आयुर्वेदिक उपचार तन-मन, शरीर के उपचार के लिए प्राचीन उपचार तकनीक है। आयुर्वेद में किसी भी तरह की शारीरिक बीमारियों से सभी परेशानियों को बाहर निकालता है। जैसे कफ और वात शामिल है। साथ ही किसी भी चैनल में अवरोध शरीर में बीमारियों और समस्याओं का कारण बन सकता है। आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य किडनी रोग के इलाज के लिए अपरिष्कृत जड़ी-बूटियों और दवाओं का उपयोग करते हैं।
रीनल फेल्योर
किडनी का शरीर में मुख्य काम रक्त को शुद्धिकरण करना हैं। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो तब किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे किडनी फेल्योर कहा जाता हैं।
रीनल फेल्योर से होने वाले कारण:
रीनल फेल्योर की समस्या के लिए खराब वातावरण और दूषित खानपान जिम्मेदार माना जाता हैंय़ बहुत बार किडनी में परेशानी कारण एंटीबायोटिक्स दवाओं का ज्यादा सेवन करने से भी होता हैं। साथ ही मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है और बढ़ता औद्योगीकरण और शहरीकरण भी किडनी रोग कारण बन रहा है।
रीनल फेल्योर से होने वाले लक्षण:
- हाथ, पैर और एड़ियों में सूजन
- रक्तचाप का बढ़ना
- जी मिचलाना और उल्टी होना
- शरीर में कमजोरी महसूस होना
- थोड़े काम में ही सांस फूलना
- नींद न आना
- गंभीर स्थितियों में कोमा या बेहोश होना
- शरीर में रक्त की कमी (एनीमिया)
रीनल फेल्योर के सामान्य विकल्प:
जब किडनी खराब हो जाती है, तो इसके इलाज के लिए दो विकल्प बचते हैं। ताउम्र डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण कराना। डायलिसिस की प्रक्रिया काफी मेहंगी होती हैं। आम आदमी इतना खर्चा नहीं उठा पाते हैं और मरीज़ का पूरा परिवार तनावग्रस्त हो जाते हैं।
रीनल फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
जो व्यक्ति किडनी रोग से जूझ रहा है और डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना अपने किडनी फंक्शन को ठीक रखना चाहता हैं, तो हर्बल चिकित्सक उनके स्वास्थ्य को सुधारने में उनकी मदद कर सकते हैं। प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके वह बीमारी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़वा दे सकते हैं और शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगो को नुकसान से रोक सकते हैं।
भारत का एकमात्र किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये अस्पताल 1937 में स्थापित किया गया था। वह आयुर्वेदिक दवाओं के साथ रोगियों के लिए एक व्यक्तिगत डाइट चार्ट की भी सलाह देते हैं। आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में हर वर्ष किडनी रोगियों के साथ सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है।