रोगी का नाम राजेश शर्मा है, जो की राणासेर गावं, चूरू, राजस्थान के रहने वाले है। राजेश शर्मा काफी समय से किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे । उनकी हालत इतनी ख़राब थी उन्हें गुजरात के एक अस्पातल में भर्ती तक करना पड़ गया था। डॉक्टर्स ने कह दिया था जब तक उनका रक्तचाप कंट्रोल में ना आ जाए तब तक इनका उपचार शुरू नहीं किया जा सकता ।
कर्मा आयुर्वेदा से उपचार से पहले
- चलने-फिरने में सक्षम नहीं
- पेशाब करने दिक्कत
- रक्तचाप अपने अधिकतम स्तर तक बढ़ा हुआ था – 206.113
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 3.60
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से उपचार शुरू होने के बाद राजेश शर्मा के शरीर में काफी सुधर देखने को मिला है। अब उनका रक्तचाप कंट्रोल में आ गया है। राजेश अब अपने शरीर में चुस्ती महसूस होने लगी है। पहले उनको पेशाब करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था।
- चलने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं है
- पेशाब करने दिक्कत नहीं
- रक्तचाप अब कंट्रोल में आ गया है
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 2.94
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने एक बार यह साबित किया है की आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का 100% उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेदिक किडनी उपचार शुरू करने के बाद रोगी को डायलिसिस कराने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ती। कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों बार सिद्ध किया हैं कि किडनी इलाज संभव हैं। डॉ. पुनीत धवन ने यह फिर सिद्ध किया की क्रिएटिनिन स्तर कम किया जा सकता है।
समय पर इलाज ना मिलने और इस रोग की कम जानकारी होने के कारण लाखों लोग अपनी जान से हाथ धों बैठते है। किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आती हैं, जब किडनी 60 से 65% डैमेज हो चुकी होती हैं, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना बेहद जरूरी होता हैं।
डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा द्वारा विश्व भर में किडनी सम्बंधित बिमारियों का सफल इलाज कर रहे है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। इस समय प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से अब तक 35 हज़ार से ज्यादा रोगियों को रोग मुक्त क्या है।