रोगी का नाम एल.आर राय है जो उत्तराखंड से आए हैं। वह किडनी की खतरनाक बीमारियों का सामना कर रहे थे। साथ ही एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस लेने का सुझाव भी दे दिया था।
इलाज से पहले
- सांस फूलना
- शारीरिक मानसिक तौर परेशानियां
- क्रिएटिनिन स्तर – 9
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने बाद मरीज में दो महीने के अंदर ही परिणाम दिखाना शुरू हो गया। रोगी ने वीडियो में बताया कि अब वह ऊर्जा महसूस कर रहे हैं और खूद काम करने में सक्षम हैं।
- सांस फूलना बंद हो गया
- शारीरिक मानसिक तौर पर सुधार
- क्रिएटिनिन लेवल – 7.1
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन ने रोगी को डायलिसिस के बिना आयुर्वेदिक किडनी उपचार प्राप्त करने के बाद रोगी को उन सभी जटिलताओं से मुक्त किया हैं। जिनसे पहले वह जूझ रहा था। कर्मा आयुर्वेदा में हजारों किडनी रोगियों का इलाज करके उन्हें डायलिसिस और ट्रांसप्लांट से छुटकारा दिलाया है और किडनी के रोग को जड़ से खत्म करा हैं।
किडनी रोग
मानव शरीर में किडनी का महत्वपूर्ण कार्य हैं, लेकिन किडनी की बीमारी दुनिया भर में लोगों को अपनी चपेट में ले रहे है और बहुत से लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जानगवा बैठते हैं। किडनी रोग सिर्फ गलत जीवनशैली और गलत खान-पान की वजह से होता है। किडनी शरीर से रक्त में एकत्रित हुई गंदगी को हटाने और पानी व मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखने का काम करती है। साथ ही शरीर के इस काम में अक्षमता ही किडनी फेल्योर कहलाती है, जो एक गंभीर बीमारी है। डायबिटीज के दुष्टपरिणाम के चलते किडनी की खराबी आम बात होती जा रही है। ये लगभग 20 से 30 प्रतिशत मधुमेह रोगियों में किडनी की खराबी अर्थात डायबिटीज नेफ्रोपैथी हो जाती हैं।
कर्मा आयुर्वेदा में किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं। ये एकमात्र आयुर्वेदिक किडनी संस्थान है जो सभी किडनी रोगियों को डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण से दूर रखता है। कर्मा आयुर्वेदा 1937 मैं स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। जिसने 30 हजार से ज्यादा किडनी के मरीजों का इलाज किया है।