ओट्स खाने से किडनी बनी रहती है स्वस्थ

अल्कोहोल और किडनी रोग

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ओट्स खाने से किडनी बनी रहती है स्वस्थ

सुबह नाश्ते में ओट्स खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। अच्छे स्वास्थ के लिए रोजाना ओट्स का सेवन जरुर करना चाहिए। ओट्स का सेवन करने से हमें सीधे दो प्रकार के फायदें मिलते हैं। पहला सुबह – सुबह हमारा पेट आसानी से भर जाता है जिससे दिन भर ताजगी बनी रहती है। और दूसरा यह हमे कई रोगों से दूर रखता है, उनसे लाफ्ने की ताकत देता है। ओट्स को खाने के कई तरीके इस समय हमारे पास मौजूद है। जिसमे सबसे खास तरीका है दूध और कुछ फलों के साथ ओट्स का सेवन। ओट्स खाने का यह तरीका सबसे प्रचलित है। इसके अलावा हम इसे मिर्च मसलों के साथ भी तरियर कर सकते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।

ओट्स क्या है?

ओट्स एक अनाज है। जो कि जई या जौ से तैयार से होता है। यह एक किस्म का दलीया है जो फाइबर से तो भरा हुआ ही है साथ ही इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व भी मौजूद है। बीते कई वर्षों पहले ओट्स को सिर्फ जानवरों के लिए ही उगाया जाता था। क्योंकि यह लोगो के लिए खाने लकायक नहीं समझा जाता है। लेकिन कुछ गरीब परिवार जो गेहूं आदि अनाज लेने में समर्थ नहीं होते थे ओट्स सस्ता होने के कारण इसका उपभोग करते थे। हाल के कुछ वर्षों में हुए शोध के बाद यह सामने आता की ओट्स मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके बाद ओट्स को प्रोसेसस्ड करके इन्सानो के लिए खाने लायक बनाया गया। ओट्स के अंदर काफी मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है। फाइबर की अधिक मात्रा होने के कारण यह आसानी से पच जाता है। इस समय इसे सबसे उत्तम नाश्ते की श्रेणी में रखा गया है।

ओट्स में क्या-क्या पौषक तत्व होते हैं?

अब तक ऊपर लिखे आलेख में आप यह जान चुके है कि ओट्स में बहुत मात्रा में घुलनशील फाइबर मिलता है। जिसके कारण यह आसानी से पच जाता है। इसके आलावा ओट्स में जिंक, तांबा, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन जैसे खनिजो के अलावा इमसे विटामिन बी और विटमिन ई भी प्रचुर मात्रा में मिलता है।

किडनी के लिए इस प्रकार फायदेमंद है ओट्स :

ओट्स की मदद हम कई रोगों से अपने आप को कोसो दूर रख सकते हैं। जिसमे कुछ ऐसे रोग भी है जिनके होने से आपकी किडनी भी खराब हो सकती है। ओट्स की मदद से आप अपनी किडनी को आसानी से स्वस्थ रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे ओट्स आपकी किडनी को खराब होने से बचाता है -

हृदय

ओट्स हमारे दिल के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। ओट्स के अंदर बीटा-ग्लूकॉन नामक एक शक्तिशाली फाइबर मिलता है। यह फाइबर हमारे शरीर के खराब कोलेस्ट्रोल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। बीटा-ग्लूकॉन फाइबर अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ने में मदद करता है। इसके अलावा ओट्स में मौजूद विटमिन सी एंटीऑक्सीडेंट के मिलकर होने वाले एलडीएल के ऑक्सीकरण को रोकने का काम करता है। जिसके कारण हमारे शरीर की रक्त घम्नियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता, और वह आसानी से रक्त प्रवाह करने में समर्थ रहती है। आपको बता दें कि कोलेस्ट्रोल तामम हृदय रोगों की वजह होता है।

मधुमेह

ओट्स के नियमित सेवन से आप मधुमेह जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं। ओट्स के अंदर फाइबर होता है जो शरीर में अतिरिक वसा को कम करता है, अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढाता है इसके साथ यह इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ने में मदद करता है। इन्ही सभी के कारण ओट्स मधुमेह को कम करने में सक्षम होता है। इन्सुलिन रक्त में जमा शर्करा को कम करने में मदद करता है।

