किडनी में दर्द क्यों होता है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी में दर्द क्यों होता है?

शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होना काफी पीड़ादायक होता है, ऊपर से अगर दर्द अंदरूनी हिस्सों में हो तो वह काफी पीड़ादायक साबित होता है। क्योंकि बाहरी दर्द से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन अंदरूनी दर्द से छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है। अगर ऐसे में बात करे किडनी दर्द की तो किडनी में होने वाला दर्द काफी गंभीर होता है, ठीक समय पर उपचार ना मिलने पर यह दर्द जानलेवा भी साबित हो सकता है।

किडनी में दर्द होना बहुत गंभीर समस्या होती है, यह दर्द किसी बड़ी बीमारी की ओर साफ़ संकेत करता है। किडनी में दर्द तभी होता है जब समस्या अपना विकराल रूप ले चुकी हो। इसलिए, अगर आपकी किडनी में या उसके आसपास के हिस्सों में दर्द हो रहा हो तो इसे नजर अंदाज बिलकुल नहीं करना चाहिए। क्रोनिक किडनी रोग यानि किडनी खराब होने पर किडनी में दर्द होने का लक्षण दिखाई नहीं देता। लेकिन किडनी से जुड़ी बाकी बीमारियों में तेज़ और असहनीय दर्द होता है, जिनसे छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है।

आज के इस लेख में हम इसी विषय में चर्चा करेंगे कि आखिर किन स्थितियों में किडनी में असहनीय दर्द हो सकता है। हमने नीचे इस विषय में कुछ स्थितियों पर विस्तार में चर्चा की है कि आखिर कैसे किडनी में दर्द हो सकता है?

किडनी में दर्द होने के पीछे निम्न वर्णित कारण हो सकते हैं

किडनी में पथरी होने पर

किडनी में पथरी होने पर आपको असहनीय दर्द का सामना करना पड़ सकता है। पथरी होने पर किडनी में दर्द उस समय होता है, जब पथरी के छोटे-छोटे टुकड़े खिसक कर मूत्र नली में आ जाते हैं। किडनी में पथरी होने की स्थिति में किडनी के आसपास कमर में पीछे की तरफ दर्द होता है। इस दर्द की तीव्रता हल्की से बहुत गंभीर हो सकती है। इसके अलावा अगर दर्द काफी तेज है तो मरीज को इसके साथ-साथ मितली या उल्टी हो सकती है। ऐसे में किडनी रोगी को तुरंत उपचार की जरूरत होती है।

मूत्र पथ संक्रमण होने पर

मूत्र पथ या पेशाब नली में गंभीर संक्रमण होने पर किडनी में तेज़ दर्द होने की शिकायत हो सकती है। इस संक्रमण के होने पर मरीज को कमर में किडनी के आसपास की जगह पर और पेट में तेज़ दर्द हो सकता है। यह दर्द इतना इतना गंभीर होता है कि पीड़ित को तेज़ बुखार हो जाता है। मूत्र पथ संक्रमण होने पर रोगी को पेशाब करते समय जलन भी होती है।

पेशाब की नली में रुकावट (यूटीओ) होने पर

जब किडनी की पथरी छोटे छोटे टुकड़ों में खिसक कर पेशाब की नली में आ जाती है तो मूत्र मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। इसके अलावा पेशाब की नली में रूकावट, पेशाब की नली के सिकुड़ने और नली में ट्यूमर होने के कारण आ सकती है। यूटीओ होने पर मरीज को हल्का या मध्यम तीव्रता का दर्द हो सकता है। पेशाब की नली में अचानक रुकावट होने पर यह दर्द असह्य हो जाता है। यूटीओ में जो दर्द होता है, वह लगभग वैसा ही होता है  जैसा कि किडनी में पथरी होने पर होता है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) के कारण

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज होने पर किडनी पर कई सिस्ट बन जाते हैं, जिनके कारण रोगी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किडनी पर सिस्ट बनने के कारण किडनी का आकर बढ़ने लगता है, यहाँ तक किडनी फेल तक भी सकती है। कुछ रोगियों के सिस्ट फूटने लगते हैं, जिसमे से खून और तरल आने लगता है, जिसकी वजह से किडनी रोगी को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के दौरान रोगी को किडनी के आसपास कमर में पीछे की तरफ दर्द हो सकता है, इसके अलावा रोगी को  उच्च रक्तचाप और सूजन का भी सामना करना पड़ सकता है।

पेज किडनी रोग होने पर

किडनी में किसी कारण चोट लगने के कारण किडनी टिश्यू से खून रिसने लगता है। किडनी से खून निकलने के चलते पीड़ित को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है, पीड़ित को कमर के आसपास के हिस्से में तेज दर्द होता है। किडनी से खून रिसने के कारण किडनी के अंदरूनी हिस्सों पर दबाव बढ़ जाता है और उच्च रक्तचाप की समस्या हो जाती है।

लोइन पेन हेमाटय़ूरिया सिंड्रोम होने पर

यह एक असाधारण बीमारी है और इसमें मरीज को कभी-कभी पेशाब में खून आने की शिकायत होती है और कमर में पीछे की तरफ दर्द भी होता है। डॉक्टर अक्सर ऐसे मामलों में किडनी रोगी को कई तरह की जांच कराने के लिए कहते हैं, ताकि वह तकलीफ के कारणों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हो सकें। दर्द से पूरी तरह राहत पाने के लिए और बीमारी से निजात पाने के लिए यह बेहद जरूरी है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा बीते कई दशकों से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी का आयुर्वेद द्वारा सफल उपचार कर रहा है। कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से आयुर्वेदिक किडनी उपचार करते आ रहे हैं। इस समय कर्मा आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कि कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। डॉ. पुनीत धवन एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक है, जिन्होंने अब तक 48 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है।

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