रोगी का नाम हार्दिक वाजपेयी हैं जो अभी सिर्फ 8 साल की उम्र के हैं और वह कानपूर के रहने वाले हैं। हार्दिक को इतनी सी उम्र में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जैसे- क्रिएटिनिन बढ़ना, पेशाब करने में दिक्कत, बैठने में परेशानी आदि।
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी के पिता को कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलते ही तुरंत उपचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते सुधार आना शुरू हो गया। रोगी का पहले क्रिएटिनिन लेवर 1.42 था और अब आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद क्रिएटिनिन लेवल 1.13 तक पहुंच गया हैं। पहले से कम हुआ हैं और शारीरिक तौर पर सुधार मिला हैं। ऐसा सिर्फ डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए आयुर्वेदिक दवाओं और डाइट चार्ट की मदद से मुमकिन हो पाया हैं।
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा और डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेदिक इलाज से रोगी को किडनी रोग से निजात दिलाई हैं। साथ ही रोगी इन सभी परेशानियों से मुक्ति मिल गई हैं।
किडनी रोग
किडनी रोग डिजीज बेहद गंभीर बीमारी हैं। किडनी की बीमारी विभिन्न प्रकार की हो सकती है, क्रोनिक किडनी डिजीज और तीव्र किडनी फेल्योर आदि। किडनी खराब होने की वजह गलत जीवनशैली और गलत खान-पान हैँ। जब किडनी काम करना बंद कर दे तो उसे किडनी फेल्योर भी कहते हैं। ये समस्या काफी लंबे समय तक रहती हैं और इसके लक्षणों में भी वृद्धि होती जाती हैं।
आयुर्वेद एक समग्र विज्ञान हैं जिसका उपयोग शरीर से संबंधित समस्याओं का इलाज करते हैं। इसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। इन जड़ी-बूटियों को आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में शामिल किया जाता हैं। डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की व्यापक प्रक्रियाओं के विपरीत आयुर्वेदिक दवा सबसे बेहतर साबित हुई हैं और किडनी रोग में इसका थोड़ा सा भी दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।
कर्मा आयुर्वेदा ने किडनी फेल्योर के लिए 100% प्राकृतिक उपचार पेश किया हैं, जो रोग को जड़ से खत्म करता हैं। कर्मा आयुर्वेदा के अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैँ। उन्हें 30 हजार से किडनी ज्यादा किडनी रोगियों का इलाज किया हैं। वह आयुर्वेदिक दवाओं के साथ अच्छी देखभाल और उचित डाइट चार्ट की सलाह देते हैं और उनको पूर्ण रूप से ठीक करते हैं।