रोगी का नाम संजू लामा है जो नेपाल के काठमांडू से आए है। वह किडनी फेल्योर का सामना कर रहे थे। साथ ही इस रोग में मरीज़ के शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण देखने को मिले।
- उल्टी
- जी मिचलाना
- सांस लेने में परेशानी
उपचार के बाद
काठमांडू में हुए परीक्षण के मुताबिक रोगी का सीरम क्रिएटिनिन 2.4mg /dl था और रोगी की ज्यादा हालत खराब होने लगी थी। तब उन्हें कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला तो उन्होंने आयुर्वेदिक दवाओं को 6 महीने तक अपनाया और इन दवाओं से रोगी के स्वास्थ्य में सुधार आ गया। साथ ही रोगी का सीरम क्रिएटिनिन 1.4mg /dl पंहुच गया। कर्मा आयुर्वेदा में रोगी एक आशा की किरण लेकर आए थे। जो सफल साबित हुई है।
विश्लेषण: - भारत के प्रमुख किडनी अस्पताल कर्मा आयुर्वेदा के एक अनुभवी चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन की सहायता से किडनी उपचार प्रदान करके किडनी रोगी को ठीक किया है और उसे डायलिसिस से बचाया है।
किडनी रोग
किडनी का मुख्य काम है यूरिन बनाने के लिए आपके रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त पानी को फिल्टर करके बाहर निकालना। ये शरीर का रासायनिक संतुलन भी बनाए रखना है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायता करना और ब्लड को सही तरीके से फिल्टर नहीं कर सकती है। इस खराबी की वजह से आपके शरीर में अपशिष्ट का जमाव हो सकता है। जिसकी वजह से आपको अन्य समस्याएं भी हो सकती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप इसके सामान्य लक्षण है। जिससे किडनी की बीमारी होने के ज्यादा चांस होते है।
कर्मा आयुर्वेदा भारत के जाने-माने अस्पतालों में आता है। जहां आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी रोगियों का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा 1937 मे धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। जो सालों से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज करते हैं और उन्हें इस खतरनाक रोग से मुक्त किया है। वो भी डायलिसिस और प्रत्यारोपण के बिना।