सोना भला किसे पसंद नहीं होता, हम सभी लोग दिन भर की थकान के बाद चैन की नींद सोना पसंद करते हैं। आखिर सोने से हमारी दिन भर की थकान जो उतर जाती है, अब चाहे वो शारीरिक थकान हो या मानसिक, एक अच्छी नींद आपको तरोताजा करने में काफी सहायता प्रदान करती है। हम सभी इस बारे में जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को दिन भर की थकान के बाद कम से कम छह से आठ घंटे की नींद जरुर लेनी चाहिए। क्योंकि जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर आराम की मुद्रा में चला जाता है और जब हम सोकर उठते हैं, तो हमारा शरीर उर्जा से भरा हुआ होता है। अब इस बारे में तो जानकारी है कि नींद से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक अच्छी नींद लेने से हमारी किडनी भी ठीक रहती है। आज के इस लेख हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आखिर एक अच्छी नींद कैसे हमारी को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
किडनी स्वस्थ रखने में अच्छी नींद ऐसे है मददगार
जब हम दिन भर की थकान के बाद सोते हैं तो उस दौरान ना केवल हम आराम की मुद्रा में जाते हैं बल्कि हमारे शरीर के अंदरूनी अंग भी आराम की मुद्रा में चले जाते हैं, जिससे शरीर को काफी आर्म मिलता है। दिन भर के तमाम कार्यों से हमारे शरीर में कई कोशिकाओं और ऊतकों के नुकसान का सामना करना पड़ता है। सोते समय दिन भर में हुए कोशिकाओं और ऊतकों के नुकसान की भरपाई करने के लिए हमारे शरीर के अंदुरनी अंग काम करने लगते हैं, ताकि शरीर में इन दोनों जरूरी चीजों की कमी ना हो। आपको बता दें कि दिन भर में सबसे ज्यादा किडनी के ऊतक और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती है, जिसे किडनी द्वारा सोते समय बनाया जाता है क्योंकि इस दौरान किडनी का रक्त साफ़ करने का कार्य दिन के मुकाबले कम हो जाता है।
इसके अलावा जब हमारा शरीर आराम की मुद्रा में चला जाता है तो उच्च रक्तचाप काबू में आने लगता है जो कि किडनी खराब होने का सबसे बढ़ा कारण होता है। साथ ही सोते समय शरीर में इन्सुलिन का निर्माण भी होता है (वैज्ञानिकों में इसे लेकर फ़िलहाल मतभेद है), जिससे मधुमेह का स्तर काबू में आने लगता है। उच्च रक्तचाप की तरह यह भी किडनी खराब होने का एक अन्य खास कारण है। साथ ही जब हम सोते हैं तो इस दौरान, पल्स रेट, श्वास गति, हृदय गति, दिमाग और रक्त प्रवाह सामान्य की तुलना में कम हो जाता है। इसी के तहत भागदौड़ और कामकाज की वजह से थकी हुई मांसपेशी अपनी मरम्मत कर लेती है, जिससे अगले दिन व्यक्ति एक नई ऊर्जा के साथ अपना काम करता है।
किडनी स्वस्थ रखने के लिए इतनी नींद
क्या आपको मालुम है हर उम्रवर्ग के व्यक्तियों को पूरी नींद लेनी चाहिए, ताकि उनका शरीर स्वस्थ बना रहें और उनके शरीर के सभी अंग ठीक से काम कर सकें। हर उम्र में नींद की समय अवधि अलग-अलग होती हैं, छोटे बच्चों की पूरी नींद का समय अलग होता है और बड़ों का अलग। तो चलिए जानते हैं कि आखिर किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किस उम्र के व्यक्ति को कितना सोना चाहिए :-
0 -3 महीने के नवजात बच्चे – नवजात बच्चे वैसे तो पूरा दिन ही सोते हैं, लेकिन आपको बता दें इन बच्चों को दिन भर में 14 से 17 घंटे की नींद लेनी चाहिए। हालांकि 11 से 13 घंटे की नींद भी उनके पर्याप्त है, लेकिन बाल चिकित्सकों द्वारा नवजात बच्चों को 19 घंटे से ज्यादा नहीं सोने की सलाह दी जाती है।
