गर्मियों के आते ही बाज़ार में खरबूजे की मांग काफी बढ़ जाती है। बढ़े भी क्यों न आखिर खरबूजा हमें तपती गर्मी से जो बचाता है। तक़रीबन हम सभी लोग गर्मी से बचने के लिए खरबूजा तो बड़े चाव से खाते हैं लेकिन इसके बीजों को खरबूजा खाने के तुरंत बाद ही बेकार समझ निकाल कर फेंक देते हैं। लेकिन आपको यह जान कर हैरानी होगी कि खरबूजे के छोटे-छोटे बीज यानि मगज हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं। इस फल के बीज जहाँ खाने में स्वादिष्ट होते हैं वहीं कई पौषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं, जिसकी वजह से यह हमारी किडनी के लिए काफी लाभकारी है। आज के इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आखिर कैसे इन बीजों के सेवन से किडनी कैसे स्वस्थ बनी रहती है।
मजग के अंदर क्या-क्या पौषक तत्व मौजूद होते हैं?
खरबूजे के बीज यानि मजग खरबूजे की तरह कई पौषक तत्वों से धनि होते हैं, जिसकी वजह से यह हमें बहुत से रोगों से बचा कर रखते हैं। खरबूजे के बीज हमें मधुमेह, पाचन से जुड़ी बीमारियों से निजात दिलाने में सक्षम है। विटामिन्स की बात कि जाए तो इनमे आपको विटमिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मिलता है। वहीं अगर खनिजों के बारे में बात की जाएं तो इन बीजों में प्रोटीन, पोटाशियम, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे कई खनिज प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इन सभी के अलावा खरबूजे के बीज में आपको एंटीओक्सिडेंट तत्व भी मिलते हैं जो कि आपको कई समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करते हैं।
खरबूजे के बीज ऐसे रखते हैं किडनी को स्वस्थ
आपने ऊपर जाना कि आखिर खरबूजे के बीजों में कितने पौषक तत्व मौजूद हैं, तो आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह हमारे स्वास्थ्य और हमारी किडनी के लिए कितने लाभकारी है। यह बीज हमारी किडनी को कई ऐसी शारीरिक समस्याओं से दूर रखते हैं जिनकी वजह से किडनी खराब होने आशंका काफी बढ़ जाती है। अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको इसे अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। तो चलिये जानते हैं आखिर कैसे यह बीज आपकी किडनी को स्वस्थ रखते हैं :-
मधुमेह से करे दूर
जो व्यक्ति मधुमेह की जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है उसके लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि उसका जीवन एक दम फीका होता है, क्योंकि उस व्यक्ति को अपने खाने पीने को लेकर बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। मधुमेह से जूझने वाले व्यक्ति को हमेशा यही डर रहता है की कहीं कुछ खाने से रक्त शर्करा ना बढ़ जाए। आपको बता दें खरबूजे के बीज की मदद से रक्त शर्करा को कम किया जा सकता है, इसके अलावा इसके नियमित सेवन से मधुमेह होने के और भी कई कारणों से निदान मिलता है। यह आपके शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढाने में मदद करता है, जिससे शरीर वमे ग्लूकोज का स्तर कम होता है। खरबूजे के बीज खासतौर पर टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए उत्तम है। ध्यान हो कि मधुमेह किडनी खराब होने का सबसे बढ़ा कारण है, इसलिए इसे हमेशा काबू में ही रखना चाहिए।
हड्डियों को करे मजबूत
खरबूजे के बीज हमारी हड्डियों को ना केवल मजबूत करने में हमारी सहायता करते हैं बल्कि यह हमारी हड्डियों के घनत्व को भी सुधारने में मदद करते हैं। बढती उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व घटने लगता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में हड्डियों का घनत्व तेज़ी से घटता है। विशेषकर जो महिलाऐं बच्चों के जन्म में 2 साल से कम का अंतर नहीं रखती उनकी हड्डियों का घनत्व तेज़ी से घटता है। इसलिए महिलाओं को हड्डियों के घनत्व को नियंत्रित करने के लिए खरबूजे के बीजों का सेवन नियमित रूप नसे जरुर करना चाहिए। ऐसे बहुत से कम लोग हैं जिन्हें इस बारे में जानकारी है कि किडनी खून साफ करने के साथ में हमारी हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करती है। लेकिन जब किडनी खराब हो जाती है तो वह अपने इस काम को ठीक से नहीं कर पाती। इसलिए अगर आप मगज का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी पर काम का बोझ नहीं पड़ता और वह खराब नहीं होती।
वजन कम करे
