कर्मा आयुर्वेदा किडनी पेशेंट – मोहन सिंह

अल्कोहोल और किडनी रोग

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अलवर, राजस्थान के रहने वाले रोगी मोहन सिहं, जो किडनी रोग के शुरूआती लक्षणों से जूझ रहा थे। तब उन्हें कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला, तो तब उन्होंने तुरंत कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू कर दिया।

इलाज से पहले

  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 1.92
  • यूरिया लेवल – 53.1

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद कुछ महीनों के अंदर ही रोगी को सुधार दिखने लगा। रोगी की खुद बताया है कि, उनका स्वास्थ्य पहले से काफी अच्छा हो गया हैं और शरीर में फुर्ती महसूस कर रहे हैं।

  • थकान कब हो गई हैं
  • स्वस्थ महसूस करे हैं
  • क्रिएटिनिन लेवल – 1.44
  • यूरिया लेवल – 42.1

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद रोगी में बहुत सुधार देखने को मिला हैं। डॉ. पुनीत धवन द्वारा दी गई आयुर्वेदिक दवा और डाइट चार्ट का रोगी ने ठीक से पालन किया हैं जिससे उन्हें काफी सुधार देखने को मिला और ऐसा कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों बार सिद्ध करके दिखाया हैं।

किडनी फेल्योर

हमारी किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्य करती हैं। वह अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब के द्वारा बाहर करती हैं। किडनी शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती हैं। वह अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती हैं। जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता हैं। साथ ही किडनी शरीर में रक्त का शुद्धिकरण करना हैं। जब बीमारी की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता धीमी हो जाती हैं और उसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं।

कर्मा आयुर्वेदा भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेस्ट किडनी अस्पतला में से एक हैं। ये 1937 में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं, जो 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदा उपचार पर भरोसा किया जाता हैं और यहां डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की मदद के बिना किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं।

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