किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों का निष्कादन करती हैं। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती हैं। साथ ही किडनी अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती हैं। जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहचा है और किडनी शरीर मुख्य कार्य रक्त को शुद्धिकरण करने का हैं। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि, बहुत से लोग किडनी फेल होने के जो मामले सामने आते हैं उनमें से कुछ व्यक्ति की जीवनशैली में जुड़ी गलत आदतें इसकी जिम्मेदार होती हैं। आज की व्यस्त जीवनशैली में आप जाने-अनजाने में कई ऐसी गलत आदतें पाल लेते हैं, जिनका आपको एहसास तक नहीं होता हैं, लेकिन ये छोटी-छोटी लापरवाहियां आपको हर पल मौत के करीब ले जाती हैं।
किडनी फेल्योर
किडनी शरीर में महत्वपूर्ण अंगों में शामिल हैं। किडनी में खराबी आने से जिंदगी जिना मुश्किल हो जाता हैं, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार ये इसे ठीक किया जा सकता हैं। आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में वृद्धि होती जा रही हैं। देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी किडनी फेल्योर के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही हैं।
किडनी फेल्योर का कारण:
किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण हैं ब्लड प्रेशर, इसलिए समय के साथ-साथ ब्लड और यूरिन की जांच कराते रहना चाहिए। साथ ही शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को तो नियमित स्क्रीनिंग में रहना अति आवश्यक हैं।
किडनी फेल्योर के लक्षण:
- थकान और कमजोरी
- शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
- सांस लेने में दिक्कत
- खराब गंध मूत्र
- सुस्ती और नींद ज्यादा आना
- वजन बढ़ना या घटना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- मूत्र में रक्त आना
- मूत्र का बार-बार आना
किडनी फेल्योर का निदान
रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता की जानकारी मिलती हैं, क्योंकि किडनी की कार्यक्षमता शरीर की आवश्यकता से अधिक होती हैं, इसलिए अगर किडनी की बीमारी से थोड़ा भी नुकसान हो जाए, तो भी खून की जांच में कई त्रुटि देखने को नहीं मिलती हैं, लेकिन जब रोग के कारण दोनों किडनी 50 प्रतिशत से अधिक खराब हो गई हो। तब रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा सामान्य से अधिक पाई जाती हैं।
कपूरथला में आयुर्वेदिक उपचार
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो दुनिया भर में सर्वश्रेष्ट आयुर्वेदिक उपचार केंद्र हैं। ये 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। आयुर्वेद में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी का इलाज करते हैं। आयुर्वेद में किडनी समस्याओं को ठीक करने में परिणाम सफल रहा हैं। यह किडनी फेल्योर के लिए कपूरथला में आयुर्वेदिक उपचारों में से एक हैं। उन्होंने केवल भारत के मरीज ही नहीं बल्कि दुनिया भर में किडनी से पीड़ित मरीजों को ठीक किया हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।