क्या किडनी रोगी नींबू का सेवन कर सकते हैं?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्या किडनी रोगी नींबू का सेवन कर सकते हैं?

नींबू हमारे स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद है, भारत में काफी समय से ही नींबू का प्रयोग किया कई तरीकों से किया जा रहा है। आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में भी नींबू का प्रयोग किया जाता रहा है। आपको बता दें, नींबू एक खट्टा फल है, आयुर्वेद और चरक संहिता में भी नींबू के गुणों का वर्णन मिलता है। नींबू के अंदर बहुत से पोषक तत्व मिलते हैं जिनके चलते यह हमारे स्वस्थ के लिए काफी लाभकारी है। अगर नींबू के पोषकत तत्वों की बात करें तो आपको बता दें, इसमें बहुत से एंटीऑक्सिडेंट और एंटीट्यूमर गुण के साथ-साथ विटामिन और खनिज भी अच्छी मात्रा में होते हैं। यह एक मौसमी फल है जो विशेष रुप से गर्मियों में अपनी उपयोगिता दर्शाता है। आपको नींबू की तासीर ठंडी होती है, जिसके चलते इसका सेवन गर्मियों में करने की सलाह दी जाती है। गर्मियों में मौसम में यह शरीर को ठंडक देता है। सर्दियों में नींबू का अधिक इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसका अधिक सेवन शरीर में किसी तरह की समस्या को भी उत्तपन कर सकता है।

क्या किडनी रोगी नींबू का सेवन करें?

नींबू निसंदेह ही किडनी के लिए काफी लाभकारी होता है। अक्सर यह सवाल पुछा जाता है कि क्या किडनी रोगी नींबू का सेवन कर सकते हैं? तो इसका उत्तर है - नहीं, आप नींबू का सेवन रोजाना बड़े आराम से कर सकते हैं, लेकिन किडनी रोगी को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए। किडनी खराब होने के दौरान किडनी रोगी को खट्टी चींजों का परहेज दिया जाता है, जिसके चलते नींबू खाने की मनाही होती है. इसके अलावा नींबू में सोडियम और पोटेशियम की मात्रा भी अधिक होती है, जो खराब हुई किडनी को और खराब करने में समर्थन देता है. इसके अलवा यह किडनी रोगी निम्न प्रकार भी नुकसान पहुंचा सकता है :-

पाचन से जुड़ी समस्या

नींबू के रस (नींबू पानी) का ज्यादा सेवन करना भारी पड़ सकता है, इससे पेट खराब होने का खतरा रहता है। नींबू का रस एसिडिटी लेवल को संतुलन में बनाए रखता है, इसकी अधिकता बढ़ने से पेट में दर्द और एसिड रिफ्लक्स और जलन की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए कम मात्रा में नींबू का रस लें या इसे खाने के साथ या पानी में मिलाकर ही पिएं।

निर्जलीकरण की समस्या

इसके सेवन से पेशाब अधिक मात्रा में आता है, जिसके चलते शरीर में पानी और सोडियम की कमी हो जाती है। अधिक पेशाब होने के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है।

अस्थमा और माइग्रेन

नींबू का अधिक सेवन करने से अस्थमा और कभी-कभी माइग्रेन की समस्या को जन्म दे सकता है। इसलिए अगर आप पहले से ही अस्थमा और माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको नींबू का सेवन बहुत कम मात्रा में ही करना चाहिए।

क्या नींबू से किडनी को कोई फायदा नहीं होता?

नहीं, ऐसा नहीं है कि नींबू से केवल नुकसान ही हो, नींबू खाने से किडनी को कई तरह के फायदे भी होते हैं. आपने ऊपर नींबू के अधिक सेवन के कारण होने दुष्प्रभावों के बारे में जाना, अब हम आपको बताते हैं संतुलित मात्रा में नियमित रूप से नींबू का सेवन करने से यह किडनी के लिए कैसे फायदेमंद साबित होता है। संतुलित मात्रा में नींबू का सेवन करने से आपकी किडनी निम्नलिखित तरीकों से स्वस्थ बनी रह सकती है :-

पाचन मजबूत करें - नींबू का जूस आपके पाचन तन्त्र को मजबूत करने में काफी सहायक होता है। इसके जूस का सेवन कर आप कब्जब, गैस और इस तरह की पेट से जुड़ी कई बीमारीयों का उपचार कर सकते हैं। आप नींबू के रस की कुछ बूंदों को अपने आहार में मिलाकर इसका सेवन करें, इससे ना केवल खाने का स्वाद बढ़ेगा बल्कि आपका पाचन तन्त्र भी मजबूत होगा नींबू में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट आपके खून को साफ रखने का काम करते है। भोजन के बाद एक गिलास नींबू पानी जरूर पीना चाहिए। यह आपके स्वालस्य्ा के लिए लाभकारी होता है।

