रोगी का नाम रोहित हैं जो गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग की समस्या से पीड़ित थे और हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाते थे। रोगी की हालत गंभीर होने पर उन्हें ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया गया था। सही समय पर कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला और तुरंत इलाज शुरू कर दिया था।
इलाज से पहले
- हफ्ते में दो बार डायलिसिस
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 14
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
मात्र 45 दिनों में रोगी पहले से बेहतर हैं। डायलिसिस और ट्रांसप्लांट से छुटकारा मिल गया। इसी के साथ वह शारीरिक तौर पर फीट हैं और क्रिएटिनिन भी सामान्य स्तर पर आ गया हैं।
- डायलिसिस से मुक्ति
- क्रिएटिनिन स्तर – 3.90
- यूरिया स्तर – 82.6
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा डॉ. पुनीत धवन ने रोगी को डायलिसिस से मुक्त किया है और ट्रांसप्लांट करवाने से बचाया हैं। वह सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार और आहार चार्ट को पालन करने की सलाह देते हैं, जिससे रोगी में काफी सुधार आ जाता हैं। वह पहले की तरह चलने उठने बैठने लगते हैं।
किडनी रोग का आयुर्वेदिक उपचार
किडनी रोग कोई संपूर्ण इलाज नहीं है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो इसे अंतिम स्टेज की किडनी खराबी अर्थात ई.एस.आर.डी में परिवर्तित होने में समय नहीं लगता हैं। किडनी के रोगों में मरीज एकदम सामान्य और बीमारी केई लक्षण शुरूआत में पता ही नहीं चलते हैं, इसलिए जब भी किडनी रोग की आंशका हो तो तुरंत किडनी डॉक्टर डॉ. पुनीत धवन को दिखाकर अपना आयुर्वेदिक किडनी उपचार करवा सकते हैंयो रोग बेहद तेजी से रोग को खत्म करने में मदद करता हैं।
किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं काफी फायदेमंद साबित हुई हैं। आयुर्वेदिक दवाएं 100% नेचुरल होती हैं और उससे कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। किडनी फेल्योर उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा, योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन के मार्गदर्शन में किडनी रोग के लिए सबसे ज्यादा सहायता प्रदान की हैं। कर्मा आयुर्वेदा में रोगियों को आयुर्वेदिक किडनी दवाओं के साथ-साथ डाइट चार्ट की भी सलाह दी जाती हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं।