तरबूज के बीज है आयुर्वेदिक औषधि

अल्कोहोल और किडनी रोग

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तरबूज के बीज है आयुर्वेदिक औषधि

गर्मियों के मौसम में तरबूज खाना किसे पसंद नहीं होता। तरबूज हमें तपती गर्मी से बचाता है। सभी लोगो को गर्मियों में तरबूज खाना बहुत पसंद होता है लेकिन उसके बीज नहीं। लोग तरबूज खाते समय उसके बीजों को जितना हो सके उतना पहले से ही निकाल देते है, क्योंकि तरबूज खाते समय उसके बीज स्वाद खराब कर देते है। साथ ही हमें बचपन से यह बात बताई गयी है की ‘अगर हम तरबूज के बीजों को सेवन करेंगे तो हमारे पेट में उसका पेड़ उग जायगा’।

इसके आलावा लोगो में एक भ्रम है की तरबूज के बीज खाने से सेहत को नुकसान होता है, इसलिए हमें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन यह बात मिथ्या है, तरबूज के साथ साथ उसका बीज भी हमारी सेहत के लिए एक दम सुरक्षित होने के साथ काफी उपयोगी भी है। तरबूज का बीज हमें कई रोगों से बचा कर रखता है। तरबूज के बीजों में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते है, जिन्हें अच्छे से चबा कर खाने से हमारी सेहत को फायदा होता है।

तरबूज के बीज में पोषक तत्व  :-

लोगो की यह धारणा बन चुकी है की तरबूज के बीज नुकसान देह होते है क्योंकि यह खाने में कड़वे होते है। तरबूज के बीज दो प्रकार के होते है एक सफ़ेद और दूसरा काले। दोनों में बस रंग का ही अंतर है उसके अलावा कुछ भी नही। कला बीज पूरी तरह से पक चूका होता है और सफ़ेद अपनी पकना बाकी होता है। दोनों ही प्रकार के बीजों में सामान पोषक तत्व मिलते है। तरबूज के बीज में मैग्नीशियम, पोटाशियम, फैटी एसिड, और बहुत से विटामिन भी मिलते है। इसके साथ इन बीजों में एक खास प्रकार का लिनोलिक एसिड भी मिलता है जो त्वचा और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए बहुत उपयोगी होता है। तरबूज के बीज के अलावा इन बीजों से बना तेल भी हमारी सेहत के लिए काफी उत्तम होता है। यह सभी पोषक तत्व हमें बहुत से रोगों से बचाते है।

रोगों में तरबूज के बीज :-

जैसा की आपने ऊपर लिखे आलेख में पढ़ा की तरबूज के बीज में इतने पोषक तत्व मौजूद है। यह सभी पोषक तत्व हमें कई रोगों से बचा कर रखते है। यह बीज हमें कुछ ऐसे रोगों से बचा कर रखते है जिनसे हमारी किडनी ख़राब होने का खतरा रहता है। निम्नलिखित कुछ ऐसे रोग है जिनके हो जाने से हमें किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा रहता है। तो आइये जानते है आखिर किस प्रकार  तरबूज के बीज हमारी किडनी को ख़राब होने से बचाते है।

मधुमेह –

तरबूज खाने में मीठा होता है इसलिए इसे मधुमेह के रोगियों के कम खाने की सलाह दी जाती है। लेकिन तरबूज के बीज की मदद से आप मधुमेह की बीमारी से आसानी से छुटकारा पा सकते है। अगर आप बिना दवाओं के सेवन के मधुमेह से छुटकारा पाना चाहते है तो आप उबले हुए तरबूज के बीजों का सेवन करे। दिन दो बार लगभग 5 से 7 उबले हुए तरबूज के बीजों का सेवन करने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है। बढ़ा हुआ इन्सुलिन रक्त में शर्करा को कम करने में सहायता करता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से मधुमेह नियंत्रण में आने लगेगा।

