रोगी का नाम सुधीर कुमार वर्मा है जो वाराणसी से है। वह किडनी रोग से पीड़ित थे और सभी डॉक्टर ने उन्हें फिस्टुला डालने और डायलिसिस का सुझाव दिया। जब रोगी को कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत आयुर्वेदिक किडनी उपचार शुरू किया।
इलाज से पहले
- उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 7.7
- यूरिया – 183
- शरीर में सूजन
- सांस लेने में परेशानी
- कमजोरी और मतली
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक दवाओं का कोर्स शुरू किया और शुरूआती महीनों में दवाइयों के लिए दिशानिर्देशों का पालन किया। रोगी ने आयुर्वेदिक उपचार से अपने शरीर में काफी सुधार महसूस किया।
- क्रिएटिनिन – 4.2
- यूरिया 110.5
- शरीर की सूजन कम हुई
- शारीरिक में स्तर पर सुधार
विश्लेषण:
रोगी को फिस्टुला और डायलिसिस की सलाह दी गई थी, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार और डॉ. पुनीत धवन की उचित डाइट चार्ट की सलाह से रोगी इससे बाहर हो गया। डॉ. पुनीत किडनी का उपचार करके रोगी पूरी तरह से डायलिसिस और रोग से मुक्त करते हैं।
किडनी रोग
किडनी की बीमारी मुख्य रूप से तीव्र रूप से किडनी रोग (एकेडी) और क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) में होती है। मधुमेह या उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के साथ अधिकतर मध्यम और बुढे रोगियों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ये एक अनुवंशिक विकार, किडनी इंफेक्शन, कैंसर, ट्यूमर या किडनी की चोट के कारण बच्चों में भी हो सकता है।
किडनी रोग के किसी भी रोग के लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे ज्यादा फायदेमंद है। जो रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। साथ ही रोगी को डायलिसिस से मुक्त करता है। भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार के केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। यहां किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती है।