पेट और किडनी इंफेक्शन, किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी हमारे शरीर से रक्त के विषाक्तक पदार्थों और अतिरिक्त पानी को पेशाब के रूप में बाहर निकालने का कार्य करती है। अगर किडनी ठीक से कार्य करना बंद कर दे, तो क्या होगा? हमारे शरीर के खून में सभी अपशिष्ट पदार्थ मौजूद रहेंगे, तो ये कई अन्य इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। एक गहरी सांस लें और विचार करें कि अगर आप इन इंफेक्शन से ग्रसित हो जाएं तो क्या होगा। किडनी का इंफेक्शन आपके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। पेट और किडनी इंफेक्शन

किडनी इंफेक्शन

मूत्रमार्ग प्रणाली या मूत्र प्रणाली का एक हिस्सा हैं जो हमारे शरीरसे पेशाह को बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी इंफेक्शन एक प्रकार का मूत्रमार्ग में होने वाला संक्रमण हैं जो आपके मूत्रमार्ग या मूत्राशय से प्रारंभ होता है और ये मूत्रवाहिनी के माध्यम से होते है हुए किडनी तक इंफेक्शन फैला देता है। इस संक्रमण को किडनी का संक्रमण या पाइलोनेफ्रोटिस भी कहा जाता है। पेट और किडनी इंफेक्शन

लक्षण:

  • बुखार
  • गर्मी में ठंड लगना
  • पीछे की ओर एक तरफ या पेट और जांघ के बीच के भाग में दर्द होना
  • पेट दर्द, बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने के दौरान जलन या दर्द होना
  • उल्टी या मतली
  • पेशाब में मवाद या रक्त आना
  • पेशाब में बदबू आना या धुंधला पेशाब आना पेट और किडनी इंफेक्शन

कारण:

पेशाब में उपस्थित बैक्टीरिया किडनी के संक्रमण का प्रमुख कारण है। किडनी और मूत्रमार्ग के इंफेक्शन में एसेरीचीया कोली (ई कोली) बैक्टीरिया की 80% भूमिका होती है। ये बैक्टीरिया के मूत्रमार्ग से होते हुए आपके पेशाब को संचित करने वाली थैली तक पंहुच जाते हैं। जहां वे बड़ी संख्या में वृद्धि करके मूत्रवाहिनी की मदद से आपकी किडनी तक पहुंच जाता है और किडनी को संक्रमित कर देते हैं। किडनी इंफेक्शन, मूत्रमार्द इंफेक्शन से अधिक हानिकारक है, क्योंकि किडनी में इंफेक्शन होने से ये बैक्टीरिया। किडनी से बहने वाले रक्त को भी संक्रमित कर देते हैं। महिलाओं में मूत्रमार्ग की लंबाई कम होने के कारण, ये इंफेक्शन पुरूषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होते हैं। ये बैक्टीरिया महिलाओं के मूत्रमार्ग को अधिक आसानी से संक्रमित कर देते हैं, क्योकिइनको महिलोओं के मूत्रशाय तक पंहुचने में कम समय लगता है। पेट और किडनी इंफेक्शन

पेट दर्द

पेट दर्द जो शरीर के एक तरफ पेट ऊपरी हिस्से और पीठ के बीच के क्षेत्र में होने वाले दर्द को कहा जाता है। फ्लेंक दर्द की आयु कम होती है ये कुछ दिनों में चला जाता हैं। ये शरीर के एक तरफ पसलियों के नीचे और श्रोणि के ऊपर स्थित होता है। साथ ही पेट दर्द की आयु कम होती है ये कुछ दिनों में चला जाता है। पेट और किडनी इंफेक्शन

पेट और किडनी इंफेक्शन का आयुर्वेदिक

किडनी रोग का इलाज ना मुमकिन है और एलोपैथिक डॉक्टर अक्सर किडनी रोग के लिए डायलिसिस की सलाह देते हैं या किडनी प्रत्यारोपण करने को कहते हैं, लेकिन अब आयुर्वेदिक उपचार से किडनी के किसी भी रोग ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करके दवाएं बनाई जाती है जिससे रोगियों को कोई नुकसान या साइड इफेक्ट नहीं होता है। भारत के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक केंद्र में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 ये दुनिया भर के मरीजों ता इलाज कर रहे हैं। इसके नेतृत्व में एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत एलोपैथिक उपचार पर विश्वास रखते हैं।  पेट और किडनी इंफेक्शन”

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