क्या हाइपरटेंशन से हो सकती है किडनी खराब?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्या हाइपरटेंशन से हो सकती है किडनी खराब?

किडनी हमारे शरीर का सबसे जरुरी अंग होने के साथ-साथ यह सबसे संवेदनशील अंग भी है। यह हमारी थोड़ी सी लापरवाही के चलते खराब हो जाती है। हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल के चलते हमारी किडनी सबसे जल्दी खराब होती जा है। किडनी के कराय की बात करें तो आपको बता दें कि यह हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करने का सबसे जरुरी काम करती है। इसके अलावा किडनी हड्डियों को मजबूत करने और खून बनाने जैसे कई और भी काम करती है।

खून को साफ करने के समय किडनी उसमे मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को निकल कर उन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन किडनी हमारी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के चलते खराब हो जाती है, जिसमे सबसे आम समस्या है हाइपरटेंशन। अक्सर हम लोग इस समस्या को हल्के में लेते हैं और भविष्य में इसका दुष्परिणाम सहना पड़ता है।

हाइपरटेंशन क्या है?

हाइपरटेंशन रक्तचाप से जुड़ी हुई एक आम समस्या है, जिसे हम आम भाषा में उच्च रक्तचाप और हाई बीपी के नाम से भी जानते हैं। जिस समय हमारा दिल धड़कते हुए रक्त धमनियों (Blood Arteries) के माध्यम से पूरे शरीर में रक्त संचार की क्रिया को करता है, तो उस दौरान रक्त जिस दबाव के साथ रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) की दीवारों से टकराता है, उस दबाव को रक्तचाप कहा जाता है। जब हमारा दिल रक्त रक्त प्रवाह करने के लिए सिकुड़ता है,

उस समय रक्त प्रवाह का दबाव सबसे ज्यादा होता है, इस दबाव के माप को प्रंकूचक (सिस्टोलिक) दबाव के नाम से जाना जाता है। जिस समय दिल रक्त प्रवाह करने के बाद आराम की स्थिति में आता है, उस समय रक्त का दबाव बहुत कम हो जाता है, इस रक्त दबाव माप को प्रसारक (डायस्टोलिक) दबाव कहा जाता है। लेकिन जब रक्त का प्रवाह सामान्य से अधिक हो तो उसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह स्थिति कई समस्याओं को जन्म देती है, अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से इस समस्या से जूझता है तो उसे किडनी से जुड़ी परेशानी होना लाजमी है।

वयस्कों के लिए सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg माना जाता है। आम तौर पर 140/90 mmHg से अधिक रक्तचाप को वयस्कों के लिए उच्च माना जाता है और 90/60 mmHg को कम। वर्तमान समय में खराब दिनचर्या के कारण लोगो को उच्च रक्तचाप की समस्या होना आम बात होती जा रही है। उच्च रक्तचाप की समस्या कोई आम बात नहीं है, इसके कारण आपकी किडनी भी खराब हो सकती है।

हाइपरटेंशन होने के क्या कारण है?

हाइपरटेंशन समस्या हमारी गलत आदतों के चलते होती है। वैसे आपको बता दें हाइपरटेंशन के होने के पीछे फ़िलहाल तक कोई खास कारण नहीं माना गया है। अक्सर बढ़ती उम्र के साथ-साथ भी हाइपरटेंशन की समस्या होना आम बात है। आमतौर पर हाइपरटेंशन की परेशानी होने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –

  • धूम्रपान करना
  • मोटापा या लगातार वजन बढ़ता
  • शारीरिक गतिविधियां ना करना
  • आहार में नमक अधिक मात्रा
  • शराब का अधिक करना
  • मानसिक और शारीरिक तनाव
  • बढ़ती उम्र
  • रक्त से जुडी कोई अन्य समस्या
  • वंशानुगत
  • किडनी से जुड़ी कोई समस्या
  • किडनी फेल्योर

हाइपरटेंशन से इस प्रकार होती है किडनी खराब

दरअसल जब रक्त में सोडियम (salt) जैसे अपशिष्ट की मात्रा अधिक हो जाती है तो किडनी को इसे साफ करने में समस्या आने लग जाती है। रक्त में सोडियम और कई अन्य अपशिष्ट उत्पादों की अधिक मात्रा होने से व्यक्ति को उच्च रक्त्चाप की समस्या शुरू हो जाती है।

सोडियम से भरे हुए रक्त को साफ करने के दौरान किडनी फिल्टर्स पर दबाव पड़ना शुरू हो जाता है और समय के साथ फिल्टर्स खराब होना शुरू हो जाते हैं, जिसे किडनी खराब होना भी कहा जा सकता है। किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाने के कारण रक्त में विषाक्त तत्वों की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे किडनी पर और अधिक दबाव पड़ने लगता है और परिणामस्वरूप किडनी खराब हो जाती है।

अक्सर लोग हाइपरटेंशन की समस्या को बहुत हल्के में लेते हैं, लेकिन यह किडनी खराब होने के सबसे मुख्य कारणों में गिना जाता है। हाइपरटेंशन के कारण व्यक्ति और भी कई परेशानियाँ हो सकती है लेकिन इसके कारण होने वाली सबसे बड़ी समस्या है किडनी का खराब होना। यह ना केवल किडनी खराब होने का कारण बल्कि यह किडनी खराब होने का लक्षण भी है।

इसलिए अगर आप उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए, इससे पहले की देर हो जाए। आपको बता दें कि एक बार किडनी के फिल्टर्स खराब होने के बाद उन्हें ठीक करना बहुत ही मुश्किल होता है।

क्या हाइपरटेंशन होने पर इसकी पहचान की जा सकती है?

