मरीज़ का नाम सावित्री देवी है और दिल्ली पटेल नगर की रहने वाली है। वह किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और रोगी का क्रिएटिनिन बढ़ता चला जा रहा था। इसके साथ मरीज सावित्री देवी को किडनी की समस्या से काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
इलाज से पहले
- हाथ और पैरों में सूजन
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 5.68
- उच्च यूरिया स्तर - 53
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद रोगी को किडनी रोग में काफी बदलाव आया है। ये हम रोगी रिपोर्ट में देख सकते हैं कि, किस तरह से रोग में सुधार आया।
- शरीर की सूजन खत्म हो गई
- क्रिएटिनिन स्तर – 3.62
- यूरिया स्तर – 87.96
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने एक बार नहीं हजारों बार ये सिद्ध किया हैं कि किडनी के मरीजों का क्रिएटिनिन कम किया जा सकता है। यहां तक डायलिसिस रोगी को भी डायलिसिस से मुक्त किया जा सकता है और किडनी रोग को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
किडनी की समस्या
आजकल के बदलते समय में गंभीर बीमारी हो सकती हैं और इन्ही बीमारी में से एक हैं किडनी की समस्या। किडनी की समस्या आम हो गई है और समय रहते इसका इलाज नहीं करवाया जाएं तो कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं और इससे मरीज अपनी जान गवां बैठता है। किडनी की समस्या के लक्षण उस वक्त उभकर सामने आते हैं, जब किडनी 60 से 65% डैमेज हो चुकी होती है, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं, इसलिए समय रहचे इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी होता है।किडनी शरीर का ऐसा अंग हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता है, लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियों, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं के कारण किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। यह अस्पताल 1937 में स्थापित किया गया था जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। वह 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी के मरीजों को ठीक किया जाता है। डॉ. पुनीत अपने मरीजों उचित डाइट चार्ट की भी सलाह देते हैं।