मखाना भारत में नवरात्रों और अनेक उपवासों में खाए जाने वाली सबसे खास चीज़ है। यह खाने में बहुत ही हल्का होता है और आजकल इसे हल्के–फुल्के स्नैक्स के तौर पर आहार में शामिल किया जाता है। चीन में स्नैक्स के रूप में इसकी सबसे ज्यादा खपत की जाती है। मखाना चीन से होते हुए चीनी यात्रियों के साथ लगभग 3 हज़ार साल पहले भारत में आया था। चीन में पहले से ही इसकी खेती काफी बड़े हिस्से में की जाती रही है, वहीं भारत में अब इसकी खेती केवल कुछ हिस्सों में की जाती है। भारत में पहले इसकी खेती मणिपुर की लोकटल झील में और बिहार के कुछ हिस्सों में की जाती थी, लेकिन फ़िलहाल इसकी खेती पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर, मणीपुर, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी की जाने लगी है। मखाने को कमल के बीज के नाम से भी जाना है और यह दलदली भूमि या फिर पानी के अंदर उगाया जाता है। मखाने की खेती करने के लिए कम से कम तीन फीट गहरे पानी और मिट्टी की जरुरत होती है।
मखाने में क्या-क्या पोषक तत्व पाए जाते हैं?
मखाना भले ही वजन में हल्का होता है, लेकिन इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी उपयोगी होते हैं। मखाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, वसा, कैल्शियम एवं फास्फोरस के अलावा केरोटीन, लोह, निकोटिनिक अम्ल एवं विटामिन बी-1 भी पाया जाता है। मखाने के पोषक तत्वों की प्रतिशत में बात की जाए तो इसमें 9.7% प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है (यह मात्रा प्रति 100 ग्राम के आधार पर बताई गई है।
मखाना किडनी को ऐसे रखता है स्वस्थ
विशेषकर प्रसाद और स्नैक्स के रूप में प्रयोग किये जाने वाला मखाना किडनी के लिए काफी लाभकारी होता है। मखाना एक खास किस्म की औषधि है जो कि किडनी से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ हमें कई समस्याओं से बचाता है। मखाना खासतौर पर आपको कुछ ऐसी समस्याओं से बचाता है, जिसके कारण आपकी किडनी खराब हो सकती है। तो आइये जानते हैं, कैसे मखाना हमारी किडनी को खराब होने से बचाता है :-
उच्च रक्तचाप से राहत दिलाए
उच्च रक्तचाप के रोगियों को मखाने का सेवन जरुर करना चहिये। इसमें पोटेशियम उचित मात्रा में मिलता है जो कि रक्त प्रवाह को संचालित करने और रक्त दबाव को कम करने में सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा मखाना सोडियम को कम करने में भी काफी मदद करता है। रक्त में सोडियम की मात्रा अधिक होने पर रक्तचाप को बढ़ने लगता है और मखाना रक्त में मौजूद अतिरिक्त सोडियम को कम कर देता है, इसके कारण आपका उच्च रक्तचाप कम होने लगता है। बता दें कि किडनी फेल्योर के मरीजों का रक्तचाप बड़ा हुआ रहता है। जिसे काबू में करना बहुत मुश्किल होता है। (पौषक तत्वों को ध्यान में रखने हुए किडनी रोगी को मखाना खाने की मनाही होती है।)
अनिद्रा से छुटकारा दिलाए
दिन भर की थकावट के बाद भी अगर आपको अच्छी नींद नही आती तो आपको मखाना का सेवन शुरू कर देना चाहिए। मखाना आपको अच्छी नींद दिलाने में काफी मदद करता है। यह आपकी घबराहट को कम करता है, आपकी तमाम तंत्रिकाओं को शांत करता है साथ ही आपकी रक्त वाहिकाओं को आराम से रक्त प्रवाह करने में मदद करता है। इन सभी कार्यों के कारण आपका शरीर बहुत शांत महसूस करता है और आपको अच्छी और गहरी नींद आती है। आपको बता दें कि किडनी खराब होने पर अक्सर रोगी को अनिद्रा से जूझना पड़ता है।
हृदय को स्वस्थ रखे
यदि आप हृदय से जुड़ी किसी भी प्रकार की बीमारी से बचना चाहते हैं, तो आपको मखाने का सेवन जरुर करना चाहिए। मखाना आपके हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है। मैग्नीशियम हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता है। मैग्नीशियम ओक्सीजन के अलावा बाकि सभी पोषक तत्वों को हृदय तक आसानी से पहुचने में मदद करता है। लगातार मखाना खाने से आप कोरोनरी हृदय रोग के साथ अन्य सभी हृदय रोगों से निदान दिलाता है। दिल से जुड़ी समस्या होने पर किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते आपकी किडनी भी खराब हो सकती है।
वजन कम करने में मदद करे
