प्रोटीन एक तरफ तो व्यक्ति को स्वस्थ रखने में मदद करता है और वहीं दूसरी तरफ शरीर में इसकी अधिकिता होने पर व्यक्ति को कई समस्याएं भी हो सकती है। शरीर में अगर प्रोटीन की अधिक मात्रा हो जाए तो पीड़ित व्यक्ति की किडनी तक भी खराब हो सकती है। आज के इस लेख हम इसी विषय में चर्चा करेंगे कि आखिर प्रोटीन हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों जरूरी है और यह पेशाब के जरिये शरीर से बाहर क्यों आने लगता है?
प्रोटीन क्या है और यह हमारे लिए क्यों जरूरी है?
मानव शरीर के विकास के लिए प्रोटीन बहुत जरुरी होता है। शरीर की संरचना में जल पहला स्थान रखता है और प्रोटीन का स्थान दूसरा होता है। इसी से पता चलता है कि प्रोटीन शारीरिक विकास के लिए कितना आवश्यक होता है। मानव शरीर के विकास के लिए प्रोटीन का होना बहुत जरुरी होता है, बिना प्रोटीन के मानव शरीर कभी भी विकास नहीं कर सकता।
मनुष्य के शरीर में प्रोटीन रक्त कोशिकाओं, हड्डियों, ऊतक, हार्मोन आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। प्रोटीन मानव शरीर का आधार होता है, लेकिन अगर इस आधार की शरीर में अधिकता हो जाए तो व्यक्ति को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रोटीन का निर्माण ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, कार्बन और गंधक जैसे जैविक तत्वों के मिश्रण से होता है। वहीं कुछ प्रोटीन में आयरन, आयोडीन, फास्फोरस, ताम्र जैसे कुछ अन्य अजैविक तत्व भी मौजूद होते हैं। प्रोटीन में नाइट्रोजन मौजूद होता है, जिसके कारण यह कार्बोज और वसा (FAT) से भिन्न होता है। प्रोटीन , एमिनो अम्ल नामक छोटी-छोटी इकाइयों के मेल से बने होते हैं।
पेशाब में प्रोटीन कब आने लगता है?
प्रोटीन के महत्व से हम सभी बचपन से ही वाकिफ है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि अधिक प्रोटीन हमारे लिए नुकसानदेह भी हो सकता है? अगर शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाए तो शरीर में कीटोंस की मात्रा बढ़ जाती है। कीटोंस एक विषैला तत्व है जिसका शरीर में बढ़ाना कई नकारात्मक प्रभावों को जन्म देता है। कीटोंस को शरीर से बाहर निकालने के लिए किडनी को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। कीटोंस को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया में शरीर में पानी की खपत अधिक होती है, जिससे व्यक्ति को डीहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जिम जाने वाले व्यक्तियों में कीटोंस की मात्रा बढ़ने का खतरा अधिक रहता है।
जब प्रोटीन पेशाब के जरिये शरीर से बाहर आने लगता है, तो इस समस्या को प्रोटीन लोस और प्रोटीनुरिया कहा जाता है। प्रोटीन से जुड़ी यह समस्या दो कारणों के चलते होती है,
पहला - जब किसी समस्या के कारण किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाते हैं या किसी अन्य समस्या के चलते किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है, तो उस दौरान किडनी प्रोटीन को रक्त के साथ शरीर में प्रवाहित करने में असमर्थ हो जाती है। इस कारण प्रोटीन पेशाब के द्वारा शरीर से बहार आने लगता है।
दूसरा - जब शरीर में प्रोटीन की अधिक मात्रा हो जाती है, तो उस दौरान प्रोटीन पेशाब के साथ शरीर से बाहर आने लगता है। प्रोटीनुरिया की समस्या होने का यह कारण पहले कारण से थोडा कम गंभीर माना जाता है। क्योंकि इसमें किडनी को कोई क्षति नहीं होती। हाँ, अगर इस समस्या का जल्द उपचार ना किया जाए तो किडनी जल्द खराब हो सकती है।
पेशाब में प्रोटीन आने से किडनी कैसे खराब होती है?
