किडनी पेशेंट रानी कुमारी - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट रानी कुमारी - कर्मा आयुर्वेदा

28 साल की किडनी मरीज का नाम रानी कुमारी है, जो कि पटना की रहने वाली है। वह किडनी डिजीज से जूझ रही थी। इस बीमारी की शुरूआती अवस्था में एलोपैथी डॉक्टर ने दवाइयां दी थी, लेकिन उससे रोगी में कोई सुधार देखने को न मिला और तब रोगी की बेहद नाजूक हालत होती चली गई। साथ ही लगातार बढ़ते क्रिएटिनिन लेवल के साथ-साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • लो हिमोग्लोबिन – 6.00gm
  • क्रिएटिनिन लेवल का बढ़ना – 2.18mg/dl
  • शारीरिक कमजोरी
  • शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने मात्र कुछ महीने पहले ही कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था और अब वह बिल्कुल स्वस्थ महूसस कर रहे हैं। इसके अलावा सभी चीजों में सुधार देखने को मिला है।

  • सामान्य हिमोग्लोबिन – 7.30gm
  • सामान्य क्रिएटिनिन लेवल – 1.82mg/dl
  • सूजन खत्म हुई

किडनी डिजीज का करें आयुर्वेदिक उपचार

किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है, अगर वह कम करना बंद कर दें तो हमारी जान को जोखिम हो सकता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के कारण बहुत से व्यक्ति अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, जिस कारण वह बार-बार बीमार होते रहते हैं। यह एक तरह की चेतावनी होती है कि आने वाले समय में उन्हें कोई बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। एक इंसान के शरीर में जिस तरह 70% पानी होता है और उसे बनाए रखने के लिए इंसान को पूरे दिन में कम से कम 8 से 10 लीटर पानी पीना ज़रूरी होता है, जिससे हमारे शरीर में होने वाली प्रक्रिया सही से काम कर सकें। उसी प्रकार हमारे शरीर में सभी अंगों की एक खास विशेषता होती है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अंग किडनी है जो हमारे शरीर में खून की सफाई का कार्य करती है।

किडनी हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के ज़रिए बाहर निकलने में मदद करती है। यदि किसी व्यक्ति को आयुर्वेदिक किडनी की समस्या हो जाए तो उस व्यक्ति का जीवन मानो संकट में आ जाता है, उसे बहुत-सी समस्याओं का को झेलना पड़ता है साथ ही मरीज के परिवार को कई परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। किडनी से जुड़ी कई तरह की बीमारी हो सकती है जिसकी वजह से आपकी जान जाने का खतरा भी बन सकता है।

कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल की मदद से किडनी की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि का ही इस्तेमाल करता है और आयुर्वेद पर ही विश्वास करता है। यह अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के रोग से मुक्त किया है, वो भी किसी किडनी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना। यहां किडनी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एक उचित आहार और योग करने की सलाह भी जाती है, जिससे रोगी में जल्दी ही सुधार देखने को मिल सके।

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