मखाना सबसे बड़ी बीमारी को खत्म करने में भी आपकी सहायता करता है। मोटापा सबसे बड़ी बीमारी की श्रेणी में आता है, क्योंकि मोटापा होने के बाद आपका शरीर बीमारियों का घर बना जाता है। ऐसे में यदि आप मखाने का सेवन करते हैं, तो आपका वजन जल्द ही कम होने लगेगा। मखाने में उच्च मात्रा में फाइबर मिलता है और ना के बराबर वसा होती है जो कि आपका वजन करने में मदद करता है। इसके अलावा कमल के ये बीज ग्लिसेमिक इंडेक्स में कम होते हैं, जो आपके अंदर पूर्ण की भावना को बढाता है (जल्द पेट भरने की भावना) और आप थोड़े ही भोजन में संतुष्ट हो जाते हैं, जिससे आपका वजन नहीं बढ़ता। वजन बढ़ने के कारण किडनी खराब होने की आशंका बढ़ने लगती है।
सूजन से राहत दिलाए
मखाना खाने से आपके शरीर में होने वाली हर प्रकार की सूजन से मुक्ति मिलती है। मखाने में फ्लोवानोइड्स काफी मात्रा में मिलता है जो कि सूजन को खत्म करने में मदद करता है। आपको बता दें कि किडनी खराब होने के कारण शरीर के काफी हिस्सों में सूजन देखने को मिलती है, जिसे आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा कम किया जा सकता है।
मधुमेह से छुटकारा दिलाए
मखाने में फाइबर प्रचुर मात्रा में मिलता है। फाइबर रक्त में शर्करा को कम करने में फायदेमंद होता है। इसलिए यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो आपको मखाने का सेवन जरुर करना चाहिए। आपको बता दें कि उच्च रक्तचाप के साथ मधुमेह किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है, जिसे काबू में रखना चाहिए।
किडनी विकार से राहत दिलाए
मखाने के अंदर बहुत से ऐसे तत्व मिलते हैं जो कि हमारी किडनी को मजबूत और साफ करने में काफी मदद करते हैं, इसके साथ यह रक्त्शोधन में भी काफी सहायक होते हैं। बता दें कि किडनी रक्त्शोधन का महत्वपुर्ण कार्य करती है और मखाना भी रक्त शोधन का कार्य करता है। इससे किडनी का काम कम हो जाता है जिससे आपकी किडनी मजबूत होने लगती है।
मखाना खाने के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
आपको यह जान कर हैरानी होगी की मखाना से किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं होती। मखाना एक दम पवित्र आहार होता है, जिसके कारण इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता। लेकिन फिर भी हमे कुछ बातों का ध्यान जरुर रखना चहिये जो निमिन्लिखित हैं –
- यदि आप किसी प्रकार की दवा लें रहे हैं, तो आपको चिकित्सक की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
- अगर आप मधुमेह के रोगी है और इन्सुलिन ले रहे हैं तो बिना चिकित्सक की सलाह के मखाना का सेवन ना करें।
ध्यान दें, यह लेख एक स्वस्थ को ध्यान में रखकर लिखा गया है, ताकि किडनी को खराब होने से बचाया जा सके। किडनी रोगी को किसी भी रूप में मखाने का सेवन नहीं करना चाहिए।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद द्वारा विफल हुई किडनी को स्वस्थ किया जा सकता है। एलोपैथी उपचार के मुकाबले आयुर्वेदिक उपचार से किसी भी प्रकार के रोग को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है, बशर्ते कि रोगी औषधियों के साथ-साथ परहेज का सही से पालन करें। आयुर्वेदिक उपचार द्वारा विफल हुई किडनी को स्वस्थ करते समय डायलिसिस जैसे जटिल उपचार का सहारा नहीं लिया जाता। डायलिसिस रक्त शोधन की एक कृत्रिम क्रिया है, इसे एलोपैथी उपचार के दौरान प्रयोग किया जाता है। जबकि आयुर्वेदिक उपचार में कुछ खास जडी-बुटीयों का प्रयोग कर किडनी को स्वस्थ किया जाता है।
अगर आप अपनी खराब हुई किडनी को ठीक करना चाहते हैं तो आपको कर्मा आयुर्वेदा में जरूर संपर्क करना चाहिए। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा वर्ष 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। इस समय कर्मा आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कि कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। डॉ. पुनीत धवन एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक है, जिन्होंने अब तक 48 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की खराब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना किडनी डायलिसिस और किडनी फेल्योर के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है।