किडनी खराब होने के मुलभूत कारण

अल्कोहोल और किडनी रोग

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हमारे शरीर में किडनी एक महत्वपूर्ण अंग हैं जिसे अंग्रेजी में हम किडनी बोलते हैं। किडनी का वजन लगभग 150 ग्राम होता हैं। यह हमारे शरीर में पीछे कमर की ओर रीढ़ की हड्डी के ठीक नीचे के दोनों सिरों पर स्थिति होती हैं। किडनी रक्त से जल और बेकार पदार्थो को अलग करता हैं। शरीर में रसायन पदार्थों का संतुलन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर 100 में 17 भारतीय किडनी की समस्या से परेशान हैं और लगातार इस की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। गलत जीवनशैली, खान-पान और मधुमेह के कारण किडनी की बीमारी होती हैं जो आज हम किडनी की समस्या के कारण के बारे में जान सकते हैं।

किडनी खराब होने के कारण -

  • धूम्रपान न करें – धूम्रपान करने पर उस का गलत प्रभाव हमारे रक्तचाप पर पड़ता है। धूम्रपान हमारे दिल की धड़कन को बढ़ा देता हैं जिस का बुरा असर किडनी पर पड़ता हैं। धुम्रपान करने से किडनी की समस्याओं की संभावना बढ़ जाती हैं और मधुमेह के रोगियों के लिए धूम्रपान घातक हैं। धूम्रपान करने वालों की किडनी की कार्यक्षमता धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कम हो जाती हैं।
  • पेशाब को न रोकें – ज्यादा देर तक पेशाब को रोकने से ब्लैडर भर जाता हैं। इस से पेशाब को अधिक देर तक रोकें रखने की वजह से पेशाब किडनी की और चला जाता हैं। जिससे बैक्टीरिया के कारण किडनी खराब हो सकती हैं।
  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) – रक्तचाप को नियंत्रण में रखना चाहिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर किडनी की क्षति का एक प्रमुख कारण होता हैं।
  • मीठे से परहेज करें – कम मात्रा में मीठे, चॉकलेट, पैकेज्ड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक हमारी किडनी के लिए हानिकारक होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार ज्यादा फ्रुक्टोज का उपयोग करने से यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि हो सकती हैं जिससे कार्डियोरेनल होने का खतरा होता हैं।
  • दर्द नाशक दवाओं से परहेज करें – दवाओं को निश्चित अवधि तक ही लें। इस का लंबे समय तक उपयोग न करें। हम छोटी-छोटी समस्याओं में पेन किलर और एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग करते हैं। यह बुरा असर डालती हैं इस दवाओं के अधिक सेवन से बचें।
  • रोज़ व्यायाम करें – व्यायाम शरीर के खून परिसंचरण के लिए अच्छा है और यह आप के रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं को नियंत्रण करने में मदद करती हैं। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोग व्यायाम से अपना वजन कम कर सकते हैं। एक अध्ययन से पता चला हैं जिन लोगों का वजन ज्यादा हैं उन्हें किडनी की समस्या हो सकती है। हर किसी के लिए व्यायाम अच्छा होता हैं। व्यायाम से आप अपने ह्रदय और शरीर को स्वस्थ बनाए रखता हैं।
  • शराब न पिएं – किडनी शरीर की शराब सहित हानिकारक पदार्थ को फिल्टर करने में मदद करता हैं। जब आप अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं जो किडनी जबरदस्त दबाव में रहता हैं। शराब का सेवन से किडनी की समस्या हो सकती हैं।
  • न खाएं सोडियम युक्त आहार – ज्यादा नमक या अधिक मात्रा में सोडियम युक्त आहार का सेवन उच्च रक्तचाप की समस्या को जन्म देता हैं जिसका बहुत बुरा असर किडनी पर पड़ता हैं।
  • कम पानी पीना – हमें प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिएय़ कम पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स किडनी पर बुरा असर डालती हैं और अधिक पानी के सेवन से किडनी ठीक से हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।

किडनी रोग का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। इसमें वरूण, कासनी, गोखुर पुनर्नवा और शिरीष जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं जो रोग को जड़ से खत्म कर देती हैं। आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक हैं नई दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं जो डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी रोगियों को ठीक करके उन्हें रोग मुक्त करते हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया हैं।

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