आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है श्रीनगर के बेस्ट किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। जो डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना किडनी रोगियों को ठीक करके रोग को जड़ से खत्म करते हैं।
किडनी फेल्योर
आपको जानकर हैरानी होगी कि किडनी फेल होने से दुनिया भर बहुत से लोग आपनी जान गवा बैठे है और हर साल 2 लाख से ज्यादा लोगों की किडनी फेल होती है। 5 हजार लोग किडनी प्रत्यारोपण करवाते हैं। इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह डायबिटीज और हाइपर टेंशन भी है।
बता दें कि, किडनी फेल होने का मतलब होता है कि किडनी के काम करने के दर 15% से कम हो गई है। किडनी फेल होने के कुछ दिन पहले बॉडी कुछ संकेत देने लगते हैं। उन्हें हमें अनदेखा नहीं करना चाहिए।
किडनी फेल्योर के लक्षण
- पेशाब की मात्रा अचानक या धीरे-धीरे कम होना
- शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आना
- जी मिचलाना या उल्टी होना
- रक्त के नियंत्रण में कमी
- वजन अचानक कम होना
डायबिटीज के मरीजों के लिए सावधानी:
किडनी की बीमारी के रोकथाम सभी मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक हैं। क्योंकि दुनिया भर में सी.केडी. और किडनी फेल्योर का प्रमुख कारण मधुमेह हैं। डायलिसिस में आने वाले क्रोनिक किडनी डिजीज के हर तीन मरीज में से एक मरीज किडनी फेल होने का कारण डायबिटीज होता है। इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए डायबिटीज के मरीजों को हमेशा दवाई और परहेज से डायबिटीज नियंत्रण में रखना चाहिए।
हर मरीज को किडनी पर डायलिसिस के असर की जल्द जानकारी के लिए हर तीन महीने में रक्त का दबाव और पेशाब में प्रोटीन की जांच करना जरूरी है। रक्त का दबाव बढ़ना, पेशाब में प्रोटीन का आना, शरीर में सूजन आना, रक्त में बार-बार शर्करा की मात्रा का कम होना तथा डायबिटीज के लिए इसिलए इंजेक्शन की मात्रा में कमी होना आदि डायबिटीज के कारण किडनी खराब होने के संकेत होते हैं। किडनी की कार्यक्षमता का आंकलन करने के लिए हर साल कम से कम एक बार सीरम क्रिएटिनिन और eGFR का माप करवाना चाहिए। अगर मरीज़ को डायबिटीज के कारण आंखों में तकलीफ की वजह से लेसर उपचार कराना पड़े, तो ऐसे में मरीजों की किडनी खराब होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।