आयुर्वेद में किडनी का इलाज, किडनी की बीमारी के प्रकार और लक्षण

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी रीढ़ की हड्डी के दोनों सिरों पर बीन जैसे आकार के दो अंग होते हैं। किडनी खून में मौजूद विकारों को छान कर साफ करती हैं और शरीर को स्वच्छ रखती हैं। रक्त को साफ कर पेशाब बनाने का कार्य भी किडनी के द्वारा ही पूरा होता हैं। किडनी खून में उपस्थित अनावश्यक कचरे को पेशाब मार्ग से शरीर से बाहर निकाल देती हैं।

फिल्टर पेशाब के माध्यम से शरीर के गंदे और हानिकारक पदार्थ जैसे पेशाब, क्रिएटिनिन और अनेक प्रकार के अम्ल बाहर निकल जाते हैं। साथ ही किडनी लाखों छलनियों तथा लगभग 140 मील लंबी नलिकाओं से बने होते हैं। किडनी में उपस्थित नलिकाएं छने हुए द्रव् में से जरूरी चीजों जैसे सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम आदि को दोबारा सोख लेती हैं और बाकी अनावश्यक पदार्थों को पेशाब के रूप में बाहर निकाल देती हैं। किसी खराबी की वजह से अगर एक किडनी कार्य करना बंद कर देती है तो इस स्थिति में दूसरी किडनी पूरा कार्य संभाल लेती हैं।

किडनी की बीमारी के प्रकार:

एक्यूट किडनी समस्याएं – एक्यूट किडनी समस्याएं बहुत ही तेजी से होती हैं, लेकिन इलाज के बाद अधिकांश मामलों में ये परेशानी ठीक हो जाती हैं और किडनी आराम से काम करती हैं।

क्रोनिक किडनी समस्याएं – क्रोनिक किडनी समस्याएं, किडनी की बीमारियों में आम हैं। ये तब होती है जब किडनी खराब हो या तीन माह या इससे अधिक समय से काम नहीं कर रही हो। अगर इसका ठीक प्रकार से इलाज न हो तो क्रोनिक किडनी समस्या बढ़ती जाती हैं। वृक्क रोग में क्रोनिक किडनी रोग के पांच स्टेज होते हैं। किडनी समस्या के अंतिम सेट्ज में किडनी केवल पंद्रह प्रतिशत ही कार्य कर पाती हैं।

किडनी की बीमारी के लक्षण:

  • पेशाब कम या ज्यादा आना
  • पेशाब में रक्त आना
  • शरीर के कुछ अंगों में सूजन
  • थकान और कमजोरी
  • गर्मी में ठंड लगना
  • चकत्ते ओर खुजली
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • छोटी सांसे आना

किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार

नई दिल्ली के सर्वश्रेष्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये अस्पताल 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। यहां देश-विदेश में लाखों लोग किडनी फेल्योर का इलाज करवाने आते हैं। डॉ. पुनीत 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना।

आयुर्वेदिक इलाज शरीर, तन-मन और आत्मा का एक प्राचीन विज्ञान हैं जो जड़ी-बूटियों और ऑरगेनिक का इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेदिक दवा जैसे- वरूण, कासनी, गोखुर, पुनर्नवा और शिरिष आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बनता हैं। ये 100% प्राकृतिक होती है और इसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं।

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