4-11 महीने के शिशु – जिन बच्चों की उम्र 4-11 महीने की उनको 12 से 15 घंटे की नींद लेने की सलाह दी गई है। इस उम्रवर्ग के बच्चों को कम से कम 10 घंटे की नींद तो जरूर लेकिन चाहिए। हां, अगर बच्चा 15 घंटे से ज्यादा सोता है तो एक बार चिकित्सक से जरुर मिलें।
1–2 साल का छोटा बच्चा – जिन बच्चों की उम्र 1–2 साल की हो चुकी हैं उनको कम से कम 11 से 14 घंटों की नींद की सलाह दी गई है लेकिन 9 से 16 घंटे तक की नींद इनके लिए चल सकती है। अगर बच्चा इससे ज्यादा नींद लेता है तो उसकी इस आदत में सुधार लाने की कोशिश करनी चाहिए।
3–5 साल के बच्चें – जिन बच्चों की उम्र 3–5 साल के बीच हैं उनको चिकित्सक 10 से 13 घंटों की नींद की सलाह देते हैं। बच्चों की यह उम्र स्कूल जाने की होती है ऐसे में अगर बच्चा 9 घंटे भी सोता है तो यह ठीक है, लेकिन 14 घंटे से ज़्यादा की नींद इन बच्चों के लिए सही नहीं मानी जाती।
6–13 साल के बच्चों की नींद – जिन बच्चों की उम्र 6 – 13 साल के बीच है उनको 9 से 11 घंटे सोना चाहिए। इस उम्र में बच्चे मानसिक और शारीरिक तौर पर विकास कर रहे होते हैं। लेकिन इनके लिए 7 से कम और 11 से ज़्यादा घंटे की नींद सही नहीं मानी जाती।
14 –17 उम्र में (किशोरावस्था) नींद – इस उम्र में बच्चों के शरीर में शारीरक तौर में बड़े स्तर पर बदलाव होता है, इस लिए इस उम्र के बच्चे को 8 से 10 घंटे की नींद की सलाह दी गई है लेकिन 7 से कम और 11 से ज्यादा घंटों की नींद को एनएसएफ सही नहीं मानता।
18-25 साल के वयस्कों के लिए नींद – जिनकी उम्र 18-25 साल के बीच होती है उनको 7-9 घंटों की सलाह दी गई है लेकिन ये 6 घंटे से कम और 11 घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस उम्र में लोग मानसिक तनाव का शिकार भी बन सकते हैं।
26-64 साल के उम्र के लोग – जो लोग 26-64 साल के होते हैं उनको 8 घंटे सोने की सलाह दी जाती है।
65 या उससे अधिक उम्र के लोग – इस उम्र के लोगों के लिए 7-8 घंटे की नींद की सलाह दी गई है। इन्हें 5 घंटे से कम और 9 घंटे से ज़्यादा नहीं सोना चाहिए।
आयुर्वेद द्वारा नींद का उपचार
बहुत से लोगो की शिकायत होती है कि वह ठीक से सो नहीं पाते, तो उन्हें इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेद की मदद लेनी चाहिए। आयुर्वेदिक उपचार द्वारा नींद संबंधी विकार का कारण जानने के बाद निवारण किया जा सकता है। व्यक्ति को रात को सोने के समय कहानी, कथा सुनने के लिए कहा जाता है। साथ में फव्वारे और नदी के बहाव की आवाज सुनने के अलावा धीमी गति में संगीत सुनते-सुनते अच्छी नींद आती है। इसके साथ ही सिरोभ्यंग (लाइट स्कैल्प मसाज) करते हैं। इसके साथ ही कुछ दवाएं नाक से दी जाती है जिससे परेशानी दूर होती है। अश्वगंधा, ब्राम्ही, शंखपुष्पी जैसी औषधियों का प्रयोग परेशानी और रोगी की स्थिति देखने के बाद तय करते हैं।
कर्मा आयुर्वेदा किडनी आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
कर्मा आयुर्वेद में प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आपको बता दें कि डॉ. पुनीत धवन ने ना केवल भारत में बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, वो भी बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की सहायता के बिना। आपको यह जानकार हैरानी होगी डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से 48 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं।