रोगी का नाम अजय गुप्ता है जो कि रोहिणी (दिल्ली) के रहने वाले हैं। अजय जी डिप्रेशन के पेशेंट थे, जिसकी वजह से उन्हें डिप्रेशन की अधिक दवाओं का सेवन करना पड़ रहा था। साथ ही यूरिन पास करते समय झाग आना और अधिक प्रोटीन पास होना आदि जैसी समस्याएं हो रही थी। रोगी ने जब नेफ्रोलॉजिस्ट से इलाज शुरू किया तो पता चला कि, वह क्रोनिक किडनी डिजीज स्टेज – 3 के पेशेंट है। तब रोगी के दोस्त ने उन्हें कर्मा आयुर्वेदा के बारे में बताया और अजय जी ने तुरंत ही कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार शुरू कर दिया।
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
अधिक प्रोटीन पास होने की वजह से रोगी को किडनी की बीमारी का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन कुछ ही महीने पहले रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था और आज वह इन सभी लक्षणों से मुक्त हैं। रोगी का पहले प्रोटीन 3+ था, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद प्रोटीन 1+ पर पहुंच गया है। साथ ही अब वह शारीरिक तौर भी स्वस्थ और तंदुरूस्त महसूस कर रहे हैं।
अधिक प्रोटीन पास होना और उसका आयुर्वेदिक उपचार
प्रोटीन सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने से कोई फायदा नहीं होता है। साथ ही कुछ लोग प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों को नजरअंदाज कर इसके लिए दवाओं पर अपनी निर्भरता को बढ़ाता है। आप प्रोटीन कब लें, कैसे लें, कितना लें और इसके साथ क्या सावधानी बरतें आदि का बहुत ध्यान रखना चाहिए। अधिकतर लोग मानते हैं कि ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे वजन बढ़ना, किडनी की समस्याएं और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती है। साथ ही कुछ इसे बस एक मिथ मानते हैं। लेकिन यह किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
एक रिसर्च के मुताबिक, रोज 0.8 ग्राम (प्रति किलो शरीर वजन) तक ही प्रोटीन लेना चाहिए। मसल मास बढ़ाने व सख्य व्यायाम करने वालों के लिए यह संख्या दोगुनी हो सकती है। लेकिन इससे अधिक प्रोटीन किडनी अतिरिक्त बोझ डालता है, जिससे किडनी खराब हो सकती है।
कहा जाता है कि, किडनी की बीमारी का कोई सफल उपचार नहीं है, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र है जो सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद प्रक्रियाओं की मदद से किडनी इलाज का करता है। बता दें कि, कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह भी दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा का नाम भारत के साथ-साथ एशिया के बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में शामिल है।