कर्मा आयुर्वेदा किडनी पेशेंट – बिलाल अहमद

अल्कोहोल और किडनी रोग

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कर्मा आयुर्वेदा किडनी पेशेंट – बिलाल अहमद

रोगी का नाम बिलाल अहमद हैं, जो कश्मीर के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रहे थे। किडनी की इस गंभीर बीमारी में बहुत से परेशानियों और दर्द का सामाना करना पड़ रहा था। ये एक ऐसी बीमारी हैं जिसका समय पर पता न चलने पर मरीज की जान भी जा सकती हैं। मरीजों को आयुर्वेदिक इलाज से पहले कई इन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • सूजन आना
  • खाना खाने में दिक्कत होना
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 6.3

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद ही रोगी में सुधार आना शुरू हो गया है। रोगी को पहले चलने उठने-बैठने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब वह अपनी वाइफ के साथ कश्मीर से दिल्ली आए हैं सिर्फ डॉ. पुनीत धवन से मुलाकात करने के लिए। साथ ही वह शारीरिक तौर पर फीट है और पहले से ज्यादा बेहतर महसूस कर रहे हैं।

  • सूजन खत्म हुई
  • खाना अच्छे से खाते हैं
  • क्रिएटिनिन स्तर – 4.71

विश्लेषण:

डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए आयुर्वेदिक किडनी उपचार और डाइट चार्ट की मदद से रोगी पहले बेहतर महसूस कर रहा हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में हजारों बार सिद्ध किया गया हैं कि आयुर्वेद में किडनी का इजाल संभव हैं और क्रिएटिनिन को कम किया जा सकता हैं।

किडनी इंफेक्शन का आयुर्वेदिक उपचार

किडनी पेशाब प्रणाली या पेशाब का एक हिस्सा है जो हमारे शरीर से पेशाब को बाहर निकालने में मदद करती हैं। किडनी का इंफेक्शन इस प्रकार का मूत्रमार्ग में होने वाला इंफेक्शन है, जो आपके मूत्रमार्ग या मूत्राशय से प्रारंभ होता हैं और ये मूत्रवाहिनी के माध्याम से होते हुए किडनी तक इंफेक्शन फैल जाती हैं। इस इंफेक्शन को किडनी का इंफेक्शन या पाइवोनेफ्रिटिस भी कहा जाता हैं।

आयुर्वेदिक किडनी उपचार

आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो एक चमत्कार के रूप में साबित हुए हैं। जिसमें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में स्थापित किया गया था। आयुर्वेद में किडनी समस्याओं को ठीक करने के परिणाम सफल रहा हैं। किडनी खराब होने पर नई दिल्ली के आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। उन्होंने केवल भारत के मरीज ही नहीं बल्कि दुनिया भर के किडनी रोगियों को ठीक किया हैँ। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके दवा बनाई जाती हैं। जिससे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं और ये रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं।

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