किडनी रोग और कमर दर्द में संबंध

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी रोग कभी भी अकेला नहीं आता जब भी किसी व्यक्ति को किडनी रोग होता है उस समय वह और भी कई समस्याओं से घिर जाता है। किडनी रोग अपने साथ अनेक बीमारियों को साथ में लाता है जिसमे से एक दर्दभरी समस्या है “कमर दर्द”। कमर दर्द एक गंभीर समस्या है यह ज्यादा देर बैठे रहने से, ज्यादा समय खड़े रहने से, मांसपेशियों में खिंचाव, आड़े तिरछे लेटने के कारण पैदा होती है। इस दर्द से राहत पाने के लिए दर्द निवारक दवाओं, तेल और बाम का इस्तेमाल करते है। लेकिन कमर दर्द की यह समस्या कई बार मूत्र संक्रमण, किडनी संक्रमण और किडनी फेल्योर के कारण से भी पैदा होती है। किडनी खराब होने के कारण हुई कमर दर्द कि शिकायत काफी गंभीर समस्या है। अगर आप काफी समय से कमर दर्द का सामना कर रहे है तो आपको अपनी किडनी की जांच जरुर करवानी चाहिए।

किडनी खराब होने पर कमर दर्द क्यों होता है?

“किडनी रोग के दौरान कमर दर्द क्यों होता है?” दरअसल, हमारी दोनों किडनियां पीछे की तरफ कमर से से लगी हुई होती है। दोनों किडनियां कमर में कशेरुकाओं के पास–पास होती है जहाँ पसलियाँ खत्म होती है। जब किडनी खराब या संक्रमित होती है उस दौरान तेज़ असहनीय दर्द होता है, जिससे कमर में दर्द होता है। वहीँ किडनी में पथरी या संक्रमण पीठ की तरफ होता है जब उसमे दर्द होता है तब लोग उसे कमर दर्द समझ लेते है। जिससे राहत पाने के लिए लोग अक्सर दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते है जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन जब यह दर्द तेज़ होता है तब लोगो को यह समझ में आता है की समस्या कुछ और ही है।

कमर दर्द और किडनी के कमर दर्द में अंतर :-

किडनी खराब होने पर होने वाले कमर दर्द और सामान्य दर्द में बहुत अंतर होता है। किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने का काम करती है, लेकिन किडनी खराब या संक्रमित होने के कारण सारे विषाक्त तत्व शरीर में कमर की तरफ रह जाते है विषाक्त तत्वों के कारण जब किडनी में दर्द है तब लोग उसे कमर का दर्द समझ लेते है। ऐसा इसलिए होता क्योंकि किडनी कमर की तरफ होती है।

किडनी में दर्द होने के पीछे कारण :-

आपने ऊपर किडनी रोग के कारण होने वाले कमर दर्द के बारे में जाना। अब हम आपको बताते है की किडनी में दर्द क्यों होता है। किडनी में दर्द होने के मुख्य रूप से दो कारण है जो निम्नलिखित है –

1) किडनी संक्रमण

2) किडनी में पथरी

किडनी संक्रमण –

किडनी आकर में बाकि अंगों से छोटी होती है लेकिन यह 500 से अधिक कार्यों को अंजाम देती है जिसके कारण हमारा शरीर ठीक से काम कर पाता है। लेकिन कुछ कारणों के चलते हमारी किडनी संक्रमित या खराब हो जाती है। किडनी संक्रमण के पीछे शरीर में सोडियम यानि नामक की अधिक मात्रा के कारण होने वाली समस्या उच्च रक्तचाप, दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन और मूत्र संक्रमण है। इन सबके कारण किडनी पर दबाव बढ़ने लगता है और किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाते है जिसके कारण किडनी में सूजन और संक्रमण हो जाता है। इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल और मधुमेह के कारण से भी किडनी संक्रमित हो जाती है। जब किडनी की बीमारी अपना सर उठाने लग जाती है तब तेज़ दर्द होता है। जिसे लोग अक्सर कमर दर्द मान बैठते है।

किडनी में पथरी –

जब किडनी मे पथरी बन जाती है उस दौरान पीड़ित को असहनीय दर्द होता है, रोगी इस दर्द को बयान करते हुए बताते है की “यह दर्द जान लेने वाला दर्द होता है”। किडनी में पथरी बनने के पीछे के कारणों की बात करे तो आपको बता दें की कम पानी पीना, शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ना, कच्चे चावल, दाल या कोई अन्य कच्चे अनाज का अधिक सेवन करना, आयरन वाले आहार जैसे टमाटर, बैंगन, पालाक का सेवन करना आदि। इन सभी कारणों के चलते किडनी में पथरी बनती है। जब किडनी में पथरी का हल्का दर्द होता तब लोग उसे कमर दर्द मान लेते है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

आयुर्वेद की मदद से हम प्रकार के रोग से आसानी से छुटकारा पा सकते है। आयुर्वेद न सिर्फ हमें रोगों से बचाता है बल्कि हमें जीने का एक स्वस्थ तरीका भी सिखाता है। आयुर्वेद हमे तमाम रोगो से जीवन भर के लिए मुक्त करता है। वहीँ अंग्रेजी दवाओं की मदद से आप सिर्फ रोगों से कुछ समय भर के लिए ही निदान प्राप्त कर पाते है। अंग्रेजी उपचार रोगो को जद से ख़त्म करने में सक्षम नही होता।

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इस समय कर्मा आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन के हाथों में है। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। डॉ. पुनीत धवन ने ना केवल भारत बल्कि विश्व भर में किडनी फेल्योर के रोगियों का आयुर्वेदिक किडनी उपचार उन्हें इस जानलेवा बीमारी से निदान दिलाया है। डॉ. पुनीत धवन एक जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक है। इन्होने अब तक 35 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की खराब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेदा में बिना किडनी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है।

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