रोगी का नाम मोहम्मद युसुफ हैं जो मुंबई के रहने वाले हैं। वह किडनी की समस्या से परेशान थे उन्हें इस समस्या में काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था।
इलाज से पहले
- चलने में तकलीफ होना
- नींद न आना
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई क्रिएटिनिन लेवल – 1.70
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से लगकर इलाज किया हैं और मात्र 1 महीने में ही सुधार दिखना शुरू हो गया। अब रोगी शारीरिक तौर पर फीट है। किडनी की सभी दिक्कतों से छुटकारा मिल गया हैं। कर्मा आयुर्वेदा ने रोगी मोहम्मद युसुफ को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ डाइट चार्ट का पालन करने के लिए भी दिया था।
- भरपूर नींद आना
- सामान्य ब्लड प्रेशर
- क्रिएटिनिन लेवल – 1.2
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों किडनी रोगियों का इलाज किया हैं, लेकिन बस आपको विश्वास और भरोसा रखने की जरूरत हैं इसी से ही आप किडनी की बीमारी से जीत सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार हर रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता हैं।
किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार
किडनी के मरीजों में से लगभग एक चौथाई में किडनी में गड़बड़ी का कोई सटीक कारण ज्ञात नहीं हैं। मधुमेह के रोगियों की बड़ी तादाद किडनी की बीमारी से ग्रसित हैं, वहीं दूसरी ओर किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई लोग मधुमेह पीड़ित होते हैं। इससे एक बात साफ होती हैं कि इन दोनों का आपस में गहरा संबंध हैं। लंबे समय तक हाईपरटेंशन का शिकार रहे लोगों को भी किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता हैं।
साथ ही किडनी की बीमारी के लिए दूषित खान-पान और वातावरण को मुख्य कारण माना जाता हैं। गंदा मांस, मछली, अंडा, फल और भोजन और गंदे पानी का सेवन किडनी की बीमारी की वजह बन सकती हैं। बढ़ते औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वाहनों के कारण पर्यावरण प्रदूषण बढ़ गया हैं। भोजन और पेय पदार्थों में भी कीटाणुनाशकों, रासायनिक खादों, डिटरजेंट, साबुन, औद्योगिक रसायनों के अंश पाएं जाते हैं। ऐसे में फेफड़े और जिगर के साथ ही किडनी भी सुरक्षित नहीं हैं। किडनी के मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ रही हैं।