किडनी की बीमारी एक आम समस्या है जो दुनिया के लगभग 10% लोगों को प्रभावित करती है। इस स्थिति में किडनी पेशेंट को क्या खाना चाहिए। हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से अहम अंग किडनी है और यह कई महत्वपूर्ण कार्यों को करती है। यह शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर करने में मदद करती है। इसके अलावा यह रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को उत्तेजित करती है। यह शरीर में तरल पदार्थ को बढ़ावा देकर पेशाब का उत्पादन करती है। किडनी में खराबी आना मधुमेह और उच्च रक्तचाप को बढ़ा सकती है। जब किडनी अपना काम सही से नहीं कर पाती, तो रक्त में अशुद्धियां बढ़ सकती है। इसलिए किडनी के मरीजों को अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए और नाश्ते का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए।
किडनी रोगी नाश्ते से पहले करें योग –
योग तन और मन दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन व्यायाम है। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर न केवल बाहरी गतिविधियों के लिए फिट रहता है, बल्कि नर्वस सिस्टम, पाचन जैसे अंदुरूनी गतिविधियों भी स्वस्थ रहते है। अगर आप किडनी की समस्या का सामना कर रहे हैं तो योग आपके लिए फायदेमंद है। रिसर्च के अनुसार, योग किडनी रोगियों के लिए परफेक्ट व्यायाम है। किडनी की बीमारी का सामना कर रहे लोगों को योग जरूर करना चाहिए। आपको कुछ ऐसे योग आसन करने जरूरी है जिससे किडनी की बीमारी से आराम मिल सकता है।
ऐसे योगासन जो किडनी की बीमारी में फायदेमंद है –
- मत्स्यासन
- केवला कुसंगका
- शून्यका कुंभक
- भोरोलिका
किडनी रोगियों के लिए नाश्ता -
- नमकीन दलिया – दलिया कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। छोटी-बड़ी बीमारियों और स्वास्थ्य के लिए दलिया खाना फायदेमंद है। नमकीन दलिया आप, दूध, दही या सब्जी, किसी के साथ खा सकते हैं। दलिया का सेवन शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। विटामिन और प्रोटीन जैसे कई पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ यह कम कैलोरी वाला उच्च फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ है। आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स आदि होने की वजह से अगर इसे सुबह नाश्ते में एक बार खाया जाए तो कई पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करता है। यदि आप किडनी पेशेंट है तो आप सब्जियों को मिलाकर बनाया गया दलिया अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। नमकीन दलिया में काफी मल्टीग्रेन होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।.
- सब्जी भरवां रोटी – रोटी बनाना बेहद आसान काम होता है। अगर आप गरमागर्म रोटी खाते हैं तो इससे आपको अधिक फायदे होते हैं। बात करें भरवां रोटी कि तो उसमें कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और पोटेशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं, लेकिन साधी रोटी से ज्यादा अधिक भरवा रोटी में फाइबर, फोलेट विटामिन बी होता है। इसमें अधिक फाइबर होने की वजह से यह किडनी के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन ध्यान रखें कि सब्जी भरवां रोटी का सेवन सीमित मात्रा में करें। भरवां रोटी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पाचन तंत्र, स्टोन और कैंसर के लिए खाना लाभदायक है। अगर आप किडनी के मरीज हैं तो डॉक्टर द्वारा बताई गई सब्जियों को ही भरवां रोटी बनाने में इस्तेमाल करें।
- नमकीन सेवइयां – सेवाइयां मीठी और नमकीन बनाई जाती हैं। नमकीन सेवाइयां काफी फायदेमंद होती है। इसमें आप अधिक फाइबर वाली सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे- गाजर, मक्का, मटर ऑलिव और सूखे मेवे आदि। सेवाइयों में अधिक फाइबर होने की वजह से यह किडनी की बीमारी के लिए भी फायदेमंद है। नमकीन सेवाइयां को सब्जियों के साथ बनाने से इनका स्वाद और बढ़ जाता है। वैसे इसे आप ब्रेकफास्ट, लंच या शाम को चाय के साथ ले सकते हैं, लेकिन अगर आप इसे अपने नाश्ते में शामिल करते हैं तो इससे आपको अधिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। नमकीन सेवइयां बनाने के लिए आप सेवई बाजार से भी खरीद सकते है या फिर आप घर पर भी बना सकते है। अगर आप किडनी रोगी हैं तो आप सिर्फ नमकीन सेवाइयों का ही सेवन करें।
किडनी की बीमारी
किडनी की बीमारी के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी तब होती है जब बहुत देर हो चुकी होती है। दरअसल किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं। जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है, इसलिए इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। किडनी शरीर का एक ऐसा अंग है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता है, लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियों, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं की वजह किडनी के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है।
किडनी की बीमारी होने का कारण –
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारण है। डायबिटीज के 30 से 40 प्रतिशत मरीजों की किडनी खराब होती है। इनमें से 50% रोगी ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुद देर से इस बीमारी का पता चलता है और फिर उन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता है।
आयुर्वेदिक किडनी उपचार
आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। आयुर्वेद लगभग 5000 वर्ष पहले भारत की पवित्र भूमि में शुरू हुआ था। आयुर्वेद उपचार एक लंबे जीवन का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है, जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचार शामिल है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद ने दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक का विकास किया है। आज आयुर्वेदिक उपचार की विभिन्न शाखाएं हैं। यह एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है, जो आपके शरीर को सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करती है।
आयुर्वेद का उपयोग जड़ी-बूटियों और पूर्व-ऐतिहासिक तकनीकों के साथ किया जाता है। विश्व में प्रमुख किडनी सेंटर में से एक कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल है। यह सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहां हर्बल दवाईयों के द्वारा रोगियों को ठीक किया जाता है। यहां सभी तरह के किडनी रोगों का प्राकृतिक इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है।