रोगी का नाम प्रीति हैं जो अमेठी यूपी के रहने वाली हैं। रोगी के भाई ने बताया कि, उनकी बहन का क्रिएटिनिन लेवल बढ़ता ही चला जा रहा था और हफ्ते में दो बार डायलिसिस लिया करते थे। इसके साथ ही रोगी को किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबत भी आ गई थी, लेकिन सही समय पर यूट्यूब से कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला और तुरंत आयुर्वेदिक उपचार करवाया।
इलाज से पहले
- शरीर में रक्त की कमी
- खाना खाने में दिक्कत
- चलने में परेशानी
- क्रिएटिनिन लेवल – 12.28
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद रोगी में काफी सुधार देखने को मिला हैं। जहां रोगी को ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोला गया था और आज यहां आयुर्वेदिक दवाओं से ट्रांसप्लांट से मुक्त तो हुई, बल्कि उनका क्रिएटिनिन लेवल भी काफी कम हो गया हैं। रोगी शारीरिक तौर पर फिट तो हुआ हैं, लेकिन उनका क्रिएटिनिन लेवल 6.62 तक पंहुच गया। अब वह अपना काम स्वंय करती हैं।
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने ये हजारों बार सिद्ध किया हैं कि किडनी का इलाज संभव हैं। बस आपको आयुर्वेदिक इलाज और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए उचित डाइट चार्ट का पालन करना हैं और आप भी रोगी प्रीति की तरह डायलिसिस और ट्रांसप्लांट से मुक्त हो जाएंगे।
किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
मावन शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता हैं, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं, तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते हैं।
भारत का सबसे पुराना किडनी आयुर्वेदिक उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा हैं, जो 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। कर्मा आयुर्वेदा हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर विश्वास करते हैं। डॉ. पुनीत किडनी फेल्योर के लिए भारत के साथ-साथ एशिया के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टरों में से एक हैं। किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती हैं। ये 100% नेचुरल हैं और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।