अगर आप अपने लगातार बढ़ते वजन के कारण परेशान है और हर मुमकिन कोशिश करने के बाद भी आपका वजन कम होता नज़र नहीं आ रहा, तो आपको खरबूजे के बीजों का सेवन करना चाहिए। खरबूजे के बीज वजन कम करने में काफी असरदार है। मगज में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कि शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करते हैं, जिससे आपका वजन कम होने लगता है। साथ ही यह भूख को भी नियंत्रण में करता है, जिसकी वजह से आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती आपका वजन कम होने लगता है। जो व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त होता है उसका शरीर कई बीमारियों से घर होता है जिनमे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होना आम है और यह सभी समस्याएँ किडनी खराब करने के लिए काफी है। इसलिए हमेशा अपने वजन को काबू में रखना चाहिए।
पाचन को करे दुरुस्त
खरबूजे के बीज वजन तो कम करते ही है साथ ही आपका पाचन तन्त्र सुधारने में भी मदद करते हैं। मजग में फाइबर होता है जो कि भोजन को तेज़ी से पचाने में मदद करता है। इसके अलावा यह बच्चों के लिए भी काफी उपयोगी है। बच्चों के पेट में अक्सर कीड़े पैदा हो जाते हैं जो कि पाचन की समस्या को पैदा कर देते हैं। अगर आप बच्चों को नियमित रूप से खरबूजे के बीज का सेवन कराएं तो इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। पेट से जुड़ी समस्याएँ होने पर लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और लीवर में आई किसी भी समस्या का सीधा असर किडनी पर पड़ता है, जिससे उसकी कार्यक्षमता कम होने लगती है। इसके अलावा पाचन से जुड़ी समस्या होने पर रक्तचाप उच्च होने लगता है जिससे किडनी के नेफ्रोन खराब होने लगते हैं।
उच्च रक्तचाप को करे नियंत्रित
वर्तमान समय में तक़रीबन हर दूसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहा है। यह समस्या वैसे तो बड़ी आमा सी नज़र आती है, लेकिन इसका सीधा नकारात्मक प्रभाव किडनी पर पड़ता है। उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण होता है, इसीलिए इसे हमेशा काबू में ही रखना चाहिए। रक्तचाप को नियंत्रण में करने के लिए खरबूजे के बीज बहुत ही सहायक होते हैं। खरबूजे के बीजों के अंदर पोटेशियम मिलता है जो कि रक्त से सोडियम को अलग करता है और रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाकर उन्हें फैलने में मदद करता है। ऐसा होने पर शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू होता है और रक्तचाप काबू में आने लगता है।
क्या खरबूजे के बीज खाने से कुछ नुकसान भी हो सकता है?
खरबूजे के बीज के फायदें तो हमे जरुर मिलते हैं, लेकिन इसके सेवन से हमारे स्वस्थ पर कुछ नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं। खरबूजे के बीजों से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के कारण हमें इसके सेवन के दौरान कुछ सावधानियों का ध्यान जरुर रखना चाहिए, जिससे हम इसके नकारात्मक प्रभाव से बच कर रह सके। खरबूजे के बीज के नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित है –
- गर्भवती महिलाओं को खरबूजे के बीजों के सेवन से बचना चाहिए। देखा गया है विशेषकर दूसरी तिमाही के बाद अगर गर्भवती महिला खरबूजे के बीजों का सेवन करे तो उसे उच्च रक्तचाप जैसी समस्या का सामने करना पड़ सकता है।
- अगर आप किडनी से जुडी किसी भी प्रकार की दवा लें रहे हैं तो बिना चिकित्सक की सलाह के इनका सेवन ना करे।
- जो व्यक्ति उच्च रक्तचाप की दवा का सेवन कर रहे हैं तो मगज का सेवन ना करे। क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में पोटाशियम होता है और उव्ह रक्तचाप की दवाओं में भी पोटाशियम होता है। जिससे आपके शरीर में पोटाशियम की मात्रा अधिक होने से खून पतला हो सकता है, इसके साथ कुछ और भी समस्याएँ हो सकती है।
- इसके अंदर उच्च मात्रा में फाइबर होता है। अधिक मात्रा में फाइबर लेने से शरीर में सूजन, दस्त, और गैस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
किडनी फेल्योर कि बीमारी को आयुर्वेद की मदद से पूर्णतः खत्म किया जा सकता है। आयुर्वेद में में इतनी शक्ति है की वह हर रोग जड़ से ख़त्म करने की ताक़त रखता है। बल्कि अंग्रेजी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। लेकिन आयुर्वेद में बीमारी को खत्म किया जाता है। आज भारत में “कर्मा आयुर्वेदा” प्राचीन भारतीय पद्धत्ति की मदद से किडनी फेल्योर का सफल इलाज कर रहा है। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही आपको बता दें की डॉ. पुनीत धवन ने 48 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है।