डॉक्टर पुनीत धवन द्वारा आयुर्वेद में किडनी डैमेज का उपचार

अल्कोहोल और किडनी रोग

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मानव शरीर का एक ऐसा अंग होता हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर पेशाब के रूप में निकालने में मदद करती हैं। रक्त को साफ करने का काम करने वाली किडनी ज्यादातर हमारी लापरवाही का शिकार होती हैं। किडनी शरीर के बीचों बीच कमर के पास होती हैं, ये अंग मुट्ठी के बराबर होती हैं। हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं। यदि एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता हैं।

बता दें कि, ह्रदय के द्वारा पम्प किए गए खून का 20 प्रतिशत किडनी में जाता हैं जो खून को साफ होकर वापस शरीर में चला जाता हैं। इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देता हैं और सारे  टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकाल देते हैं। खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाइयों की वजह से किडनी के ऊपर बुरा प्रभाव डालता हैं। किडनी की बीमारी के बारे में सबसे बूरी बात ये है कि इसका पता शुरूआती अवस्था में नहीं चलता हैं। जब अंतिम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना जरूरी होता हैं। किडनी डैमेज होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर आते हैं।

किडनी डैमेज होने के लक्षण:

  • पेशाब करने की मात्रा और समय में बदलाव आना
  • पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या एकदम कम होना
  • पेशाब के रंग बदलाव आना
  • बार-बार पेशाब आने का अहसास होना
  • पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना
  • पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना
  • पेशाब करते वक्त रक्त आना
  • झागदार पेशाब आना
  • किडनी में सूजन आना
  • अधिक थकान और कमजोरी आना
  • चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी
  • हर समय ठंड महसूस होना
  • त्वचा में रैशेज और खुजली

किडनी डैमेज के कारण –

  • पेशाब आने पर करने न जाना
  • पानी कम मात्रा में पीना
  • अधिक मात्रा में नमक खाना
  • हाई ब्लड प्रेशर हैं और अगर आप उसके इलाज में लापरवाही करना
  • शुगर के इलाज में लापरवाही
  • अधिक मात्रा में मांस खाना
  • दर्द नाशक दवाएं लगातार लेना
  • अधिक शराब पीने से लिवर के साथ-साथ किडनी खराब होना
  • काम के बाद जरूरी मात्रा में आराम न करना
  • अधिक मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा पीना

किडनी डैमेज का निदान -

उन रोगियों में जिन्हें शरीर में सूजन है उनके लिए पहली स्टेज हैं नेफ्रोटिन सिंड्रोम का निदान करना। प्रयोगशाला जांच से इसकी पुष्टि करनी चाहिए।

डॉ. पुनीत धवन द्वारा किडनी डैमेज का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद जैसी चिकित्सा प्रणालियां आज की दुनिया में वैकल्पित उपचार माना जाता हैं। कुछ लोग झट से ऐसे उपचारों को नकार देते हैं, लेकिन दूसरे उन पर पूरा विश्वास करते हैं। एलोपैथी, आयुर्वेदिक उपचार या सिद्ध उपचार में से सही उपचार चुनना एक भ्रामक चीज हो सकती हैं। इस लेख में सद्गुरू हर प्रकार के उपचार के फायदों के बारे में बता रहे हैं। वह किसी एक उपचार को सर्वोत्तम बताने की बजाए सभी प्रणालियों के साथ लेकर चलने की अहमियत पर बल देते हैं।

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके दवाएं बनाई जाती हैं जो रोग को पूरी तरह से ठीक करने के लिए काफी बेहतर माना गया हैं। भारत में प्रसिद्ध आयुर्वेदिक केंद्र में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 में दुनिया भर के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसके नेतृत्व में एक अनुभवी आयुर्वेदा चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन हैं। डॉ. पुनीत एलोपैथी उपचार के अभ्यास पर विश्वास नहीं रखते हैं और किडनी रोग के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ एक उचित डाइट चार्ट की सलाह भी देते हैं।

बता दें कि, कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र हैंष इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। वह आयुर्वेदिक किडनी उपचार के अलावा किसी और पर विश्वास नहीं करते, क्योंकि ये रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता हैं और इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक और आयुर्वेदिक किडनी उपचार से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया हैं। कर्मा आयुर्वेदा भारत के साथ-साथ एशिया के भी जाने-माने अस्पतालों में से एक हैं।

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