किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने का कम करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं और निष्कासन करती हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती हैं। साथ ही अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती है। जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता है। किडनी का मुख्य कार्य रक्त को शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी सामान्य कार्य नहीं कर सके तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
किडनी फेल्योर के लक्षण:
आजकल किडनी फेल्योर रोग की समस्या दिन-ब-दिन बढती जा रही है और ऐसे में एक शोध ने बताया है कि, लोगों को किडनी फेल के लक्षण न पता होने के कारण वो इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। अगर सही समय पर इस बीमारी का पता हो, तो इसका इलाज किया जा सकता है, लेकिन पहले इसके लक्षणों की पहचान होना जरूरी है।
हाथों और पैरों में सूजन
किडनी खराब होने पर शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते है। जिससे हाथों और पैरों में सूजन आने लगती है। इसके अलावा पेशाब का रंग गाढ़ा होना या रंग बदलाव भी इस बीमारी के लक्षण है।
पेशाब की मात्रा का बढ़ना या कम होना
इस बीमारी में पेशाब आने की मात्रा बढ़ती या कम होती है और बार-बार पेशाब आने का एहसास होना मगर करने पर पेशाब का न आना भी किडनी फेल होने के लक्षण हैं।
रक्त में विषैले पदार्थ जमा होना
रक्त में विषैले पदार्थ जमा होने की वजह से इसमें सूजन के साथ-साथ रैशेज और खुजली की समस्या भी हो जाती है।
शारीरिक थकान
शरीर में कमजोरी, थकान या हार्मोन का स्तर गिरना किडनी फेल होने के लक्षण हैं। इससे आप छोटे-छोटे काम करने के बार भी थक जाते है।
लाल रक्त कोशिकाओं में कमी
किडनी के काम न करने के कारण शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है। जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
लगातार पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द
किडनी पीठ के ऊपरी हिस्से के थोड़ा करीब होती है और इस वजह किडनी फेल होने पर आपको लगातार पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द की शिकायत रहने लगती है।
रक्त में आयरन की कमी
रक्त में आयरन की कमी पर शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाती है, जिससे आपको एनीमिया की समस्या हो जाती है। आपको बार-बार चक्कर और उल्टी आती रहती है।
दिमाग पर प्रैशर
किडनी की बीमारी के कारण आपकी आंखों में दर्द और दिमाग पर प्रैशर पडने लगता है जिससे आप किसी भी चीज़ पर फोक्स नहीं कर पाते हैं।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए आगरा के बेस्ट आयुर्वेदिक क्लिनिक
विश्व के प्रमुख किडनी सेंटर में से एक है कर्मा अस्पताल है। जिसमें से आगरा के लोग भी आयुर्वेदिक किडनी का इलाज किया है। 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज करते आ रहे हैं। वो भी आयुर्वेदिक हर्बल दवाओं के द्वारा रोगियों को ठीक किया जाता है। ये 100% नेचुरल है और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। जी हां, ये एक प्राकृतिक इलाज है।