हाँ, हाइपरटेंशन होने पर इसकी पहचान की जा सकती है। जब किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है तो उसके शरीर में इसके कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें पहचान कर व्यक्ति इससे बच सकता है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि हाइपरटेंशन से जूझने वाले लगभग एक-तिहाई लोगो को इस बारे में जानकारी ही नहीं होती।

हाइपरटेंशन के बारे में जानने का सबसे बढ़िया तरीका है, मशीन द्वारा रक्तचाप की जांच करना। अगर आपके किसी रक्त संबंधि को उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप की समस्या है तो आपको अपने रक्तचाप की जाँच जरुर करानी चाहिए। हाइपरटेंशन होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-

  • असहनीय सरदर्द
  • थकान
  • भ्रम की स्थिति होना
  • नज़रों की समस्या
  • छाती में दर्द
  • सांस लेने मे तकलीफ
  • अनियमित दिल की धड़कन
  • मूत्र में रक्त
  • छाती, गर्दन, या कान में तेज दर्द होना

क्या हाइपरटेंशन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है?

हाँ, हाइपरटेंशन जैसी गंभीर परेशानी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है, बशर्ते कि अपनी दिनचर्या में में बदलाव लाने होंगे। हाइपरटेंशन होने का सबसे बड़ा कारण होता है नमक का अधिक सेवन करना। इसके आपको हमेशा कम मात्रा में ही नमक का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप फलों और कई चीजों के माध्यम से भी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। उच्च रक्तचाप यानि हाइपरटेंशन से छुटकारा पाने के लिए आप निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं :-

  • अजमोद यानि सेलेरी के सेवन से आप हाइपरटेंशन की समस्या से दूर बने रहते हैं। इसके अंदर पैथालाईड (phthalide) पाया जाता है जो कार्बनिक रासायनिक यौगिक तत्व हैं, यह आपके रक्त में मौजूद तनाव हार्मोन के स्तर को काफी हद तक कम कर देता है। यह यौगिक तत्व आपके रक्त वाहिकाओं को विस्तारित करने में सहायता करता है जिससे चलते आपके खून को स्थानांतरित करने के लिए अधिक जगह मिलती है और परिणामस्वरूप खून में दबाव कम हो जाता है। ऐसा होने से आपका उच्च रक्तचाप संतुलित निम्न स्तर पर आ जाता है। हाइपरटेंशन किडनी खराब होने के सबसे खास करणों में गिना जाता है।
  • हाइपरटेंशन का एक प्रमुख कारण होता है रक्त का गाढ़ा होना। रक्त गाढ़ा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप लहसुन का सेवन कर सकते हैं।
  • मूली एक साधारण सब्जी है, पर इसे खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी को मिनरल्स व सही मात्रा में पोटेशियम मिलता है, जो रक्त से सोडियम निकालने में मदद करता है। मूली के सेवन से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। मूली किडनी रोगी के लिए काफी मददगार होती है। यह किडनी को साफ़ करती है, साथ ही यह किडनी स्टोन से भी रहत दिलाती है।
  • जब आपको हाइपरटेंशन की समस्या हो तो, आप आधा गिलास मामूली गर्म पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर एक चम्मच घोलकर 2-2 घंटे के अंतराल पर पिये।
  • तरबूज के बीज के अंदर का हिस्सा और खसखस अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। हाइपरटेंशन से जूझने वाले रोगी तैयार इस चूर्ण का रोज सुबह एक चम्मीच सेवन करें।
  • उच्च रक्तचाप को जल्दी नियंत्रित करने के लिए आप आधा गिलास पानी में आधा नींबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें, इससे आपका उच्च रक्तचाप जल्द ही काबू में आने लगेगा।
  • हाइपरटेंशन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको भुट्टे के रेशों से बनी चाय का सेवन करण चाहिए। इससे आपका बढ़ा हुआ रक्तचाप काबू में आने लगेगा।
  • अगर आप हाइपरटेंशन की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको अमरुद का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए। यह आपके बढे हुए रक्तचाप को नियंत्रण में लाने में सहायता करता है। इसमें पोटेशियम आपकी सबसे ज्यादा सहायता करता है। पोटाशियम ना केवल रक्त वाहिकाओं को शांत करने में मदद करता है बल्कि रक्त संचार को भी सुचारू करता है। ऐसा होने से रक्तचाप काबू में आने लगता है।
  • आपको बता दें, पोटेशियम की ज्यादा मात्रा किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालती है लकिन इसमें पोटेशियम काफी मात्रा में होता है, जितना की हमारे शरीर को इसकी जरुरत होती है। उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे कारण माना जाता है। अगर आप उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको इसे काबू में करने की जरुरत है।

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