वैसे हमारे शरीर में सभी अंग महत्वपूर्ण होते हैं, जिसमें से किडनी सबसे महत्वपूर्ण अंगों में आती है। अगर खराब लाइफ स्टाइल या किसी दवा के दुष्प्रभाव स्वरूप कई बार किडनी में कुछ समस्याएं आ सकती है। इस स्थिति में बहुत संभल कर रहने की जरूरत होती है। किडनी शरीर में एकत्र हुए अधिक पानी, नमक और अन्य क्षार तत्व को पेशाब द्वारा दूर करके शरीर में इन पदार्थों का संतुलन बनाने का काम करती है। किडनी फेल होने पर इस काम मे बाधा पहुंचाती है।
किडनी का काम रक्त को साफ करके, शरीर से पेशाब बाहर निकालती है। यह शरीर में एरिथ्रोसाइट्स (erythrocytes) का भी बैलेंस बनाती है। जब कम पानी पीते हैं तो किडनी में रक्त फ्लो से नहीं हो पाता और टॉक्सिन्स जमा होने लगते है। जब हम लंबे समय तक यूरिन रोकते है, तो इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती है जैसे – किडनी में यूरिन प्रेशर का बढ़ जाना, किडनी फेल्योर आदि।
बता दें कि, डायबिटीज ऐसी समस्या है जो आगे चलकर एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। जिसमें 40 फीसदी मरीजों में धीरे-धीरे किडनी की बीमारी होने लगती है। टाइप 1 में डायबिटीज के 30 फीसदी मरीज और टाइप 2 में डायबिटीज के 10 से 40 फीसदी मरीज की किडनी आगे चलकर फेल हो जाती है। लेकिन डायबिटीक किडनी डिजीज को शुरूआज में ही पहचानना मुमकिन है। इसके शुरूआती लक्षण में पेशाब में बढ़ते हुए एल्बुमिन लेवल को देखा जा सकता है और अगर किडनी खराब जाती है तो ठीक कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है और इसका इलाज भी सिर्फ डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट ही बचता है। इसलिए किडनी को हेल्दी रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
किडनी को हेल्दी कैसे रखें -
शरीर के हर हिस्से का अपना एक अलग महत्व होता है और इसी प्रकार किडनी भी हमारे शरीर में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किडनी शरीर के टॉक्सिंस को फ्लश करने में मदद करती है। लेकिन आजकल लोग अनहेल्दी फूड्स खाते हैं जिसके कारण स्वास्थ्य के साथ-साथ किडनी भी प्रभावित होती है। कई बार इन जंक और ऑयल फूड्स को खाने से किडनी खराब भी हो जाती है। ऐसे में इन अनहेल्दी फूड्स को खाने से बचें। इसकी बजाय आप नीचे दिए गए हेल्दी फूड्स को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह आपकी किडनी को हेल्दी रखने में और इंफेक्शन से बचाए रखती है।
- स्ट्रॉबेरी - स्ट्रॉबेरी विटामिन सी, फाइबर, मैंगनीज का अच्छा स्त्रात होता है। यह पोषक तत्व किडनी को इंफेक्शन से बचाए रखता है और किडनी को हेल्दी रखें में मदद करता है। साथ ही किडनी में होने वाले सूजन को भी कम करता है।
- बंदगोभी – बंदगोभी विटामिन बी6, विटामिन सी से भरपूर होती है जो किडनी को ठीक करने और पोषक देने के लिए अत्यधिक उपयोगी होती है। बंदगोभी में फाइबर भी होता है जो किडनी को स्वस्थ रखता है।
- अंडे का सफेद भाग – अंडे का सफेद भाग यानि अंडे की जर्दी फास्फोरस, प्रोटीन, अमीनो एसिड का अच्छा स्त्रोत होता है, इसलिए रोज नाश्ते में इसको खाने से किडनी स्वस्थ रहती है और शरीर के लिए भी लाभदायक है।
