गर्मियों के मौसम में कोल्ड ड्रिंक पीना भला किसे पसंद नहीं होगा, कई लोग तो कोल्ड ड्रिंक पीने के इतने आदि होते हैं कि उन्हें इसकी लत ही लग चुकी होती है। गर्मियों के मौसम में तो कोल्ड ड्रिंक पीना एक फैशन-सा ही बन जाता है। कोल्ड ड्रिंक का निर्माण कई ऐसे पदार्थों से होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स बनाने के लिए मूलतः में पेस्टिसाइट्स, कॉर्बनडाई ऑक्साइड, कैफीन, फॉस्फोरिक, क्यूमरिक, ग्लूकोनिक, एसेटिक, टाटरिक व सिट्रिक एसिड जैसे कई रसायनों का प्रयोग किया जाता है।
वहीं जो ड्रिंक सोडे से निर्मित होते हैं उनमे फास्फोरिक एसिड, कैफीन, हाई फ्रुक्टोस कॉर्न, टेप वाटर जैसी चीजों का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग मॉकटेल पीने के शौकीन होते हैं, इस पेय उत्पाद में कैफीन, पेस्टिसाइड्स, फॉस्फोरिक, सिट्रिक एसिड जैसे रसायनों का इतेमाल किया जाता है। लेकिन यह सोडा ड्रिंक और कोल्ड ड्रिंक की तुलना में अच्छा होता है, क्योंकि इसमें फलों के रस का प्रयोग किया जाता है।
कोल्ड ड्रिंक्स से किडनी इस प्रकार होती है प्रभावित
अगर आप कम मात्रा में कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, तो आपकी किडनी पर कोई खास असर नहीं पड़ता। लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, तो आपकी किडनी पर निश्चित ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके आलवा आप कई ऐसी समस्याओं से भी घिर जाते हैं जिनसे आपकी किडनी का कार्य ना केवल बाधित होती है बल्कि उसकी कार्यक्षमता में भी कमी आती है। किडनी की कार्यक्षमता में कमी आना किडनी खराब होने की तरफ इशारा करता है।
कोल्ड ड्रिंक के सेवन से आपकी किडनी निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित होती है
किडनी की कार्यक्षमता में कमी
कोल्ड ड्रिंक पीने का सीधा असर किडनी पर पड़ता है। इससे किडनी की सक्रियता प्रभावित होकर कम होने लगती है, जिससे किडनी के सारे काम प्रभावित हो जाते हैं। कोल्ड ड्रिंक पीने से किडनी के कार्य में आई कमी के कारण व्यक्ति को सबसे ज्यादा पेशाब से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उच्च रक्तचाप की समस्या
अगर आप कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो आपको उच्च रक्तचाप की समस्या होने लगती है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक में कैफीन होता है जो कि उच्च रक्तचाप की समस्या को बढ़ने में मदद करता है। एक बार कैफीन की लत लगने के बाद लोगो का स्वभाव लगभग चिड़चिड़ा रहता है, जिससे उनका रक्तचाप बढ़ने लगता है। उच्च रक्तचाप को किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
मधुमेह होने का खतरा
अगर आप नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, तो आपके रक्त में शर्करा की मात्रा काफी बढ़ जाती है। जिसे संतुलित करने के लिए आपके शरीर को इन्सुलिन की अधिक मात्रा की जरूरत होती है, लेकिन शरीर में मौजूद शर्करा के मुकाबले इसका निर्माण करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में व्यक्ति को मधुमेह की समस्या होना शुरू हो जाती है, जिससे निजात पाने के लिए दवाएं लेनी पड़ती है। मधुमेह होने पर किडनी की कार्यक्षमता पर काफी बुरा असर पड़ता है। क्योंकि रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक होने पर किडनी को शर्करा से भरे हुए रक्त को साफ करने मे उसके फिल्टर्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। लम्बे समय तक ऐसा रक्त साफ़ करने पर किडनी खराब हो जाती है।
दिल हो सकता है बीमार
अगर आप कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करते हैं, तो आपको दिल से जुड़ी समस्या होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि इसमें सोडा होता है जो कि दिल से जुड़ी समस्या को बढ़ावा देता है। सोडे से बनी ड्रिंक में काफी मात्रा में सोडियम और कैफीन मिलता है जो कि आपके दिल के लिए खतरनाक होते हैं। सोडियम शरीर में तरलता रोकने का काम करता है, वहीं कैफीन से हृदयगति और रक्तचाप बढ़ जाता है। इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है, जिससे किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। इसके अलावा रक्त प्रवाह में भी वृधि आती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है।
तनाव बढ़ता है
कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से व्यक्ति के स्वाभाव पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से तनाव होने का खतरा बना रहता है। कोल्ड ड्रिंक में मिलाए गए रसायनिक तत्वों से दिमाग के रासायनिक कंपोजिशन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से भविष्य में डिप्रेशन और तनाव होने का खतरा बना रहता है। जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार होने लगता है और इसके अलावा उसे उच्च रक्तचाप का भी सामना करना पड़ सकता है।
वजन बढ़ता है
कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है। इसके पीछे कोल्ड में मिलने वाले रासायनिक पदार्थ होते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स में चीनी अधिक मात्रा में होती है जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता है, इसके अलावा इसमें सोडा भी मिलता है जो कि वजन बढ़ने में मदद करता है। आपको बता दें कि 600 मिली लीटर सोडा में 240 कैलोरी होती हैं। अगर आप रोजाना एक कैन कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो साल भर में आपका वजन साढ़े 14 पाउंड यानी करीब साढ़े छह किलो तक बढ़ सकता है। अधिक वजन बढ़ने से शरीर बीमारियों का घर बन जाता है, जिसके चलते किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
गठिया होने की संभावना बनती है
अगर आप काफी समय से कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं, तो आपको गठिया की समस्या होने का खतरा रहता है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है जो कि गठिया होने का सबसे बढ़ा कारण माना जाता है। इससे जोड़ो में सूजन के साथ-साथ दर्द भी होता है। गठिया की समस्या किडनी की कार्यक्षमता में आई कमी को भी दर्शाती है। यह किडनी खराब होने की तरफ साफ़ इशारा करता है। इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना के बराबर ही करना चाहिए।
हड्डियों का कमजोर होना
कोल्ड ड्रिंक आपकी हड्डियों से कैल्शियम सोखने का काम करता है। जिससे हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। भंगुर हड्डियों (Brittle bones) के कारण शरीर का विकास रूक जाता है और व्यक्ति का कद मुश्किल से 4 से 5 फीट तक ही पहुँच पाता है। कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड मिला होता है जो कि अम्लीय होता है, यह हड्डियों से कैल्शियम सोख लेता है। कैफीन भी कैल्शियम सोखने का काम करती है, जिससे हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है। आपको बता दें कि हमारी किडनी खून साफ करने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत करने का भी कार्य करती है।
कर्मा आयुर्वेदा किडनी आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
कर्मा आयुर्वेद में प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आपको बता दें कि डॉ. पुनीत धवन ने ना केवल भारत में बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है, वो भी बिना आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार और किडनी ट्रांसप्लांट की सहायता के बिना। आपको यह जानकार हैरानी होगी डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से 48 हजार से भी ज्यादा आयुर्वेदिक किडनी उपचार किया हैं।