बिहार से 24 घंटे का सफर तय कर दिल्ली आए रोगी रमेश तिवारी किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रहे थे। रमेश तिवारी मुज्ज़फरपुर बिहार के निवासी है। उनकी किडनी खराब होने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। किडनी खराब होने के चलते उन्हें भूख बहुत कम लगती थी, बार बार उल्टियाँ भी हो रही थी। कम खाने और उल्टियों के कारण वह काफी कमजोर हो चुके थे। किडनी खराब होने के साथ उन्हें मूत्र संक्रमण की शिकायत भी हो रही थी। पेशाब करते समय उन्हें जलन होती थी और पेशाब बहुत कम मात्रा में ही आता था। उनके लगातार बढ़ते क्रिएटिनिन स्तर के चलते एलोपैथी चिकित्सकों ने उन्हें डायलिसिस कराने की सलाह तक दे दी थी।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार से पहले :-
• उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 8
• शरीरिक कमजोरी
• भूख की कमी
• मूत्र संक्रमण
• बार बार उल्टियाँ आना
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार के बाद :-
रमेश तिवारी ने एलोपैथी उपचार को बंद कर जैसे ही कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया। उसके बाद उन्होंने अपने अंदर मात्र डेढ़ महीने में ही अच्छे परिणामों को महसूस किया। आयुर्वेदिक औषधि लेने के बाद उन्हें भूख लगने लग, उल्टियों का आना बंद हो गया, शरीर से कमजोरी भी काफी चली गयी है। इसके साथ साथ उन्हें पेशाब के दौरान होने वाली समस्या से भी राहत मिली है। आयुर्वेदिक दवा लेने के बाद बिना डायलिसिस के ही उनका क्रिएटिनिन स्तर काफी कम हुआ।
• क्रिएटिनिन स्तर 6.35
• मूत्र संक्रमण दूर हुआ
• उल्टियां आनी बंद हुई
• कमजोरी दूर हुई
• भूख लगने लगी है
विश्लेषण :-
मात्र डेढ़ माह में ही रमेश को अपने अंदर जो परिवर्तन दिखाई दिया है वह सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि के कारण से हुआ है। कर्मा आयुर्वेदा ने रमेश जी की किडनी को बिना डायलिसिस के ठीक कर यह साबित किया है की आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का उपचार सम्भव है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का उपचार :-
"कर्मा आयुर्वेदा" भी आयुर्वेद की सहायता से किडनी फेल्योर का सफल इलाज कर रहा है। कर्मा आयुर्वेदा ने हज़ारों लोगो को इस गंभीर रोग से रोगमुक्त कर यह साबित किया है की आयुर्वेद में किडनी फेल्योर का इलाज मौजूद होने के साथ-साथ संभव है।
कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में कर्मा आयुर्वेदा को डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन एक जाने मने आयुर्वेदिक चिकित्सक है। डॉ. पुनीत धवन ने अब तक आयुर्वेदिक किडनी दवाओं की मदद से 35 हज़ार से ज्यादा लोगो को किडनी फेल्योर से मुक्त किया है। बता दें की कर्मा आयुर्वेदा में बिना डायलिसिस और बिना किडनी ट्रांप्लांट के ही किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है।
अंग्रेजी दवाओं से किसी भी बीमारी की रोकथाम ही जा सकती है। अंग्रेजी दवाओं से हमें रोग से कुछ समय के लिए राहतभर ही मिलती है। जबकि आयुर्वेद से हर बीमारी को जड़ से ख़त्म किया जाता सकता है। आयुर्वेद किसी तिजोरी में छिपा एक ऐसा खजाना है जिसमे हर रोग का उपचार मौजद है। आयुर्वेद में हर हानिकारक रोग से मुक्ति पाई जा सकती है।