- सेब का सिरका - एंटीबैक्टीरियल गुणों की वजह से किडनी में इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया का अंत करता है और सेब का सिरका पथरी को धीरे-धीरे गला देता है। इसके साथ ही सेब का सिरका उन हानिकारक तत्वों को किडनी से बाहर निकालता देता हैं। जिससे उन्हें नुकसान हो।
- बेकिंग सोडा – एक रिसर्च के अनुसार, सोडियम बाइ कार्बोनेट किडनी रोग में लाभदायक होता है। ये रक्त में एसिडिटी को कम करता है, जिससे किडनी की बीमारी नहीं होती है।
- सब्ज़ियों का जूस - किडनी में कोई परेशानी होने पर लौकी, खीरा, गाजर और पत्ता गोभी का रस पीना काफी अच्छा है। इसके अलावा तरबूज और आलू का रस भी बेहद फायदेमंद हैं। जल्दी राहत पाने के लिए दिन में दो बार सब्जियों का जूस पीना चाहिए।
- मुन्नका का पानी - रोज़ रात को सोने से पहले कुछ मुन्नके पानी भिगो दें और सुबह उसका पानी पी जाएँ। भीगे मुन्नके खाने की ज़रूरत नहीं है। कुछ दिन में आपको फ़ायदा नज़र आने लगेगा।
- पानी की मात्रा - किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है कि आप ज़्यादा से ज़्यादा टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाले। इसके लिए आपको सिर्फ़ दिन में 4 लीटर या उससे अधिक पानी पीने की जरूरत है। आप कभी कभार नींबू पानी भी ले सकते हैं। इससे किडनी के लिए आवश्यक विटामिन सी प्राप्त होते हैं।
किडनी की बीमारी के कारण –
- सही मात्रा में पानी नहीं पीना
- खाने में ज्यादा नमक खाना
- मीठा अधिक खाना
- पेशाब को रोकना
- शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना
- एनिमल प्रोटीन की अधिक मात्रा में लेना
- कम सोना
- कॉफी अधिक पीना
- पेनकिलर्स का दुरूपयोग
- अधिक शराब पीना
किडनी की बीमारी के लक्षण -
किडनी खराब होने लगे तो यूरिन पास करते समय दर्द होता है और रक्त भी आता है। इसके अलावा किडनी रोग में और भी बहुत से लक्षण दिखाई देते हैं जैसे –
- गर्म मौसम में भी ठंड लगना
- भूख कम लगना
- हाथ और पैरों में सूजन आना
- थकान और कमजोरी आना
- पेशाब में प्रोटीन अधिक हो जाना
- पेशाब के समय जलन होना
- हाई ब्लड प्रेशर
- त्वचा पर चकते पड़ना और खुजली होना
- मुंह का स्वाद खराब होना और मुंह से बदबू आना
किडनी की बीमारी का निदान -
किसी रोग की वजह से किडनी खराब होने का संदेह हो और शरीर में उत्पन्न लक्षणों की वजह से किडनी फेल्योर होने की आशंका हो तब तुरंत रक्त की जांच करा लेनी चाहिए। रक्त में क्रिएटिनिन और पेशाब की अधिक मात्रा किडनी फेल्योर का संकेत देती है। पेशाब तथा रक्त की जांच, सोनोग्राफी की जांच से किडनी फेल्योर का निदान, इसके कारण का निदान और किडनी फेल्योर के कारण शरीर में अन्य विपरित प्रभाव के बारे में जाना जा सकता है। एक्यूट किडनी फेल्योर में दोनों किडनी अचानक खराब होने से रोग के लक्षण ज्यादा मात्रा में दिखाई देते हैं।
किडनी को हेल्दी रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार -
आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो हर रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है और यह भारत का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने सफलता के साथ 35,000 से अधिक मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाया है। साथ ही, जिन लोगों को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबात आ गई थी उन्हें भी इन दर्दनाक प्रक्रियाओं से मुक्त किया है।