रोगी का नाम महाराज सिंह है वह कोटा राजस्थान से आए हैं। ये किडनी रोग की समस्या से जूझ रहे थे। रोगी ने एलोपैथी से जांच करवाई तब रोगी ने बताया कि, एलोपैथी डॉक्टर का कहना था कि ये किडनी ठीक नहीं हो सकती है, धीरे-धीरे करके पुरी किडनी खराब हो जाएगी और तब आपको ट्रांसप्लांट करवाना पड़ेगा, लेकिन रोगी को कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलते ही तुरंत वहां से उपचार शुरू कर दिया। किडनी की बीमारी की शुरूआत में रोगी को होने वाली तकलीफ।
आयुर्वेदिक इलाज से पहले
- नींद न आना
- पेट दर्द होना
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 2.07
- उच्च यूरिया – 55.46
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी कर्मा आयुर्वेदा में काफी दर्द के साथ आया था और तब डॉ. पुनीत धवन ने रोगी महाराज सिंह का सहारा बने। डॉ. पुनीत ने उन्हें आयुर्वेदिक दवाओं के साथ सही डाइट चार्ट की सलाह भी दी थी। जिसे रोगी ने काफी अच्छे से उसका पालन किया। अब वह बिल्कुल ठीक हैं।
- शारीरिक तौर पर फिट
- क्रिएटिनिन स्तर – 1.6
- यूरिया स्तर – 41.9
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक दवाओं को प्राप्त करने के बाद रोगी में बहुत सुधार आया है। डॉ. पुनीत ने सफलतापूर्वक हजारों किडनी रोगियां इलाज करके उन्हें ठीक किया है और अब उनमें महाराज सिंह का नाम भी आ गया है। डॉ. धवन ने रोगी के किडनी रोग को जड़ से खत्म करने में मदद की है।
किडनी रोग क्या हैं?
किडनी रोग के मुख्य दो भागों में बाटां गया हैं:
मेडिकल रोग (औषधि संबंधी)
किडनी के रोग जैसे किडनी का फेल होना, मूत्रमार्ग में इंफेक्शन, नेफ्रोटिक सिंड्रोम आदि का उपचार किडनी रोग विशेषज्ञ नेफ्रोलॉजिस्ट दवा द्वारा करते हैं। साथ ही किडनी फेल होने से गंभीर मरीजों को डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण जैसे इलाज की आवश्यकता पड़ती है।
सर्जिकल रोग (ऑपरेशन संबंधी)
इस तरह के किडनी रोग के उपचार यूरोलॉजिस्ट करते हैं जैसे- पथरी रोग, प्रोस्टेटकी समस्या और मूत्रमार्ग का कैंसर आदि। इसके इलाज में ऑपरेशन, दूरबीन से जांच और लेसर से पथरी को तोड़ना आदि शामिल हैं।
किडनी की सभी समस्या को जानने के लिए आप किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया, कर्मा आयुर्वेदा, डॉ. पुनीत धवन से संपर्क कर सकते हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 के बाद से किडनी रोगियों का इलाज कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल ने देश-विदेश में अपना एक मुकाम हासिक कर लिया है। साथ ही यहां सभी तरह की किडनी रोग का प्राकृतिक इलाज के साथ दूर किया जाता हैं।