वजन

बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। एक बार कोई व्यक्ति मोटा हो जाय तो उसका शरीर कई प्रकार के रोगों के लिए घर बन जाताहै। ओट्स की मदद से आप अपने बढ़े हुए वजन को स्वाद – स्वाद में कम कर सकते हो। रोज सुबह नाश्ते में ओट्स का सेवन करने से वजन कम होता है। क्योंकि ओट्स में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम क्र्तःई साथ ही खाने को भी जल्द पचाने में मदद करता है। जल्दी से वजन कम करने के लिए आपको ओट्स से बने चिल्लों का सेवन नाश्ते में करना चाहिए।

उच्च रक्तचाप

ओट्स की मदद से आप अपने बढ़े हुए रक्तचाप को भी काबू में ला सकते हैं। उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाने के लिए आप नियमित रूप से किसी भी प्रकार से ऑर्गेनिकओट्स का सेवन करे। ऐसा करने से आपका रक्तचाप नियंत्रण में आने लगेगा। आपको बता दें कि किडनी फेल्योर के मरीजों का रक्तचाप अपने उच्च स्तर पर रहता है जिसे कम करना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन आयुर्वेद की मदद से आप उच्च रक्तचाप को काबू में ला सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल

ओट्स के अंदर बीटा-ग्लूकॉन नामक एक शक्तिशाली फाइबर मिलता है। यह फाइबर हमारे शरीर के खराब कोलेस्ट्रोल (HDL) को कम करता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने में मदद करता है। यह आंतो की सफाई करने में भी काफी असरदार है। ओट्स के अंदर ग्लूकोस होता है जो आंतो की सफाई करने में मदद करता है। अगर आप अपने बढे हुए कोलेस्ट्रोल को कम करना चाहते हैं तो किसी ना किसी रूप में ओट्स का सेवन तीन माह तक लगातार करे। ऐसा करने से आपका कोलेस्ट्रोल 8% तक हो सकता है।

ओट्स से सावधानियां रखनी भी है जरूरी।

ओट्स खाने से जहां हमारे शरीर को फायदा होता है वहीं इसके सेवन से शरीर को कुछ नुकन भी हो सकता है। इसलिए हमें ओट्स के सेवन के दौरान कुछ बैटन का ध्यान जरुर रखना चाहिए जिससे हम इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। ओट्स से होने वाले नुकसान निम्नलिखित है –

  • यदि आप मधुमेह के रोगी है तो बाज़ार में बिकने वाले ‘रेडी तो इट मीठे ओट्स’ को न खरीदे। क्योंकि इसमें मीठे की मात्रा और ग्लूकोस की मात्रा अधिक होती है जो शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। यदि आप मीठे ओट्स का सेवन करना चाहते हैं तो आप सादे ओट्स खरीदे।
  • ओट्स को हमेशा ठीक से पका कर खाना चाहिए। इसे अधपका खाने से यह आतों में फस सकता है। जिससे आतों में रुकावट पैदा हो जायगी और पाचन संबंधित दिकत्तों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कब्ज।
  • अधिक मात्रा में ओट्स का सेवन बिलकुल ना करे। ऐसा करने से आपकी इंटेस्टाइन पर बुरा असर पड़ सकता है। क्योंकि ओट्स में फैटिक एसिड मौजूद होता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इसके अधिक सेवन से इंटेस्टाइन के काम में अवरोध उत्पन्न होने की संभवना रहती है। ऐसा करने से आपकी पाचन क्रिया खराब हो सकती है।
  • ओट्स में पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में होते हैं। जिसके अधिक सेवन से आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। अधिक सेवन करने से आपको नींद की कमी, हड्डियों में कमजोरी के साथ दर्द, मोतियाबिंद, नाखून कम बढ़ना, थकान आदि का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप इसका सेवन सिमित मात्रा में ही करे।
  • यदि आपके दांत नहीं है या फिर आपको निगलने में समस्या आती है तो आपको ओट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यह आपके पेट और आँतों में फस सकता है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आपको बता दें कि आयुर्वेदा में किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद पीड़ित को बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांस्पलेंट के ही पुनः स्वस्थ करता है। कर्मा आयुर्वेद बीते कई वर्षो से इस क्षेत्र में किडनी पीड़ितों की मदद कर रहा है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

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