हमारे शरीर को बाहर और अंदर से स्वस्थ रखना बेहद जरूरी होता है। शरीर के अंदरूनी हिस्से हर समय अपना कार्य करते रहते हैं। हमारे शरीर में सभी अंग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और उनमें से एक महत्वपूर्ण अंग किडनी भी है। इनमें से किसी भी अंग में जरा सी भी खराबी आने पर सेहत बिगड़ने लगती है। किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। अगर इसमें कोई खराबी आती है तो हानिकारक पदार्थ शरीर से बाहर निकल नहीं पाते हैं, जिसका सीधा असर लीवर और दिल पर पड़ता है। किडनी को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी परेशानियों को ठीक करने के लिए सही डाइट का होना बेहद जरूरी है।
साथ ही किडनी शरीर के अधिक पानी, नमक और क्षार को पेशाब द्वारा दूर करके शरीर में इन पदार्थों का संतुलन बनाने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। किडनी फेल्योर के मरीजों में पानी, नमक, पोटेशियम युक्त आहार और खाद्य पदार्थ आदि अधिक मात्रा में लेने पर भी कई बार गंभीर समस्या उत्पन्न हो जोती है। किडनी फेल्योर के केस में किडनी सही से काम नहीं कर पाती, जिससे किडनी पर काफी बोझ पड़ता है। जिसके लिए शरीर में पानी, नमक और क्षारयुक्त पदार्थ की उचित मात्रा बनाए रखने के लिए आहार में जरूरी परिवर्तन करना आवश्यक है। किडनी फेल्योर के सफल उपचार में आहार के इस महत्व को ध्यान में रखना चाहिए।
किडनी फेल्योर के लिए आहार योजना –
- किडनी फेल्योर के अधिकांश मरीजों को सही आहार लेने की सलाह दी जाती है।
- पानी और तरल पदार्थ की मात्रा को निर्देशानुसार लें।
- किडनी रोग के लिए आहार योजना में सोडियम पोटेशियम और फास्फोरस की मात्रा कम होनी चाहिए।
- प्रोटीन की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए। 0.8 से 1.0 ग्राम / किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर प्रोटीन प्रतिदिन लेने की सलाह दी जाती है।
- जो मरीज पहले ही डायलिसिस पर हैं, उन्हें प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि की आवश्यकता होती है। (1.0 – 1.2 gm/kg body wt/day) इस प्रतिक्रिया के दौरान जो प्रोटीन का नुकसानदेह हो सकता है, उसकी भरपाई करने के लिए यह आवश्यक आहार है।
- कार्बोहाइड्रेट पूरी मात्रा में (35-40 कैलोरी / किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर प्रतिदिन) सेवन करने की सलाह दी जाती है। घी, तेल, मक्खन और चर्बी वाले आहार कम मात्रा में लेने की सलाह भी दी जाती है।
- विटामिन्स की आपूर्ति अच्छे से करें और पर्याप्त मात्रा में आवश्यक तत्वों का सेवन करें। इसके अलावा उच्च मात्रा में फाइबर आहार लेने की सलाह भी दी जाती है।
किडनी फेल्योर के संतुलित आहार सूची –
- गोभी – गोभी में फाइटोकेमिकल्स (Phytochemical) और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान को रोकता है। इसमें पोटेशियम कम होने की वजह से यह डायलिसिस के मरीज के लिए फायदेमंद है। गोभी को कच्चा या पका कर भी खा सकते हैं।
- बेरीस – बेरीस में मैंगनीज, विटामिन-सी, फाइबर और फोलेट काफी मात्रा में पाए जाते हैं, जो कि किडनी को स्वस्थ रखने में सहायता करता है।
- अंडे का सफेद भाग – अंडे का सफेद भाग किडनी को ठीक रखने के लिए काफी मदद करता है। इसमें हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है, जो किडनी के मरीजों के लिए फायदेमंद है। आप केवल अंडे के सफेद भाग का आमलेट बनाकर खाएं और उबले हुए अंडे से पीले भाग को निकाल के ही खाएं।
- जैतुन का तेल – किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जैतुन का तेल काफी फायदेमंद रहा है। इसमें मौजूद ओलेक एसिड और एंटी-इन्फ्लेमेरी फैटी एसिड हमारे शरीर में ऑक्सीडेशन को कम करता है। आप इसमें अपना भोजन पका कर भी खा सकते हैं।
- लहसून – लहसून में पाएं जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट किडनी और हार्ट प्रॉब्लम की संभावना को कम करता है। दिन में एक या दो कच्चा लहसून की कलियों का सेवन करने से शरीर हाई कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
- लाल शिमला मिर्च – लाल शिमला मिर्च खाने से किडनी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। इसमें विटामिन ए, बी-6 और सी, फोलिक एसिड और फाइबर से भरपूर होता है।
