रोगी का नाम लक्ष्मी है जो जलंधर की रहने वाली है। वह किडनी रोग से जूझ रही थी और कई महीनों तक इलाज करवाने के बाद भी उनमें सुधार नहीं आ रहा था। मरीज का क्रिएटीनिन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था। साथ ही जलंधर के डॉक्टर ने भी उन्हें डायलिसिस का सुझाव दे दिया था और तब रोगी की जटिलताएं बढ़ती जा रही थी जैसे-
उपचार से पहले
- शरीर में सूजन आना
- बदन दर्द
- चलने और उठने-बैठने में परेशानी
- क्रिएटिनिन स्तर – 8.5
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से उपचार प्राप्त करने के बाद एक महीने में ही रोगी में सुधार आना शुरू हो गया और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दी गई आयुर्वेदिक दवाओं और उचित डाइट चार्ट की सलाह का सही से पालन करने से रोगी डायलिसिस से मुक्त हो गई और किडनी रोग से भी छुटकारा मिल गया।
- शरीर की सूजन खत्म हो गई
- शारीरिक तौर पर सूधार आ गया
- क्रिएटिनिन स्तर – 3.7
किडनी फेल्योर
हमारी किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती हैं। वह अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब द्वारा बाहर करती है। किडनी शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती है। वह अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करते हैं। जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता है। साथ ही किडनी शरीर में रक्त का शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किड़नी की कार्यक्षमता धीमी हो जाती है और उसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
कर्मा आयुर्वेदा भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेस्ट किडनी अस्पताल में से एक हैं। ये 1937 में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं, जो 30 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता है और यहां डायलिसिस या किडनी टांस्प्लांट की मदद के बिना किडना रोगियों का इलाज किया जाता हैं।