मधुमेह काबू करे – नींबू के सेवन से मधुमेह को काबू में किया जा सकता है। इसके अंदर घुलनशील फाइबर और विटामिन सी की उच्च मात्रा होता है, इसी कारण इसे सुपरफूड्स की श्रेणी में रखा गया है। घुलनशील फाइबर और विटामिन सी दोनों ही मधुमेह वाले लोगों को फायदा पहुंचाते हैं। नींबू में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है, और कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नींबू अन्य खाद्य पदार्थों के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम कर सकता है। फ़िलहाल इस बात को लेकर अभी विरोधाभास है, आप चिकित्सक की सलाह ही इसका सेवन करें।

किडनी स्टोन से राहत दिलाये – पथरी का कारण अधिकतर किडनी में कुछ खास तरह के साल्ट्स का जमा हो जाना होता है। इसमें सबसे पहले स्टोन का छोटा खंड (निडस) बनता है, जिसके चारों ओर सॉल्ट जमा होता रहता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पथरी होने की आशंका ज़्यादा होती है। इसके पथरी के कई जेनेटिक कारण, हाइपरटेंशन, मोटापा, मधुमेह और आंतों से जुड़ी कोई अन्य समस्या भी हो सकती हैं। नींबू पानी में उच्च मात्रा में साइट्रेट होता है, और कई मानव अध्ययनों ने पाया है कि यह किडनी की पथरी के इलाज में मदद कर सकता है। किडनी में पथरी होने पर आप चिकित्सक की सलाह पर इसका सेवन कर सकते हैं।

गठिया की समस्या दूर करे – नींबू का सेवन करने से गठिया जैसी दर्द भरी समस्या से छुटकारा मिलता है। किडनी खराब होने पर गठिया की समस्या हो सकती है। गठिया होना किडनी की खराबी की तरफ इशारा करता है।

लीवर मजबूत करे – अगर आप अपने आहार में नींबू को शामिल करते हैं तो यह आपके लीवर के लिए बहुत ही उपयोगी और फायदेमंद होता है। यह आपके लीवर में पित्तश के उत्पाोदन को बढ़ाता है। जो हानिकारक विषाक्तार को दूर करता है। नींबू में उपस्थित विटामिन सी शराब के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है।

उच्च रक्तचाप काबू करे – उच्च रक्तचाप होने के कारण किडनी खराब होने का खतरा रहता है। नींबू का रस पीना दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए सहायक होता है, क्योंकि इसमें पोटेशियम होता है। यह उच्च रक्तचाप, चक्कर आना और मतली को नियंत्रित करता है, क्योंकि यह मन और शरीर दोनों के लिए एक शांत सेन्सेशन प्रदान करता है। यह आमतौर पर मानसिक तनाव और अवसाद को कम करने के लिए काम करता है।

मूत्र विकार दूर करे – नींबू के मूत्र वर्धक माना जाता है, लेकिन फ़िलहाल इसे लेकर कोई एक राय नहीं है। इसके अंदर विटामिन सी और एस्कॉर्बिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है। नींबू के यह दोनों तत्व डाइयुरेटिक तत्व के नाम से जाने जाते हैं इसका मतलब है कि यह किडनी में यूरीन के निर्माण को बढ़ाते हैं।

रक्तस्राव से राहत दिलाए – कई कारणों के चलते शरीर के अंदर रक्तस्राव जैसी गंभीर समस्या हो जाती है, जिसके चलते व्यक्ति को गंभीर स्थितों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपको नींबू का इस्तेमाल करना चाहिए, नींबू में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, इसलिए यह आंतरिक रक्तस्राव को रोक सकता है। आप नींबू का रस थोड़ी से रूई पर लेकर और नाक के रक्तस्राव को रोकने के लिए इसे अपने नाक के अंदर रख सकते हैं।

वजन कम करे – वजन का बढ़ना कई बीमारियों को न्योता देता है। एक बार वजन बढ़ना शुरू जाए तो उसे काबू में करना बहुत मुश्किल होता है। वजन कम करने के आप नींबू पानी का उपयोग कर सकते हैं।। वजन कम करने के लिए आप नींबू पानी में शहद को मिला कर इसका सेवन कर सकते है। इसका सेवन करने से निश्चित ही आपका वजन कम हो जाएगा।

ऊपर वर्णित की गयी सभी बीमारियाँ और समस्याएं जिनके होने के कारण किडनी खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए आपको इनसे बचकर रहना चाहिए, ताकि आपकी किडनी स्वस्थ बनी रहें।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा वर्ष 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन इसका नेतृत्व कर रहे हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आपको बता दें कि आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी की इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी ठीक करने को लेकर चमत्कार के रूप में साबित हुआ है।

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