वजन –

तरबूज के बीज की मदद से आप अपने बढे हुए वजन को आसानी से कम कर सकते है। तरबूज के बीज में कैलरी ना के बराबर होती है इसके अतिरिक्त इसमें फाइबर भी प्रचुर मात्रा में मिलता है जो वसा को कम करने में सहायक होता है। आप रोजाना दिन में दो बार इसका सेवन करे, जल्द ही आपका वजन कम होने लगेगा।

हृदय –

यदि आप हृदय से संबंधित किसी भी बीमारी से जूझ रहे है तो आपको तरबूज के बीजों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। इसके अंदर मिलने वाले कुछ पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को सुचारू रूप से रक्त प्रवाह करने में मदद करते है। साथ ही यह रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। जिसके चलते हृदय तक नियमित रूप से रक्त पहुचता है और आपका हृदय स्वस्थ रहता है।

किडनी स्टोन –

किडनी में स्टोन का होना बहुत ही पीड़ादायक होता है। इससे छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन आप तरबूज के बीजों की मदद से किडनी स्टोन की बीमारी से आसानी से छुटकारा पा सकते है। किडनी स्टोन में अगर आप तरबूज के बीज से बनी चाय का सेवन करते है तो बड़ी आसानी से आप इस बीमारी से निजत पा सकते है, यह उपाय रामबाण औषधि की तरह काम करता है। तरबूज के बीजों की चाय बनाने के लिए आप लगभग चार चम्मच तरबूज के बीज ले उन्हें अच्छी तरह से मसल ले। मसले हुए इन बीजों को आप दो लीटर पानी में लगभग 15 मिनट तक अच्छी तरह से उबाले। अब आपकी चाय तैयार है, इस चाय का सेवन लगातार दो दिनों तक करे फिर तीसरे दिन छोड़ दे इसके बाद दोबारा दो दिन तक सेवन करे। इस क्रिया को कुछ सप्ताह तक करे। देखते ही देखते आपकी पथरी खत्म हो जायगी। यदि आप किसी प्रकार के मूत्र विकार से जूझ रहे है तो आप भी इसे आजमा सकते है।

पाचन –

तरबूज के बीज आपकी पाचन सख्ती को मजबूत करने में भी काफी सहायक होते है। दरअसल तरबूज के बीजों में डायट्री फाइबर प्रचुर मात्रा में मिलता है जो आपकी पाचन शक्ति को बढाने के लिए काफी उपयोगी और जरुरी तत्व होता है।

कमजोरी –

यदि आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे है या फिर किसी बीमारी से निजात पा चुके है, ऐसे में अआप्को अपने शरीर में काफी कमजोरी महसूस होगी। इस कमजोरी को समय के साथ दूर किया जाता है। लेकिन आप तरबूज के बीज की मदद से जल्दी से अपने शरीर की कमजोरी को दूर आकर सकते है।

तरबूज के बीजों से सावधानियां :-

तरबूज के बीज खाने से पेड़ में इसका पेड़ तो कतई नहीं उगता लेकिन हमें इसके प्रति कुछ सावधानियों का जरुर ध्यान रखना चाहिए।

  • तरबूज के बीज का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से परहेज करना चाहिए।
  • हो सके तो इसे उबाल कर ही इसका सेवन करे।
  • यदि आप किसी बीमारी के लिए खास दवा का सेवन कर रहे है तो बिना चिकित्सक की सलाह के इसका सेवन ना करे। उदाहरण के लिए मधुम्हे में इन्सुलिन के इंजेक्शन।

कर्मा आयुर्वेदा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

किडनी फेल्योर की बीमारी एक जानलेवा बीमारी है। इसे अंग्रेजी उपचार से जीतना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन हम आयुर्वेद की मदद से इस जानलेवा बीमारी पर जीत हासिल कर सकते है। कर्मा आयुर्वेदा केवल प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से अपने किडनी रोगियों का इलाज करता है। कर्मा आयुर्वेदा में रोगी की ख़राब किडनी को बिना डायलिसिस किये और बिना किडनी बदले ही इस जानलेवा बीमारी से मुक्त किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वरा की गयी थी। तभी से कर्मा आयुर्वेद किडनी फेल्योर के रोगियों का उपचार कर रहा है। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे है।

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