पेशाब में प्रोटीन आने से किडनी खराब होने का खतरा रहता है। क्योंकि इस समस्या के दौरान किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाते हैं। किडनी के फिल्टर्स खराब होने पर ना केवल प्रोटीन पेशाब के साथ शरीर से बाहर जाता है, बल्कि कई पोषक तत्व भी शरीर से बाहर जाने लगते हैं। फिल्टर्स खराब होने पर किडनी रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को ठीक से अलग नहीं कर पाती, जिससे शरीर में अपशिष्ट उत्पादो की मात्रा अधिक हो जाती है। अगर प्रोटीनुरिया होने पर इसका ठीक से उपचार ना किया जाए तो ही किडनी खराब होती है। आपको ऐसे समय पर आयुर्वेदिक उपचार ही लेना चाहिए। शरीर में अधिक प्रोटीन होने से ना केवल किडनी खराब होती है, बल्कि इससे अचानक रक्त में शर्करा का स्तर भी गिर सकता है। अचानक रक्त शर्करा का स्तर गिरने से बेहोशी, कमजोर यादाश्त और पीलिये जैसी समस्याओ के साथ-साथ क्रिएटिनिन के स्तर में हलकी उछाल भी देखा जा सकती है। शरीर में प्रोटीन की अधिक मात्रा सप्लीमेंट्स के सेवन से सबसे ज्यादा होती है।
पेशाब में प्रोटीन आने पर इसकी पहचान कैसे करे?
जब किसी व्यक्ति को कोई समस्या होती है, तो उसके शरीर में उसके कोई न कोई लक्षण दिखाई देते हैं, जिनकी पहचान कर बीमारी का पता लगाया जाता है। ठीक उसी प्रकार जब किसी व्यक्ति के पेशाब में प्रोटीन आने लगता है, तो इसके कई लक्षण उसके शरीर में दिखाई देते हैं, जिनकी पहचान कर आप इस समस्या से निदान पा सकते हैं जो कि निम्नलिखित है:-
- झागदार पेशाब आना
- पेशाब के रंग में परिवर्तन
- पेशाब की मात्रा में परिवर्तन
- हाथ, पैर, चेहरे पर अचानक सूजन
- सांस लेने में तकलीफ
- सिने में दर्द और दबाव होना
- देर रात को बार-बार पेशाब आन आदि
- उच्च रक्तचाप
- कमजोरी, चक्कर आना
- भूख की कमी
- मधुमेह होने पर अधिक पेशाब आना या कम पेशाब आना
क्या इस समस्या से निजात पाई जा सकती है?
हाँ, इस गंभीर समस्या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप सबसे पहले अपने खानपान की आदत में सुधार करें, ताकि आप इससे जल्दी और आसानी से छुटकारा पा सके। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रखे :-
मछली का सेवन ना करें - मछली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो पेशाब में प्रोटीन आने की समस्या को और बढ़ा सकती है। इसलिए माह में केवल एक बार ही मछली का सेवन करें। प्रोटीन लोस होने के कारण आपके शरीर को प्रोटीन की जरुरत तो होती है, लेकिन आपको फलों से प्रोटीन लेना चाहिए।
मानसिक तनाव ना रखे - मानसिक तनाव रखने से नींद की कमी हो सकती, जिसकी वजह से रोगी की डाईट पर प्रभाव पड सकता है। इससे रोगी की हालत और खराब हो सकती है।
खूब पानी पिये - जिस व्यक्ति के पेशाब में प्रोटीन आता है, उस रोगी को खूब पानी पीना चाहिए और सोडा के सेवन से परहेज करना चाहिए।
व्यायाम करे - रोजाना व्यायाम करने से शरीर में प्रोटीन की मात्रा संतुलित बनी रहती है। जिससे पेशाब में प्रोटीन आने का खतरा कम हो जाता है।
रक्त चाप को काबू रखे – जिन व्यक्तियों के पेशाब में प्रोटीन आता है, उन्हें रक्तचाप को काबू में रखना चाहिए। क्योंकि रक्तचाप उच्च होने से परेशानी और अधिक बढ़ सकती है, जिससे किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझने वाले व्यक्तियों को अपने आहार में बैंगन, नारियल पानी, मशरूम, ओट्स, दही जैसी चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। साथ ही रोगी को नमक का सेवन ना के बराबर ही करना चाहिए, आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। ध्यान दें, आहार में कुछ भी शामिल करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
आयुर्वेदिक उपचार – पेशाब में प्रोटीन आने की समस्या होने पर व्यक्ति को केवल आयुर्वेदिक उपचार ही लेना चाहिए। क्योंकि आयुर्वेदिक औषधियां हर रोग को जड़ से खत्म करती है, साथ ही आयुर्वेद किसी भी रोग को वापिस होने से भी रोकता है।
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