किडनी में इंफेक्शन एक विशिष्ट प्रकार का मूत्र पथ इंफेक्शन है जो ज्यादातर आपके मूत्रमार्ग या मूत्रशय से शुरु होता है और आपकी किडनी तक पंहुच जाता है। किडनी इंफेक्शन के लिए जल्दी से डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती है। अगर ठीक तरह से इलाज नुहीं किया जाए, तो किडनी का इंफेक्शन आपकी किडनी को स्थायी रूप से नुकसान पंहुचा सकता है या इंफेक्शन के इलाज में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल भी शामिल होता है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”
किडनी के इंफेक्शन के कारण
जब आपके पेशाब पथ की नली में बैक्टीरिया प्रवेश करता है और गुणन करते है। किडनी तक पंहुच जाते हैं तो आपको किडनी में इंफेक्शन हो सकता है। ये कारण किडनी में इंफेक्शन का सबसे आम कारण होता है। शरीर में किसी और जगह में इंफेक्शन रक्तप्रवाह में माध्यम से आपकी किडनी तक फैल सकता है। यघपि इस तरह से किडनी में इंफेक्शन होना असामान्य है, लेकिन ये हो सकता है कि आपने कृत्रिम जोड़ या ह्रदय में वाल्व लगवाया है जो संक्रमित हो जाता है। “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”
किडनी इंफेक्शन के लक्षण
- गर्म मौसम में भी ठंड लगना
- बुखार
- पेट दर्द
- बार-बार पेशाब जाना
- पेशाब करते समय जलन या दर्द होना
- पेट और जांघ के बीच के भाग में दर्द होना
- मतली या उल्टी
- पेशाब में मवाद या रक्त आना
- पेशाब में बदबू आना या धुंधला पेशाब आना “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”
शराब पीने से लीवर में इंफेक्शन
शराब का अधिक सेवन करना स्वास्थ्य के लिहाज से बिल्कुल भी सहीं नहीं होता है। इसके कारण कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती है। अगर शराब का नियमित रूप से अधिक सेवन किया जाएं तो इससे वीर्य यानी स्पर्म को नुकसान हो सकता है। मशहूर नाटककार शेक्सपीयर ने कहा है, ‘शराब कामेच्छा तो जगाती है, लेकिन काम को बिगाड़ती भी है।’ ये बिल्कुल सच है। शराब के सेवन से नपुंसकता का भी खतरा रहता है। साथ ही शराब पीने वाले लोगों को लीवर से जुड़ी कई समस्याएं हो जाती है। अल्कोहल के ज्यादा सेवन से लीवर में सूजन या इसके पूरी तरह खराब होने का खतरा होता है, लेकिन कई लोगों को शराब पीने की इतनी आदत होती है कि वे इसको छोड़ ही नहीं पाते। ऐसे में अच्छी डाइट और जीवनशैली को बदलना स्वस्थ लीवर के लिए बहुत जरूरी है। “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”
आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार किडनी के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। जो कम समय में ही किडनी रोगियों को ठीक कर देती है। किडनी के इन लक्षणों को लंबे समय तक अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए और आयुर्वेदिक किडनी उपचार इस पर सबसे अच्छा काम कर सकता है। आयुर्वेदिक तीन दोषों अर्थात पिट्टा, कफ और वाता पर केंद्रित है। शरीर में हर कोई बीमारी इन वजह से ही होती है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और कार्बनिक दवाओं आयुर्वेदिक उपचार के मुख्य तत्व हैं। साथ ही इस्तेमाल की गई जड़ी-बूटी किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स से मुक्त होते हैं और किडनी की विफलता को उलटाने में फायदेमंद होते हैं। “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”