रोगी का नाम रत्न काजी है जो नेपाल से आए है और काफी लंबे समय से किडनी की समस्या से पीड़ित है। एलोपैथी दवाओं से उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया। इसलिए रोगी ने आयुर्वेदिक किडनी उपचार शुरू किया। अब रोगी बुढापे में इन समस्यओं से जूझ रहा था।
- जीएफआर – 16.3ml/min
- शरीर में सूजन
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से अपना उपचार शुरू किया और सही तरह से उसका पालन किया। डॉ. पुनीत धवन की सलाह के अनुसार डाइट चार्ट को फॉलो किया। अब रोगी रत्न जी में काफी सुधार आ गया।
- जीएफआर – 23.8ml/min
- शरीर की सूजन खत्म हो गई
- शारीरिक तौर पर सुधार आया
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा से किडनी उपचार के बाद एक रोगी डायलिसिस से बचाया गया। जी हां, डॉ. पुनती धवन की आयुर्वेदिक दवाओं और उचित डाइट चार्ट की सलाह से ये सब हुआ है। उन्होंने पूर्ण रूप से आयुर्वेद के साथ कई रोगियों को इलाज किया है।
क्रोनिक किडनी डिजीज क्या है?
क्रोनिक किडनी डिजीज में किडनी खराब होने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती जाती है जो महीनों या सालों तक चलती है। सीरम क्रिएटिनिन का स्तर अगर धीरे-धीरे बढ़ता है तो किडनी की कार्यक्षमता की इस रक्त परिक्षण से गणना की जा सकती है। eGFR नामक परिक्षण से क्रोनिक किडनी डिजीज के स्तर को हल्के, मध्यम या गंभीर रूप से वर्गीकृत किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक किडनी उपचार सबसे ज्यादा असरदार साबित हुआ है जो रोग को जड़ से खत्म करता है। ये अत्यधिक प्रभावी है और प्राकृतिक जडी-बूटियों का से शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र है जिसमें सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार का ही महत्व है। साथ इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है जो डायलिसिस और प्रत्यारोपण की सलाह के दिए बिना किडनी का इलाज करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था।