क्रैनबेरी है किडनी रोगी के लिए फायदेमंद

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्रैनबेरी है किडनी रोगी के लिए फायदेमंद

क्रेनबेरी का वैज्ञानिक नाम वैक्सीनियम मैक्रोकारण (Vaccinium Macrocarpon) है। यह देखने में एक छोटा या फल होता है, लेकिन इसके अधिक फायदे होते हैं। क्रेनबेरी का इस्तेमाल सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अचार बनाने के लिए किया जाता है। क्रेनबेरी में आयरन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जो किडनी के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसमें अधिक पौष्टिक तत्व होते हैं जैसे – विटामिन, कैल्शियम और मिनरल्स कई बीमारियों से भी कोसो दूर रखने में मदद करते हैं। क्रेनबेरी के सेवन से आप किडनी की समस्या होने का खतरा कम कर सकते हैं। साथ ही यदि आपको किडनी की समस्या है तो उसमें आपको राहत मिल सकती है। क्रेनबेरी भूख बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है, प्यास रोकता है और दस्त को बंद करता है। इसके साथ-साथ इसमें और भी कई औषधिक गुण है जो हमारे लिए लाभदायक है।

क्रेनबेरी के पाएं जाने वाले पोष्क तत्व

क्रेनबेरी में कई प्रकार के पोष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रेनबेरी न सिर्फ देखने में सुंदर है बल्कि इसके अंदर काफी सारे पोषक तत्व भी पाएं जाते हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने में हमारी मदद करता है। साथ ही इसके पौष्टिक तत्व हमें बीमारियों से भी बहुत दूर रखते हैं। क्रेनबेरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कि - कैलोरीज, फेट, कोलेस्ट्रॉल, सोडियम, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और मिनरल्स आदि।

क्रेनबेरी से रोगों का इलाज

क्रेनबेरी के सेवन से हम कई जानलेवा बीमारियों से भी बच सकते हैं। अगर हम इन बीमारियों से खुद को बचा कर ना रखें, तो आने वाले समय में यह बीमारियां एक खतरनाक रूप ले सकती है और इसका अंजाम ले सकती है जैसे जानलेवा किडनी फेल्योर। अगर हम खुद को इन बीमारियों से बचा कर ना रखे तो आने वाले समय में हमारी किडनी खराब हो सकती है। किडनी के खराब होने से पहले हमें इसकी रोकथाम करनी चाहिए। क्रेनबेरी से कैसे आप जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं।

यूरिन इंफेक्शन

यूरिन की जांच से हमारे पूरे शरीर में होने वाली परेशानियों को पता लगाया जा सकता है। यूरिन में आने वाली किसी भी प्रकार की कोई भी खामी किडनी में दिक्कत होने की तरफ इशारा करती है, लेकिन कभी-कभी हमें यूरिन इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। यूरिन इंफेक्शन हमारे लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए हम क्रेनबेरी के जूस का सेवन कर सकते है। क्रेनबेरी के जूस से हमें ना केवल मूत्र प्रणाली के रोगों में बल्कि पाचन शक्ति बढ़ने में भी मदद मिलती है। क्रेनबेरी के सेवन से यूरिन के रास्ते गंदे बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं। क्रेनबेरी के जूस में विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट और सेलीसायलिक एसिड होता है। क्रैनबेरी जूस में प्रोएंथोसायनेडिंस होते हैं, जो ब्लैडर की वॉल पर बैक्टीरिया और कोशिकाओं को मिलने से रोकते हैं। इसलिए क्रेनबेरी को खाने और इसके रस को पीने से यूटीआई की समस्या ठीक होती है।

दिल

करौंदे के सेवन से हम दिल की बीमारियों से दूरी बना सकते है। इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर ह्रदय संबंधी रोगों से बचाता है। रोज 1 ग्लास लो-कैलरी क्रैनबेरी जूस पीने से दिल की बीमारियों का खतरा 10 फीसदी तक कम हो जाता है।

कोलेस्ट्रॉल

करौंदे के जूस से हम अपने अंदर बनने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म कर सकते है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दिन में एक गिलास क्रैनबेरी के रस का पीने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। क्रैनबेरी में मौजूद पोलीफेनॉल्स भी प्लेटलेट बिल्ड-अप को रोकने और रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं जिससे हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं।  क्रैनबेरी में मौजूद पॉलफिनॉल हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने वाले सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

डायबिटीज

डायबिटीज के मरीज को किडनी से जुड़ी समस्या होने का खतरा बना रहता है और उससे बचने एक लिए आप क्रेनबेरी का सेवन कर सकते हैं।

वजन

अगर आपका वजन बढ़ता जा रहा है तो क्रैनबेरी का सेवन करने से वो काबू में किया जा सकता है। बढ़ता वजन किडनी की समस्या का कारण बन सकता है या फिर किडनी की समस्या को गंभीर कर सकता है।

पाचन

करौंदे का सेवन करने से आप अपनी पाचन क्रिया को सुधार सकते हैं जो पेट की समस्या होने से बचाता है। आपकी पाचन क्रिया अच्छी रहती है तो किडनी के काम पर भी असर कम पड़ता है और वो अपना काम सही तरह करते हुए, स्वस्थ बनी रहती है।

लेकिन ध्यान रखें कि, इसका सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

किडनी इंफेक्शन के लिए आयुर्वेदिक उपचार

दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है, जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो सकें। आयुर्वेद में बहुत सी ऐसी जड़ी-बूटीयां हैं जो, किडनी के लिए बेहतर साबित हुई है जैसे –

  • पुनर्नवा
  • शिरीष
  • गोखरू
  • गुदुची
  • पलाश
  • त्रिफल
  • वरूण
  • हल्दी
  • अदरक
  • दालचीनी

प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है। आयुर्वेद किडनी की समस्या जिसका लक्ष्य प्राकृतिक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्वों में उचिक इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण सामाप्त करना है। यह न केवल एक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि मानव शरीर में उपस्थित आंतरिक महत्वपूर्ण शक्तियों या प्राकृतिक तत्वों के अनुरूप एक जीवनशैली है। यह जीवन कला तथा विज्ञान में एक संपूर्ण क्रांति है। इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हल्की पक्की सब्जियां विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती है। प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों और गरीब देशों के लिए विशेष रूप से वरदान है।

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