किडनी पेशेंट दिपांशू - कर्मा आयुर्वेदा रिव्यू

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट दिपांशू - कर्मा आयुर्वेदा रिव्यू

रोगी का नाम मास्टर दिपांशू, जो 13 साल के बच्चा हैं। वह नेफ्रोटीक सिंड्रोम की समस्या से जूझ रहा था और क्रिएटिनिन भी बढ़ता जा रहा हैं। इस बीमारी की वजह से बच्चे को बहुत से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

इलाज से पहले

  • सर्दी, जुकाम और खांसी होना
  • बुखार रहना
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 4.17
  • उच्च यूरिया स्तर – 142.00

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से कुछ ही महीने इलाज करवाने के बाद रोगी में बहुत से सुधार देखने को मिले हैं। क्रिएटिनिन सामान्य होता जा रहा हैं। रोगी अब शारीरिक तौर पर फीट हैं।

  • सर्दी, जुकाम में आराम मिला
  • बुखार नहीं रहता
  • क्रिएटिनिन स्तर – 12
  • यूरिया स्तर – 30.56

विश्लेषण :

कर्मा आयुर्वेदा ने अनेको बार सिद्ध किया हैं कि क्रिएटिनिन को कम किया जा सकता हैं और जीएफआर को बढ़ाया जा सकता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने हजारों रोगियों को किडनी की बीमारी से मुक्त किया हैं।

किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज  

नेफ्रोटिक सिंड्रोम आम किडनी रोगों में से एक या रोगों का समूह कहा जा सकता हैं, इसमें किसी भी आयु समूह के शरीर पर सूजन होना इसके लक्षणों में से एक हैं। इसमें पेशाब के समय अधिक मात्रा में प्रोटीन निकलता हैं, रक्त में प्रोटीन की कमी, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षणों में से एक हैं, लेकिन अधिकत्तर मामलों में देखा जाता हैं कि ये रोग बच्चों को अपनी पकड़ में ले लेता हैं, लेकिन उचित इलाज के इस रोग पर निंयत्रण पाया जा सकता हैं।

हर साल देश में लाखों लोग किडनी की बीमारियों की वजह से जान गंवा बैठते हैं, लेकिन सका सबसे खतरनाक पहलू ये है कि किडनी की बीमारी का पता तब चलता हैं। जब किडनी 60 से 50 प्रतिशत तक डैमेंज हो चुकी होती हैं, इसलिए सावधानी ही इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है किडनी रक्तशोधन का काम करती हैं। दरअसल इस प्रक्रिया में रक्त से विषैले तत्व और शरीर से अनावश्यक पानी को यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देती हैं, इसलिए अगर किडनियां ठीक ढंग से काम न करें तो सेहत बिगड़ने लगती हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण हैं, इसलिए नियमित रूप से ब्लड और यूरिन की जांच करवाते रहना बेहद आवश्यक हैं। शगुर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को को नियमित स्क्रीनिंग में रहना जरूरी हैं।

किडनी रोग में एक स्वस्थ आहार के साथ आयुर्वेदिक किडनी दवाओं और उपचार का दिर्घकालिक प्रभाव हो सकता हैं। वे आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं जो पूर्व-एतिहासिक रूप से परिक्षण किए जाते हैं। एशिया में सबसे बेस्ट केंद्र में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। जो किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करता हैं। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा 1937 से किडनी और यकृत रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। सभी मरीजों को अपर्याप्त जड़ी-बूटियां और कार्बनितद खुराक से बनी दवाओं के साथ अच्छी तरह से स्वस्थ कर देते हैं।

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