- सेब – सेब में मौजूद फाइबर किडनी को साफ करने में काफी मदद करता है। इसके सेवन से हार्ट प्रॉब्लम्स, कैंसर और कोलेस्ट्रॉल कम होने की संभावना बढ़ती है।
किडनी रोगियों के लिए नाश्ता -
- नमकीन दलिया – दलिया कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। छोटी-बड़ी बीमारियों और स्वास्थ्य के लिए दलिया खाना फायदेमंद है। नमकीन दलिया आप, दूध, दही या सब्जी, किसी के साथ खा सकते हैं। दलिया का सेवन शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। विटामिन और प्रोटीन जैसे कई पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ यह कम कैलोरी वाला उच्च फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ है। आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स आदि होने की वजह से अगर इसे सुबह नाश्ते में एक बार खाया जाए तो कई पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करता है। यदि आप किडनी पेशेंट है तो आप सब्जियों को मिलाकर बनाया गया दलिया अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। नमकीन दलिया में काफी मल्टीग्रेन होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।
- सब्जी भरवां रोटी – रोटी बनाना बेहद आसान काम होता है। अगर आप गरमागर्म रोटी खाते हैं तो इससे आपको अधिक फायदे होते हैं। बात करें भरवां रोटी की तो उसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, लेकिन साधी रोटी से ज्यादा अधिक भरवा रोटी में फाइबर, फोलेट विटामिन बी होता है। इसमें अधिक फाइबर होने की वजह से यह किडनी के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन ध्यान रखें कि सब्जी भरवां रोटी का सेवन सीमित मात्रा में करें। भरवां रोटी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पाचन तंत्र, स्टोन और कैंसर के लिए खाना लाभदायक है। अगर आप किडनी के मरीज हैं तो डॉक्टर द्वारा बताई गई सब्जियों को ही भरवां रोटी बनाने में इस्तेमाल करें।
- नमकीन सेवइयां – सेवाइयां मीठी और नमकीन बनाई जाती हैं। नमकीन सेवाइयां काफी फायदेमंद होती है। इसमें आप अधिक फाइबर वाली सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे- गाजर, मक्का, मटर ऑलिव और सूखे मेवे आदि। सेवाइयों में अधिक फाइबर होने की वजह से यह किडनी की बीमारी के लिए भी फायदेमंद है। नमकीन सेवाइयां को सब्जियों के साथ बनाने से इनका स्वाद और बढ़ जाता है। वैसे इसे आप ब्रेकफास्ट, लंच या शाम को चाय के साथ ले सकते हैं, लेकिन अगर आप इसे अपने नाश्ते में शामिल करते हैं तो इससे आपको अधिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। नमकीन सेवइयां बनाने के लिए आप सेवई बाजार से भी खरीद सकते है या फिर आप घर पर भी बना सकते है। अगर आप किडनी रोगी हैं तो आप सिर्फ नमकीन सेवाइयों का ही सेवन करें।
किडनी फेल्योर के कारण –
अधिकतर लोगों में किडनी फेल्योर गलत खान-पान और दूषित वातावरण ही जिम्मेदार माना जाता है। कई बार तो किडनी की समस्या का कारण एंटीबायोटिर दवाओं की अधिक सेवन भी होता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में अधिक देखने को मिली है। बढ़ता औद्योगीकर और शहरीकरण भी किडनी की बीमारी का कारण बन सकता है।
किडनी फेल्योर के लक्षण -
किडनी फेल्योर में सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरूआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन जब यह बीमारी अंतिम स्टेज पर पंहुच जाती है तब इसके लक्षण नजर आने लगते हैं –
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- पेशाब करते वक्त दर्द होना
- चेहरे और पैरों में सूजन आना
- बार-बार पेशाब आना
- पीठ के नीचे के तरफ दर्द होना
- भूख न लगना
- उल्टी और उबकाई आना
- खुजली और पूरे शरीर रैशेज होना
किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।
आयुर्वेद लगभग 5 हजार वर्ष पहले भारत में शुरू हुए है। जो काफी लंबे समय का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचार शामिल है। आयुर्वेद ने दुनिया भर की मानव जाति का संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक विकास किया है। यह चिकित्सा की अनुपम और अभिन्न शाखा हैं। साथ ही एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करती है।