रोगी राजदीप जो भिवाड़ी के रहने वाले हैं। ये किडनी की बीमारी से पीडित थे। इस बीमारी की वजह से उनकी बिलकुल गंभीर स्थिति हो गई थी। वह बेड से उठने तक की हालत में नहीं थे।
इलाज से पहले
- चलने-फिरने में सक्षम न होना
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 3.2
- उच्च यूरिया स्तर – 101.7
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि वह बेड से उठ ही नहीं पा रहे थे, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद रोगी में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। वह पहले से काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं और शारीरिक तौर पर काफी सुधार देखने को मिला।
- चलने-फिरने और उठने-बैठने में कोई दिक्कत न होना
- क्रिएटिनिन स्तर – 2.4
- यूरिया स्तर – 71.8
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने आयुर्वेदिक इलाज से हर मरीज़ को ठीक करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं। ऐसा सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए आहार चार्ट का पालन करने से हुआ हैं। कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों बार सिद्ध किया हैं कि किडनी इलाज संभव हैं।
किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार
हर साल किडनी की बीमारी के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, लेकिन सबसे खतरनाक बात ये है कि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी तब होती है जब बहुर देर हो चुकी होती हैं। किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आती हैं, जब किडनी 60 से 65% डैमेज हो चुकी होती हैं, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना बेहद जरूरी होता हैं। किडनी शरीर का एक ऐसा अंग होता हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता हैं, लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियां, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं के कारण किडनी के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।
आयुर्वेदिक उपचार प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करता हैं जो रोग को पूरी तरह से ठीक करने के लिए बेहतरीन माना गया है। भारत में प्रसिद्ध आयुर्वेद क्लिनिकों में से एक कर्मा आयुर्वेदा हैं। ये 1937 से दुनिया भर के मरीजों का इलाज हो रहा हैं। इसके नेतृत्व में एक अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन करते हैं। वह एलोपैथी उपचार के अभ्यास में विश्वास नहीं करते हैं। यहां मरीजों को जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तकनीकों के साथ इलाज किया जाता हैं और डॉ. पुनीत धवन किडनी रोग के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एक उचित आहार चार्ट की सलाह देते हैं।