौर पर आपके मूत्रमार्ग या मूत्राशय से शुरु होता हैं और आपके किडनी तक जाता हैं। किडनी इन्फेक्शन के लिए जल्दी से डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती हैं।
प्रोटीनूरिया एक ऐसी बीमारी हैं जो मूत्र में प्रोटीन की अत्यधिक या उच्च मात्रा की उपस्थिति, किडनी की बीमारी का प्रारंभिक संकेत हो सकता हैं। स्वस्थ गुर्दे मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकलने के लिए प्रोटीन की एक महत्वपूर्ण मात्रा की अनुमति नहीं देते हैं
जब ब्लड का लेवल बढ़ने लगता है तो तब किडनी खराब होने लगती है। एक लेवल पार करने के बाद रोगी को डायलिसिस की जरूरत हो जाती है। इस बीमारी से बचने से पहले हमें ये जरूर जानलेना चाहिए कि सीरम क्रिएटिनिन है क्या?
शरीर से उचित द्रव संतुलन को बनाए रखने, अपशिष्ट पदार्थ को हटाने और रक्त से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने के लिए किडनी महत्वपूर्ण काम करती है। किडनी पेशाब को बनाती है जो चयापचय अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर करने में मदद करता है।
आज लगभग 15 प्रतिशत अमेरीकी लोगों को क्रोनिक किडनी की बीमारियां हैं। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और अवयवों के कम उपयोग के कारण दुनिया भर में संख्याएं बढ़ रही हैं। आज लोग एक प्रदूषित वातावरण में रह रहे हैं और ये एक अपर्याप्त जीवनशैली है
दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग किडनी की समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग मध्यम या बुढापे की उम्र में हैं जो पहले से ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। उन लोगों के बीच किडनी की समस्याएं भी आम हैं जिन्हे विरासत में मिली हो।
प्रोटीनूरिया डायबीटिज़ रोगियों के बीच एक आम समस्या है। यदि प्रोटीनुरिया मौजूद है तो यह हो सकता है कि उन्हें पता नहीं है की रोगी डायबीटिज है, क्योंकि रोगी वास्तव में डायबीटिज का रोगी है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए कि वे डायबीटिज का टैस्ट करवाना पड़ता है।
किडनी रोग में क्रोनिक किडनी डिजीज सबसे ज्यादा गंभीर रोग हैं। साथ ही विशेषज्ञ के अनुसार, इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नहीं हैं। पिछले कई सालों से इस रोग के मरीजों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही हैं।