सलाद हमारे आहार का सबसे अहम हिस्सा है, इसके बिना खाना अधुरा ही लगता है। जिस प्रकार सलाद के बिना खाना अधुरा लगता है ठीक उसी प्रकार खीरे के बिना सलाद अधूरी होती है। खीरा ना केवल हमारी सलाद को पूरा करता है बल्कि हमारी सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है, खासकर किडनी के लिए। खीरे के अंदर पाए जाने वाले पोषक तत्व किडनी को खराब होने से बचाते हैं। इसके साथ-साथ खीरे का नियमित सेवन करने से आप कई ऐसी बीमारियों से भी बचे रहते हैं जिसके चलते किडनी खराब होने का खतरा बना रहता है। आपको बता दें कि किडनी हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग होने के साथ-साथ सबसे संवेदनशील अंग भी है | यह बड़ी आसानी से खराब हो जाती है, ऐसे में हमें किडनी को स्वस्थ रखने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए।
खीरे में क्या-क्या पोषक तत्व पाए जाते हैं?
खीरे के अंदर काफी मात्रा में पानी पाया जाता है, एक मध्यम आकार के खीरे में तकरीबन 96 प्रतिशत पानी की मात्रा होती है। किडनी को अपना काम करने के लिए पानी की काफी आवश्यकता होती है, शरीर में पानी की कमी से किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पानी के अलावा खीरे में हमें तांबा, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, शुगर, घुलनशील और अघुलनशील फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, मैंगनीज, फैटी एसिड, और अमीनो एसिड जैसे जरुरी तत्व मिलते हैं, जो कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अगर विटामिन्स की बात करें तो खीरे में विटामिन के, विटामिन बी, और विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में मिलता है।
इस प्रकार किडनी के लिए लाभकारी है खीरा
आपने ऊपर खीरे के पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जाना, यह अपने इन्हीं पोषक तत्वों की मदद से आपकी किडनी को स्वस्थ रखता है। मालूम हो कि किडनी कई समस्याओं और रोगों के चलते खराब हो जाती है, खीरा आपको उन्हीं कई रोगों और समस्याओं से बचा कर रखता है जिससे आपकी किडनी खराब नहीं होती। तो चलिए जाने आखिर कैसे खीरा हमारी किडनी को खराब होने से बचाता है।
निर्जलीकरण से बचाए
खीरा आपको निर्जलीकरण से बचाता है। शरीर में पानी की कमी होने के चलते आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि मूत्र संक्रमण, रक्त का गाढ़ा होना इत्यादि, यह सभी समस्याएँ किडनी फेल्योर का जोखिम बढ़ा देती है।
मूत्र विकार से राहत दिलाए
यदि आप किसी मूत्र विकार से जूझ रहे हैं तो आपको खीरे का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। खीरा एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक उत्पाद है, जो ना केवल पेशाब की मात्रा में वृधि करता है बल्कि तमाम मूत्र विकारों से छुटकारा दिलाता है। हमारी किडनी शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरीए शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है। लेकिन किडनी खराब होने के कारण वह इस कार्य को करने में असमर्थ होती है।
किडनी की सफाई करे
खीरा आपकी किडनी की सफाई करने में काफी सहायता करता है। यह अपने पानी और कई पोषक तत्वों की मदद से ऐसा करता है। किडनी की सफाई होने से किडनी की कार्यक्षमता बढ़ जाती है और किडनी अच्छे से रक्त साफ कर पाती है।
मधुमेह काबू करे
अगर आप मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको खीरे का सेवन जरुर करना चाहिए। खीरे की मदद से आप अपने बढ़े हुए मधुमेह को आसानी से कम कर सकते हैं। खीरे के सेवन से अग्न्याशय उत्तेजित होने लगता है इसके कारण शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है। बढ़ा हुआ इन्सुलिन तेज़ी से रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करने लगता है। इसके अलावा यह कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने लगता है। इन्ही कारणों से खीरे के सेवन से मधुमेह तेज़ी से कम होता है। खीरे को ग्लाइसेमिक सूचि में 0 रेटिंग दी गयी है। जिससे यह साबित होता है खीरा मधुमेह के रोगियों के लिए सर्वोत्तम आहार है। आपको बता दें कि मधुमेह किडनी खराब होने का एक बड़ा कारण है।
