पीलीभीत में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी शरीर का मुख्य अंग हैं जो शुद्धिकरण का काम करता हैं, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं, तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं। साथ ही जब रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता का पता किया जा सकता हैं। वैसे किडनी की क्षमता शरीर का आवश्यकता से ज्यादा होती हैं, इसलिए किडनी को थोड़ा नुकसान भी हो जाए तो रक्त की जांच में कोई खराबी देखने को नहीं मिलती हैं। जब रोग की वजह से किडनी 50% से ज्यादा खराब हो जाती हैं तभी रक्त की जांच में यूरिया और क्रिएटिनिन की बढ़ी हुई मात्रा का प्रदर्शन होता हैं। किडनी विशेष संबंध ह्रदय, फेफड़ो, यकृत और प्लीहा के साथ होता हैं। ज्यादा ह्रदय और किडनी परस्पर सहयोग के साथ काम करती हैं, इसलिए जब किसी को ह्रदयरोग होता हैं तो उसकी किडनी भी बिगड़ती हैं और जब किडनी बिगड़ती हैं तब उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता हैं और वो व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर होता जाता हैं। वैसे दिन-प्रतिदिन किडनी रोगियों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इसका मुख्य कारण हमारे द्वारा ह्रदय रोग, दमा, श्वास, क्षयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों में किया जा रहा हैं। अंग्रेजी दवाओं का लंबे समय तक अथवा आजीवन इस्तेमाल करते हैं।

किडनी फेल्योर के कारण:

किडनी फेल्योर की समस्या खासतौर पर दूषित खानपान और खराब वातावरण जिम्मेदार माना जाता हैं। कई बार किडनी में परेशानी का कारण पेन किलर का ज्यादा सेवन करने से भी होता है, साथ ही मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती हैं। साथ ही बढ़ता औद्योगीकरण और शहरीकरण भी किडनी रोग का कारण बन रहा हैं।

किडनी फेल्योर के लक्षण:

  • हाई ब्लड प्रेशर
  • शरीर मे सूजन
  • पेशाब बार-बार आना
  • पेशाब के साथ-साथ प्रोटीन पास होना
  • पेशाब के समय जलन या दर्द होना
  • शरीर में रक्त की कमी (एनीमिया)
  • नींद न आना
  • भूख न लगना

आयुर्वेदिक उपचार

भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। जो 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। किडनी फेल्योर के लिए पीलीभीत के आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। ये एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ्य क्लिनिक कर्मा आयुर्वेदा के प्रमुख हैं। उन्होंने लाखों रोगियों को आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक के साथ ठीक किया जाता हैं। साथ ही रोगियों को आयुर्वेदिक किडनी उपचार के साथ डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती हैं।

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके दवा बनाई जाती हैं। जिसमें आम जड़ी-बूटियों में पुनर्नवा, गोखुर, वरुण, कासनी और शिरीष जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता हैं जो किडनी के सभी रोग को खत्म करने में मदद करता हैं। आयुर्वेदिक किडनी उपचार सालों से भारत में चला आ रहा हैं। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक विकास से ही आयुर्वेदिक में दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली हैं जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करने पर निर्भर करती हैं।

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