किडनी फेल्योर उपचार के लिए फिरोजाबाद के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी फेल्योर उपचार के लिए फिरोजाबाद के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल

आयुर्वेदिक उपचार किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में सफल रहा हैं वो भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना। जी हां, किडनी फेल्योर के लिए तेलंगाना में आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। वह केवल अपने मरीजों के इलाज के लिए प्राकृतिक और जैविक तरीकों में विश्वास करते हैं। आयुर्वेदिक किडनी के मुताबिक वो डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर सकते हैं। समय के स्वाभिक रूप से पुनर्जीवित हो सकते हैं। साथ ही ये एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ क्लिनिक अर्थात कर्मा आयुर्वेदा के प्रमुख है। उन्होंने लाखों रोगियों को अपनी आयुर्वेदिक दवाओं और प्रक्रियाओं के साथ ठीक किया जाता हैं।

किडनी फेल्योर

किडनी शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सा है। किडनी में खराबी आने से जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक किडनी उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी किडनी फेल्योर के रोगियों की संख्या बढ़ रही है।

किडनी फेल्योर के कारण:

किडनी फेल्योर का एक प्रमुख कारण मधुमेह या डायबिटीज के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ, लेकिन इसके दूसरे कारण भी है। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की छलनियों में इंफेक्शन, पथरी का बनना और दर्द के लिए पेन किलर का सेवन करना आदि।

किडनी फेल्योर के सामान्य दो विकल्प:

जब किडनी खराब हो जाती है तो इसके इलाज के लिए दो विकल्प बचते हैं। ताउम्र डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण कराना। डायलिसिस की प्रक्रिया काफी मेहंगी होती है। आम आदमी इतना खर्चा नहीं उठा पाते हैं और मरीज का पूरा परिवार तनावग्रस्त हो जाते हैं।

किडनी फेल्योर के लक्षण:

  • शरीर में सूजन आना
  • पेशाब की मात्रा में कमी होना
  • पेशाब में प्रोटीन या रक्त आना
  • पेशाब बार-बार जाना
  • पेशाब में जलन होना
  • भूख में कमी
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • शरीर में रक्त की कमी (एनीमिया)
  • उच्च रक्तचाप

किडनी फेल्योर से जुड़े कुछ और लक्षण:

कई बाद देखा गया है कि किडनी की बीमारी में उपर्युक्त लक्षण पाए जाते हैं। ऐसी अवस्था में कुछ जांचों से बीमारी का पता चल सकता है जैसे-

  • रक्त में यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर का बढ़ना
  • डाइबिटीज के रोगियों के पेशाब में माइक्रोएलब्युमिन का होना
  • किडनी के कार्य करने की क्षमता में कमी आना। इस बारे में डी.टी.पी.ए रीनल स्कैन से पता चल जाता है।
  • अल्ट्रासाउंड मे किडनी का साइज छोटा दिखता है और पेशाब में रूकावट के कारण किडनी का फूल जाना।
  • इन लक्षणों और जांचो के द्वारा अगर किडनी डिजीज का आशंका महसूस होती है, तो जल्द ही नेफ्रोलॉजिस्ट यानी किडनी के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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