मरीज का नाम संजय खातरकर है जो मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से जूझ रहे थे और हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाते थे। इसी के साथ अन्य बीमारी और काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था।
इलाज से पहले
- एसिडिटी होना
- अस्थमा
- थायराइड की बीमारी
- ब्लड प्रेशर हाई रहना
- हाई क्रिएटिनिन लेवल – 8.30
आयुर्वेदिक उपचार
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार के बाद रोगी में काफी सुधार आया हैं। रोगी हर बीमारी से मुक्त हो गया हैं। डायलिसिस भी 18 दिनों में एक बार हो गया हैं। साथ ही वह शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट हैं।
- एसिडिटी न होना
- अस्थमा ठीक हुआ
- थायराइड की बीमारी खत्म हुई
- सामान्य ब्लड प्रेशर
- क्रिएटिनिन लेवल – 6.12
विश्लेषण:
रोगी किडनी की बीमारी के साथ अन्य बीमारी से भी जूझ रहे थे, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार और डॉ. पुनीत धवन द्वारा आहार चार्ट की मदद से रोगी ठीक हुए हैं।
किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार
किडनी हमारे शरीर की जल निकासी प्रणाली है। उनका मुख्य कार्य कचरे को फिल्टर करके और शरीर में चयापचय अपशिष्ट के संतुलन को बनाए रखता हैं। किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही हैं। कभी-कभी लोग बीमारी का पता लगाने में सक्षम नहीं होता हैं, क्योंकि वे बाद के चरणों तक दिखाई नहीं देती हैं। बहुत सी वजह ऐसी है जो एक व्यक्ति को किडनी की बीमारी को ट्रिगर कर सकती हैं। ये 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में सबसे आम हैं। ज्यादातर मधुमेह और उच्च रक्तचाप के रोगियों के रोगियों को किडनी डिजीज होने का खतरा अधिक होता हैं। पेशाब में क्रिएटिनिन या प्रोटीन के स्तर में तेजी से वृद्धि होने पर किडनी का कार्य करने में समक्ष नहीं हो पाती हैं। इससे किडनी की गंभीर हानि होती हैं।
आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमला करके मन, शरीर और आत्मा का इलाज करते हैं। आयुर्वेदिक किडनी उपचार में प्रयुक्त सबसे आम जड़ी-बूटियों में पुनर्नवा, गोखुर, वरुण और शिरीष हैं। ये जड़ी-बूटी किडनी की बीमारी को ठीक से काम करने और रोग के लक्षणों को खत्म करने में मदद करती हैं। कर्मा आयुर्वेदा में भी किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं। दिल्ली के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं, जो आयुर्वेदिक उपचार से किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में स्थापित किया गया था। डॉ. पुनीत ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं, वो भी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।