क्या आपको मालुम है हमारी किडनी ना केवल खून साफ करती है बल्कि वह खून बनाने का भी काम करती है। किडनी के भीतर एर्योथ्रोइएतिक (ERYOTHROIETIC) नाम का एक हॉर्मोन (HORMONE) पाया जाता है जोकि शरीर में खून बनाने का काम करता है। इसके अलावा किडनी हमारी हड्डियों को मजबूत करने का काम भी करती है। हड्डियों को मजबूत करे के लिए किडनी विटामिन K को बनाती है और हड्डियों को मजबूत करती है। लोगो को किडनी से जुड़ी ना के बराबर जानकारी है कि हमारी किडनी कैसे काम करती है, क्या काम करती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी की लोगो ने किडनी से जुड़ी कई गलत अवधारणा बनाई हुई हैं। आज हम इस आलेख में इसी विषय विषय पर बात करेंगे कि किडनी कैसे काम करती है और किडनी से जुड़े क्या मिथक है।
किडनी जुड़े क्या-क्या मिथक है?
आपने ऊपर जाना कि किडनी किस प्रकार से कम करती है और वह कितना आवश्यक काम करती है, इसी के कारण उसे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग कहा जाता है। लेकिन कुछ लोगो ने किडनी से जुड़े हुए कुछ मिथकों पर विश्वास कर लिया है, जिसके चलते वह अपनी किडनी का ठीक से ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। चलिए जानते हैं, किडनी से जुड़े मिथक क्या है :-
किडनी के लिए हानिकारक है प्रोटीन
हमारे शरीर के विकास के लिए प्रोटीन काफी जरुरी होता है। प्रोटीन हमारे शरीर में वसा को कम करने में मदद करता और मांसपेशियों को विकसित होने में सहायता करता है। लेकिन कुछ लोगो का मानना है कि प्रोटीन जे सेवन से किडनी खराब हो जाती है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। अगर हमारे शरीर में ज्यादा प्रोटीन होता है तो खून का निर्माण ज्यादा होता है जो हमारी किडनी के लिए अच्छा होता है। प्रोटीनयुक्त डाइट ज्यादा फायदेमंद है और इससे किडनी पर किसी तरह का इफेक्ट नहीं पडता है। हां, अगर आप बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
एक किडनी पर नहीं रहती स्वस्थ जिंदगी
किसी के पास एक किडनी दो सूरतो में ही हो सकती है, पहला जन्म से एक ही किडनी का होना और दूसरा, किसी कारण के चलते एक किडनी को शरीर से अलग किया जाना हो। लोगों में यह गलत धारणा होती है कि जिन लोगो की एक किडनी हो वह बीमार रहते हैं। जिन लोगो को इस बात की खबर रहती है कि उनके पास एक ही किडनी है उनका जीवन स्तर उन लोगो के मुकाबले काफी अच्छा होता है, जिनकी किसी कारण के चलते एक किडनी अलग की गई हो। क्योंकि उन्हें यह ज्ञात रहता है कि उनके पास एक ही किडनी है और उन्हें इसी किडनी के सहारे से जीवन व्यतीत करना है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए वह लोग अच्छी लाइफस्टाइल का चयन करते हैं।
बियर से पथरी नहीं होती
कुछ लोगो की धारणा बन चुकी है कि बियर पीने से पथरी की समस्या दूर हो जाती है। लेकिन यह धारणा एक दम गलत है, बियर का अधिक सेवन करने से ऑक्ज्लेट और यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है जिससे किडनी से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। बीयर का अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जो शरीर में कई तरह के संक्रमण होने की संभावना को भी बढ़ा देता है। इन संक्रमण में किडनी संक्रमण, मूत्र संक्रमण, रक्त संक्रमण हो सकता है। बियर के सेवन से उच्च रक्तचाप और मधुमेह होने का खतरा बढ़ता है, और यह दोनों किडनी खराब होने के बड़े कारण माने जाते हैं।
ज्यादा पानी पीना किडनी लिए होता है लाभकारी
सभी लोग कहते हैं आप जितना पानी पियोगे आपकी किडनी के लिए उतना ही अच्छा होता है। लेकिन ऐसा कहना गलत है। अधिक मात्रा में पानी पीने से आपकी किडनी को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अधिक पानी पीने से किडनी में पानी जमा होने लगता है जिससे किडनी में सूजन की शिकायत हो सकती है। अधिक पानी के कारण पेशाब ज्यादा बनता है जिससे किडनी पर दबाव पड़ता है। किडनी की बीमारी से बचने के लिए लोगों के तरल भोजन को वरीयता देनी चाहिए।
किडनी फेल्योर में केवल एक किडनी फेल होती है
कुछ लोगो का मानना है कि जब कोई व्यक्ति क्रोनिक किडनी डिजीज यानि किडनी फेल्योर से जूझता है तो उसकी केवल एक ही किडनी खराब होती है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, व्यक्ति की एक साथ दोनों किडनी भी खराब हो सकती है। यह स्थिति रोगी के लिए काफी खतरनाक होती है।
स्त्री - पुरुष एक दुसरे को नहीं दे सकते किडनी
किडनी ट्रांसप्लांट आम तौर पर उन रोगियों का किया जाता है जो किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी के के अंतिम चरण में होते हैं। किडनी ट्रांसप्लांट का ओपरेशन किडनी डोनर पर निर्भर है। किडनी डोनर या तो एक मृत व्यक्ति होता है जीवित व्यक्ति होता है। लेकिन लोगो की यह धारणा बिलकुल गलत है कि कोई पुरुष किसी महिला को और महिला किसी पुरुष को किडनी नहीं दे सकता या सकती। यदि दोनों की शारीरिक रचना और समान ब्लड ग्रुप वाले स्त्री-पुरूष एक दूसरे को किडनी दे सकते हैं।
किडनी के मरीजों को सूजन आ जाती है
किडनी खराब होने पर कई लोगो को शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आ जाती है। लेकिन ऐसा हर किसी किडनी रोगी के साथ नहीं होता। यह स्थिति केवल उन लोगो में ही दिखाई देती है जो लोग सामान्यत: मधुमेह, उच्च रक्तचाप और पेशाब से जुड़ी समस्या से जूझ रहें हो। किडनी खराब होने पर पैरों, कमर, और चेहरे पर सूजन आ सकती है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।