आजकल की लाइफस्टाइल के बदलाव की वजह से और खानपान की गलत आदतों की वजह से किडनी रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। हर साल लगभग साढ़े आठ लाख लोग किडनी रोगों की वजह के कारण मर जाते हैं। गलत जीवनशैली और खानपान आपकी किडनी को बुरी तरह से प्रभावित करती हैं, जिसकी वजह से किडनी ठीक से रक्त फिल्टर नहीं कर पाती हैं। रक्त जब ठीक से फिल्टर नहीं होता तो रक्त में मौजूद अपशिष्ट पदार्थ और जहरीले तत्व इकट्ठा होकर किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पंहुचाती हैं। किडनी रीढ़ की हड्डी के दोनों सिरों पर बीन के आकार के दो अंग होते हैं, जिन्हें किडनी कहते हैं। शरीर के रक्त का बड़ा हिस्सा किडनी से होकर गुजरता हैं। किडनी में मौजूद लाखों नेफ्रोन नलिकाएं रक्त को छानकर शुद्ध करती हैं। ये रक्त के अशुद्ध भाग को पेशाब के रूप में अलग भेजती हैं। किडनी रोग के शुरूआती अवस्था में पता नहीं चल पाता और ये इतना खतरनाक होता हैं कि बढ़कर किडनी फेल्योर का रूप ले लेती हैं।
किडनी फेल्योर के कारण
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारण हैं। डायबिटीज के 30 से 40% मरीजों की किडनी खराब होती हैं। इनमें से 50% मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुत देर से इस बीमारी का पता चलता हैं और फिर उन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता हैं। क्रोनिक किडनी डिजीज किसी भी इलाज से पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती हैं। अंतिम अवस्था में उपरोक्त बीमारियों का उपचार केवल डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट से ही संभव हैं।
किडनी फेल्योर के लक्षण
किडनी डिजीज के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब ये रोग ज्यादा बढ़ जाता हैं और एक बार जब किडनी गंभीर रूप से खराब हो जाए तो शरीर में ये संकेत नजर आते हैं।
- पेट में दर्द
- पेशाब में रक्त और प्रोटीन का आना
- बार-बार उल्टी आना
- पेशाब विसर्जन में दिक्कत
- शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
- सांस लेने में तकलीफ
- कंपकंपी के साथ बुखार होना
- आंखों के नीचे सूजन
- बेहोश हो जाना
- पेशाब में प्रोटीन आना
अकोला में आयुर्वेदिक उपचार
भारत के बेस्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा और आज इस अस्पताल को 5 पीढ़ी यानी डॉ. पुनीत धवन चला रहे हैं। ये 1935 में स्थापित किया गया था कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ इलाज किया जाता हैं। वह 30 हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं। वो भी डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना। किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार के लिए रायपुर के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। कर्मा आयुर्वेदा ये एशिया के सबसे अच्छा स्वास्थ्य क्लिनिक हैं। किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित डाइट चार्ट की सलाह भी देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियां शरीर में दोषों से उत्पन्न होती हैं। तीन मुख्य दोष पित्त, वात और कफ होते हैं। आयुर्वेद आधुनिक तरीकों के मिश्रण के साथ कई महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों और ऑरगेनिक खुराक के उपयोग के लिए समर्पित हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी की बीमारी के निर्माण में प्रयुक्त सबसे आम जड़ी-बूटियों में पुनर्नवा, गोखुर, वरूण, कासनी और शिरीष जैसी आयुर्वेदिक दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता हैं।