उच्च रक्तचाप
उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है और खीरा रक्तचाप को नियंत्रित करने में काफी सहायक होता है। इसमें पोटेशियम होता है जो कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसके अलावा खीरे में फाइबर और मैग्नीशियम भी मिलता है जो रक्त वाहिकाओं को शांत करने का कार्य करते हैं। रक्त वाहिकाएं शांत होने से शरीर में रक्त आराम से प्रवाह होता है। आपको बता दें कि पोटेशियम की अधिक मात्रा किडनी के लिए हानिकारक होती है।
वजन कम करे
खीरे के अंदर दो प्रकार का फाइबर मिलता है एक घुलनशील और दूसरा अघुलनशील। यह दोनों मिल कर आपके वजन को कम करने में आपकी मदद करते हैं। खीरे के अंदर काफी मात्रा में पानी होता है जो कि आपके शरीर में वसा को घटाने में मदद करता है। अगर आप अपना बढ़ा हुआ वजन तेज़ी से कम करना चाहते हैं तो खीरे को उसके छिलके के साथ खाना शुरू करें, इससे जल्द ही आपका वजन कम होना शुरू हो जायगा। बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों को आमंत्रित करता है, जैसे – उच्च रक्तचाप और मधुमेह जो कि किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारण माने जाते हैं।
पाचन सुधारे
खीरे में काफी मात्रा में पानी होता है जो पाचन को सुधारने में मदद करता है। पाचन को सुधारने के लिए काम आने वाला एरैपसिन एंजाइम खीरे में पाया जाता है। यदि आप खीरे का सेवन करे तो एरैपसिन एंजाइम आपका पाचन दुरुस्त करने में आपकी सहायता करेगा। इसके अलावा खीरे में प्रोटीन मिलता है जो आपके शरीर में मौजूद जरूरी खनिजो का अवशोषण होने से रोकता है। इसके अलावा खीरे के छिलके में अघुलनशील फाइबर होता है जो आपके पेट में जाने के बाद घुलते नहीं है। यह अघुलनशील फाइबर कब्ज की परेशानी से मुक्ति दिलाने में संजीवनी की तरह कार्य करता है। खीरा पेट को किसी अन्य एलोपैथी और आयुर्वेदिक औषधि से कहीं तेजी से साफ करने में कारगर होता है। पेट को ठीक रखने के लिए आप रोजाना छिलके के साथ एक खीरे का सेवन करें।
क्या खीरा खाने से कोई नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है?
खीरा भले ही आपको कई रोगों से बचाता है, लेकिन इसका सेवन करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान जरुर रखना चाहिए। खीरा कुछ स्थितियों में आपके ऊपर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। इसलिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
- अगर आप सांस से जुड़ी किसी बीमारी से पीड़ित है तो आपको खीरा नहीं खाना चाहिए। यह तासीर में ठंडा होता है जिससे आपको साँस लेने में समस्या हो सकती है।
- अगर आपको कच्ची चीजों से संक्रमण है तो आपको खीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अगर खीरा खाने से आपको उल्टियाँ आने लगती है या पाचन खराब होने जैसी शिकायत होती है तो आपको खीरे का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप फिर भी खीरा खाना चाहते हैं तो इसके सेवन से पहले आप इसे कुछ घंटो के लिए पानी में डाल कर रखें और फिर इसका सेवन करें।
आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का उपचार
आयुर्वेदिक किडनी उपचार की मदद से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इस रोग को हमेशा के लिए खत्म करने की ताक़त मौजूद है, जबकि एलोपैथी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। कर्मा आयुर्वेदा में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हमारे शरीर में कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।